Congress MPs suspended: लोकसभा में कांग्रेस सांसद पर बड़ी कार्रवाई हुई है। कांग्रेस के पांच लोकसभा सांसदों- टीएन प्रतापन, हिबी ईडन, एस. जोथिमणि, राम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को "अपमानजनक व्यवहार" के लिए शीतकालीन सत्र के शेष भाग के लिए लोकसभा से निलंबित कर दिया गया।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा में कहा कि हम सब सहमत हैं कि कल की दुर्भाग्यपूर्ण घटना लोकसभा सदस्यों की सुरक्षा में गंभीर चूक थी और इस मामले में लोकसभा अध्यक्ष के निर्देश पर उच्चस्तरीय जांच शुरू कर दी गई है। इस मुद्दे पर किसी भी सदस्य से राजनीति की अपेक्षा नहीं की जाती, हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम करना होगा।
जोशी ने लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच कहा कि संसद में सुरक्षा में चूक की इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही हैं और उस समय के लोकसभा अध्यक्षों के निर्देशानुसार कार्यवाही चलाई जाती रही है। लोकसभा अध्यक्ष ने कल की घटना के बाद तत्काल सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई और सुरक्षा पुख्ता करने के लिए कुछ उपाय लागू कर दिये हैं, वहीं भविष्य में भी कुछ कदम उठाये जाएंगे।
संसद में सुरक्षा में चूक की इस तरह की घटनाएं पहले भी होती रही हैं और उस समय के लोकसभा अध्यक्षों के निर्देशानुसार मुद्दों पर कार्रवाई की जाती रही है। संसदीय कार्य मंत्री ने शोर-शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों से कार्यवाही आगे बढ़ाने का आग्रह किया।
उन्होंने आसन की अवमानना करने को लेकर कांग्रेस सदस्यों टी एन प्रतापन, हिबी इडेन, जोतिमणि, रम्या हरिदास और डीन कुरियाकोस को चालू सत्र की शेष अवधि के निलंबित करने का प्रस्ताव रखा, जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकृति दे दी।
संसद पर आतंकी हमले की बरसी के दिन सुरक्षा में हुई चूक के मुद्दे पर चर्चा कराने और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग को लेकर विपक्षी सदस्यों ने बृहस्पतिवार को संसद में नारेबाजी और भारी हंगामा किया, जिसके चलते उच्च सदन की कार्यवाही भोजनावकाश से पहले दो बार स्थगित हुई। इस दौरान, तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओब्रायन को ‘अशोभनीय आचरण’ के लिए मौजूदा संसद सत्र की शेष अवधि के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे उच्च सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति जगदीप धनखड़ ने ओब्रायन का नाम लिया और उनके निलंबन की कार्यवाही शुरु की। सभापति द्वारा जब किसी सदस्य का नाम लिया जाता है तो इसका अर्थ सदस्य के निलंबन की कार्यवाही का आरंभ होना होता है।
ऐसा तब होता है जब कोई सदस्य पीठ के प्राधिकार का अनादर कर रहे हों अथवा सभा के कार्य में लगातार और जानबूझकर बाधा डालते हुए सभा के नियमों का दुरुपयोग कर रहे हों। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच सदन के नेता पीयूष गोयल ने इस संबंध में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे धवनि मत से पारित कर दिया गया।
इसके बाद धनखड़ ने घोषणा की, ‘‘डेरेक ओब्रायन इस सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किए जाते हैं।’’ इस घोषणा के बाद विपक्षी सदस्य आसन के निकट आकर ‘तानाशाही नहीं चलेगी’ और ‘डेरेक का निलंबन नहीं सहेंगे’ जैसे नारे लगाने लगे। हंगामे के बीच ही सभापति ने प्रश्नकाल आरंभ करने की कोशिश की।
हालांकि विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी जारी रही। लिहाजा, सभापति ने सदन की कार्यवाही 12 बजकर 05 मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी। इससे पहले, उच्च सदन की कार्यवाही आरंभ होने सभापति ने आवश्यक कामकाज निपटाए। इसके तुरंत बाद धनखड़ ने कहा कि संसद परिसर के संरक्षक लोकसभा अध्यक्ष ने 13 दिसंबर को सुरक्षा में हुई चूक की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘जांच शुरू कर दी गई है और प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। सुरक्षा का मुद्दा संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है और इसका प्रभावी तरीके से समाधान किया जा रहा है।’’ सभापति ने बताया कि नियम 267 के तहत उन्हें 28 नोटिस प्राप्त हुए हैं लेकिन यह स्वीकार किए जाने लायक नहीं हैं। इसके बाद उन्होंने शून्य काल आरंभ कराया।