जम्मू: जम्मू कश्मीर में भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़ी गई जंग में 36 पुलिसकर्मी जबरन सेवानिवृत्त हुए हैं। इस बार 36 पुलिसवालों के खिलाफ मुहिम छेड़ उन्हें निशाना बनाया गया है जबकि 150 और लोगों के खिलाफ तैयारी अंतिम चरण में है। पुलिस प्रशासन के मुताबिक, जम्मू कश्मीर नागरिक सेवा नियम की धारा 226 की उपधारा 02 के तहत सशक्त समिति के समक्ष 150 और अधिकारियों व कर्मियों के मामले विचाराधीन हैं।
यह अधिकारी व कर्मी बिजली, राजस्व, स्वास्थ्य, शिक्षा, जलशक्ति, लोक कार्य, ग्रामीण विकास,बागवानी, फ्लोरीकल्चर से संबध रखते हैं। कल रात ही भ्रष्टाचार, समाज विरोधी गतिविधियों और आपराधिक मामलों में शामिल 36 पुलिस कर्मियों को जबरन सेवानिवृत्त कर दिया है। इनमें 2 एएसआई, 9 हेड कांस्टेबल और 25 कांस्टेबल स्तर के पुलिस कर्मी हैं।
सरकार का कहना है कि यह कार्रवाई एक रूटीन प्रक्रिया है, जो सरकारी कर्मियों के रिकॉर्ड पर आधारित होती है। सरकार की तरफ से कर्मियों के रिकॉर्ड की नियमिक स्क्रूटनी की जाती है। जो इसमें उल्लंघन करता पाया जाता है, उसके ऊपर कार्रवाई होती है। प्रशासनिक अधिकारियों के बकौल कार्रवाई अधिकारियों के कामकाज व रिकॉर्ड के नियमित आकलन और उसके आधार पर की जाने वाली सामान्य कार्रवाई के अनुरूप ही है।
सभी लंबे समय तक अवैध रूप से नौकरी से गैरहाजिर चल रहे थे। इनका कार्यप्रदर्शन भी औसत से कम था। इनके खिलाफ कई बार विभागीय जांच भी हो चुकी है। इनमें से कुछ भ्रष्टाचार के मामलों में तो कुछ आपराधिक मामलों में भी सलिंप्त पाए गए हैं। कइयों की कर्तव्यनिष्ठा और राष्ट्रभावना भी संदेह के दायरे में है। यह कार्रवाई ऐसे अधिकारियों के खिलाफ होती है जो जम्मू कश्मीर नागरिक सेवा नियम की धारा 226 की उपधारा 02 के तहत आयु और सेवाकाल की सीमा को भी पार कर चुके होते हैं।