ब्रिटिश शासनकाल में निर्मित संसद भवन में नहीं बैठेंगे सांसद, 2022 में आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ नए संसद भवन में मनेगी, ‘न्यू इंडिया’ की झलक

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 12, 2019 05:37 PM2019-09-12T17:37:54+5:302019-09-12T17:37:54+5:30

इसके अंतर्गत 2022 में आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ नये या पुनर्विकास के बाद बदले स्वरूप वाले संसद भवन में मनायी जाएगी। आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय बदली परिस्थितियों के मुताबिक़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट को अंजाम देगा।

2022 marks the 75th anniversary of independence in the new Parliament House | ब्रिटिश शासनकाल में निर्मित संसद भवन में नहीं बैठेंगे सांसद, 2022 में आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ नए संसद भवन में मनेगी, ‘न्यू इंडिया’ की झलक

डिज़ाइन के लिये राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रस्ताव मांगे गए हैं।

Highlightsअधिकारी ने बताया कि 26 जनवरी 2020 से नवंबर 2020 तक सेंट्रल विस्टा का काम पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।संसद भवन और केन्द्रीय सचिवालय को सरकार देगी पांच साल में नया स्वरूप, डिजायन बनना शुरू।

सरकार ने ब्रिटिश शासनकाल में निर्मित संसद भवन, केन्द्रीय सचिवालय और राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किमी के दायरे में मौजूद ‘सेंट्रल विस्टा (केन्द्रीय भूदृश्य)’ को अगले पांच साल में नया स्वरूप देने की महत्वाकांक्षी परियोजना को शुरू कर दिया है।

इस परियोजना के पीछे सरकार की सोच है कि 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ को नये या पुनर्विकसित संसद भवन में मनाया जा सके। आवास एवं शहरी मामलों का मंत्रालय इस परियोजना को अमली जामा पहनायेगा। मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को बताया कि अगले महीने 15 अक्तूबर तक संसद भवन, संयुक्त केन्द्रीय सचिवालय और सेंट्रल विस्टा के नये डिजायन का निर्धारण कर लिया जायेगा।

अगले साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के बाद इस परियोजना का काम शुरू कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि केन्द्रीय लोकनिर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) ने तीनों परियोजनाओं के डिजायन के लिये राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भवन निर्माण क्षेत्र की कंपनियों से 15 अक्तूबर तक प्रस्ताव (आरएफपी) मांगे है।

अधिकारी ने बताया कि फिलहाल इतना ही तय किया गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘‘ड्रीम प्रोजेक्ट’’ के तौर पर इस काम को पांच साल के भीतर पूरा किया जाना है। उन्होंने कहा कि जगह की कमी का सामना कर रहे संसद भवन में फिलहाल सिर्फ मंत्रियों को कामकाज के लिये अलग कमरे की सुविधा मिल पा रही है।

सभी संसद सदस्यों को संसद भवन में कमरे मुहैया कराने और भविष्य में संभावित परिसीमन में संसद सदस्यों की संख्या बढ़ने पर अधिक स्थान की जरूरत के मुताबिक नया संसद भवन बनाने या मौजूदा इमारत का ही पुनर्विकास करने का प्रस्ताव है।

संभावित विकल्पों के बारे में अधिकारी ने बताया कि संसद भवन के ऐतिहासिक महत्व को देखते हुये मौजूदा इमारत को संग्रहालय बनाकर नयी इमारत बनाने और मौजूदा इमारत का विस्तार कर इसे जरूरतों के मुताबिक बनाया जा सकता है। इस बारे में अंतिम फैसला समुचित डिजायन के निर्धारण के बाद ही किया जा सकेगा।

संसद भवन को नयी डिजायन के मुताबिक बनाने का काम अगस्त 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फिलहाल इतना तय है कि पुनर्विकास का काम राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच, तीन किमी के दायरे में ही होगा। इसके अलावा महत्वपूर्ण मंत्रालयों की मौजूदगी वाले नॉर्थ ब्लॉक और साउथ ब्लॉक, दोनों इमारतों को यथावत रखा जायेगा। सिर्फ इन्हें वर्तमान और भविष्य की जरूरतों के मुताबिक आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जायेगा।

केन्द्रीय सचिवालय की पुननिर्माण योजना के बारे में अधिकारी ने बताया कि केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालय दिल्ली में 47 अलग अलग स्थानों से चल रहे हैं। इस पर सरकार को किराये के रूप में हर साल लगभग एक हजार करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं।

इस समस्या के स्थायी समाधान के लिये संयुक्त केन्द्रीय सचिवालय बनाया जायेगा। यह काम 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है। उल्लेखनीय है कि ब्रिटिश काल में देश की राजधानी के तौर पर बसायी गयी नयी दिल्ली में रायसिना हिल के आसपास सत्ता के केन्द्र के रूप में संसद भवन, राष्ट्रपति भवन और नॉर्थ ब्लॉक एवं साउथ ब्लॉक का निर्माण 1911 से 1931 के बीच हुआ था।

इसमें संसद भवन में 1927 में कामकाज शुरू हो गया था। अधिकारी ने बताया, ‘‘इस इलाके की पुनर्विकास योजना को, इन इमारतों के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व को बरकरार रखते हुये इस प्रकार से अंजाम दिया जायेगा कि विश्व शक्ति के रूप में उभरते भारत ‘न्यू इंडिया’ की झलक इसमें दिखे। 

Web Title: 2022 marks the 75th anniversary of independence in the new Parliament House

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