2-डीजी ‘उम्मीद की नयी किरण’: राजनाथ ने डीआरडीओ की कोविड-19 रोधी दवा जारी करने के बाद कहा
By भाषा | Published: May 17, 2021 11:09 PM2021-05-17T23:09:00+5:302021-05-17T23:09:00+5:30
नयी दिल्ली 17 मई रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कोविड-19 रोधी दवा 2-डीजी की पहली खेप जारी करने के बाद कहा कि यह दवा कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ लड़ाई में "आशा की नई किरण" लेकर आयी है।
कोविड-19 रोधी दवा ‘2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज’ (2-डीजी) को डीआरडीओ की अग्रणी प्रयोगशाला नाभिकीय औषधि तथा संबद्ध विज्ञान संस्थान (इनमास) ने हैदराबाद के डॉक्टर रेड्डीज प्रयोगशाला के साथ मिलकर विकसित किया है।
सिंह ने कहा कि इस दवा का विकास और उत्पादन सार्वजनिक-निजी भागीदारी का एक ‘‘शानदार उदाहरण’’ है। सिंह ने कहा, ‘‘2-डीजी दवा इस चुनौतीपूर्ण समय में आशा की एक नई किरण है। यह हमारे देश के वैज्ञानिक कौशल का एक बड़ा उदाहरण है।’’
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि दवा कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी जो कि एक पाउच में पाउडर के रूप में आती है और पानी के साथ ली जा सकती है।
रक्षा मंत्री ने देश भर में महामारी से निपटने में नागरिक अधिकारियों की मदद करने में सशस्त्र बलों के प्रयासों को भी रेखांकित किया, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि उनकी तैनाती ने सीमाओं पर सेना की परिचालन तैयारियों को प्रभावित नहीं किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन तमाम मुश्किलों से गुजरने के बाद भी हमने यह सुनिश्चित किया है कि सीमा पर हमारी तैयारियों पर कोई असर न पड़े। कहीं भी हमारे बलों के जोश की कमी नहीं है। हम यह अच्छी तरह जानते हैं, कितनी भी बड़ी मुश्किल क्यों न हो, हम उसे दूर करेंगे।’’
रक्षा मंत्री ने यहां डीआरडीओ मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को दवा का एक डिब्बा सौंपकर आधिकारिक तौर पर दवा जारी की।
दवा वाले डिब्बे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के निदेशक रणदीप गुलेरिया और सशस्त्र बल चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) के लेफ्टिनेंट जनरल सुनील कांत को भी सौंपे गए।
कोविड-19 के मध्यम लक्षण वाले तथा गंभीर लक्षण वाले मरीजों पर 2-डीऑक्सी-डी-ग्लुकोज (2-डीजी) दवा के आपातकालीन इस्तेमाल को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीजीसीआई) की ओर से इस महीने के शुरू में मंजूरी मिल चुकी है।
सिंह ने कहा कि वह व्यक्तिगत रूप से स्थिति में सुधार होने पर परियोजना में शामिल रहे वैज्ञानिकों का सम्मान करना चाहेंगे।
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि इसका (2-डीजी) उपयोग करने से लोग सामान्य उपचार अवधि से ढाई दिन पहले ठीक हो गए हैं। रोगियों में ऑक्सीजन निर्भरता भी लगभग 40 प्रतिशत कम हो गई है। इसका पाउडर रूप भी एक प्रमुख विशेषता है क्योंकि लोग इसे बहुत आसानी से ओआरएस घोल की तरह इस्तेमाल कर सकेंगे।’’
रक्षा मंत्री ने सभी संबंधित संस्थानों से कंधे से कंधा मिलाकर काम करने की अपील करते हुए कहा कि यदि सभी मिलकर काम करेंगे तो देश विजयी होकर रहेगा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम थकेंगे नहीं और आराम नहीं करेंगे। हम इस महामारी के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे।’’
रक्षा मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, उन्होंने उम्मीद जताई कि यह दवा न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में वायरस को हराने में एक लंबा सफर तय करेगी।
हर्षवर्धन ने अपने संबोधन में 2-डीजी को डीआरडीओ और डीआरएल, हैदराबाद द्वारा एक महत्वपूर्ण विकास करार दिया, जो कोविड-19 रोगियों के ठीक होने का समय और ऑक्सीजन निर्भरता को कम करेगी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार लगातार स्थिति की निगरानी कर रही है और देश भर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की आपूर्ति, दवाओं और आईसीयू (इंटेंसिव केयर यूनिट) बिस्तर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए प्रभावी कदम उठाए गए हैं।
उन्होंने बताया कि देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति मई की शुरुआत में लगभग 4,700 मीट्रिक टन से बढ़कर 9,500 मीट्रिक टन प्रतिदिन से अधिक हो गई है।
सिंह ने कहा, ‘‘मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि मेडिकल कोर ने भी अपने सेवानिवृत्त डॉक्टरों को वापस लेने का फैसला किया है ताकि हमारी स्वास्थ्य प्रणाली को और मजबूत किया जा सके। मैं ऐसे चिकित्सकों की दिल से सराहना करता हूं जो अपनी सेवानिवृत्ति के बाद भी इस अभियान में शामिल हो रहे हैं।
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