NDFB गुट के 1,615 लोगों ने किया आत्मसमर्पण, अलग बोडोलैंड मांग में थे शामिल, 4,800 हथियार सौंपे
By भाषा | Published: January 30, 2020 06:05 PM2020-01-30T18:05:47+5:302020-01-30T18:05:47+5:30
एनडीएफबी-प्रोग्रेसिव गुट के 836, एनडीएफबी-रंजन डैमरी गुट के 579, और एनडीएफबी (एस) के 200 सदस्यों का मुख्यधारा में स्वागत करते हुए सोनोवाल ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस कदम से अन्य गुटों को भी हथियार त्यागने और एक साथ मिलकर “टीम असम” के लिए काम करने की प्रेरणा मिलेगी।
नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) के तीन गुटों के 1,615 सदस्यों ने बृहस्पतिवार को यहां असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और राज्य के वित्त मंत्री हेमंत विश्व सरमा के सामने आत्म समर्पण कर दिया।
तीन दिन पहले केंद्र और असम सरकार ने बोडो संगठनों- एनडीएफबी और आल बोडो स्टूडेंट यूनियन के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि यह राज्य के लोगों के लिए स्वर्णिम भविष्य की शुरुआत है।
एनडीएफबी-प्रोग्रेसिव गुट के 836, एनडीएफबी-रंजन डैमरी गुट के 579, और एनडीएफबी (एस) के 200 सदस्यों का मुख्यधारा में स्वागत करते हुए सोनोवाल ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि इस कदम से अन्य गुटों को भी हथियार त्यागने और एक साथ मिलकर “टीम असम” के लिए काम करने की प्रेरणा मिलेगी।
एनडीएफबी के सदस्यों ने एके-47 राइफलों, लाइट मशीन गनों और स्टेनगनों समेत 4,800 हथियार समर्पित किए। सोनोवाल ने कहा, “हमें असम को भारत और पूरे दक्षिण एशिया का प्रगतिशील राज्य बनाने के लिए टीम असम के लिए मिलकर काम करना होगा। हिंसा का रास्ता छोड़कर आपने विकास की राह पकड़ी है।”
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और हमारी असम सरकार आपके साथ मिलकर बोडो क्षेत्र में शांति और विकास सुनिश्चित करेंगे।” मुख्यमंत्री ने कहा कि बोडो समाज के विकास से असम का विकास होगा। उन्होंने कहा कि गुट के सदस्यों द्वारा शहीद दिवस पर हथियार समर्पण करने से यह सिद्ध होता है कि वे असम में शांति चाहते हैं।