पिछले साल की तुलना में 12 लाख श्रद्धालु कम आए हैं इस बार, अधिकारियों को दिसंबर में है उम्मीद
By सुरेश एस डुग्गर | Published: December 2, 2019 06:55 PM2019-12-02T18:55:29+5:302019-12-02T21:39:58+5:30
वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन कटड़ा के सुपरिंटेंडेंट जुगल किशोर शर्मा कहते थे कि यात्रा में बढ़ोतरी करने के लिए रेलवे विभाग हर पल अपने प्रयास जारी रखे हुए है। आने वाले समय में देश के अन्य राज्यों में कईं नई ट्रेनें आधार शिविर कटड़ा पहुंचेंगी।
पिछले साल करीब 5 सालों के अंतराल के बाद वैष्णो देवी तीर्थस्थान का जिम्मा संभालने वाले श्राइन बोर्ड के अधिकारियों के चेहरों पर बढ़ी संख्या के कारण जो खुशी नजर आई थी वह इस बार काफूर होने को तैयार है क्योंकि आंकड़े बताते हैं कि इस साल वैष्णो देवी आने वाले नया रिर्काड बनाना तो दूर रहा शायद ही पिछले साल के आंकड़ों को छू पाएं।
माता वैष्णो देवी यात्र में वैसे तो पूरे साल श्रद्धालुओं में खासा उत्साह रहता है, लेकिन सितंबर से 15 दिसंबर के बीच श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आ जाती है। इस बार भी बीते तीन महीनों में कम श्रद्धालु पहुंचे हैं। यात्रा में भक्तों के कम आने के कई कारण रहे हैं। कमी के बहुतेरे कारण रहे हैं जिनमें जनवरी में प्रयागराज में हुए महाकुंभ, फरवरी में पुलवामा आतंकी हमला, उसके उपरांत भारत व पाक के बीच तनाव, फिर लोकसभा चुनाव और अगस्त में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटना प्रमुख था।
जारी वर्ष के पहले 11 महीनों में 73,68753 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। 2018 पर गौर करें तो भक्तों का पूरे साल का आंकड़ा 85,86541 था। इस साल विभिन्न कारणों से यात्रा में समय-समय पर गिरावट दर्ज की गई। हालांकि अभी दिसम्बर का पूरा महीना बाकी है पर पिछले रिकार्ड दिखाते हैं कि दिसम्बर में आने वालों की संख्या कभी भी 6 लाख से अधिक नहीं रही है। जबकि पिछले साल के आंकड़े को छूने की खातिर 12 लाख श्रद्धालुओं की जरूरत है।
यूं तो यात्रा 12 माह चलती रहती है। अप्रैल से अगस्त तक यात्र में तेजी रहती है। इन महीनों में रोजाना 35 से 45 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं, लेकिन सितंबर से 15 दिसंबर तक यात्रा का आंकड़ा गिर कर आधा रह जाता है। 15 से 20 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। हालांकि पर्यटन विभाग, माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के अलावा होटल रेस्तरां संघ व अन्य संगठन भी यात्रा वृद्धि के प्रयास में जुटे हैं।
माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए 15 दिसंबर के बाद यात्रा में तेजी आ जाती है जो जनवरी के पहले सप्ताह तक जारी रहती हैं। इनमें अधिकांश श्रद्धालु बर्फबारी और नये साल के आगमन को लेकर आते हैं। 29 दिसंबर से दो जनवरी तक 35 से 40 हजार श्रद्धालु प्रतिदिन पहुंचते हैं। 31 दिसंबर को तो श्रद्धालुओं की संख्या 50 हजार पहुंच जाती है। गौरतलब है कि वर्ष 2011 और 2012 में एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु आ चुके हैं।
वैष्णो देवी रेलवे स्टेशन कटड़ा के सुपरिंटेंडेंट जुगल किशोर शर्मा कहते थे कि यात्रा में बढ़ोतरी करने के लिए रेलवे विभाग हर पल अपने प्रयास जारी रखे हुए है। आने वाले समय में देश के अन्य राज्यों में कईं नई ट्रेनें आधार शिविर कटड़ा पहुंचेंगी। वर्तमान में 10 ट्रेनें खाली आ रही हैं उसका मुख्य कारण यात्रा में पारंपरिक रूप से कमी होना है।
जबकि कटड़ा होटल व रेस्तरां संघ के प्रधान राकेश वजीर का कहना है कि सितंबर से 15 दिसंबर तक अधिक से अधिक श्रद्धालु आएं इसके लिए संघ विभिन्न राज्यों के पर्यटक संगठनों से बातचीत कर रहा है। उम्मीद है कि परिणाम बेहतर निकलें। कटड़ा ट्रेवल एसोसिएशन के चेयरमैन राजेश ने कहा कि अन्य राज्यों की ट्रेवल एसोसिएशन से संपर्क स्थापित कर श्रद्धालुओं को आकर्षित करने के लिए प्रयास लगातार जारी रखे हुए हैं।