महाभियोग प्रस्ताव लाने वाले पाक-साफ हैं 107 सांसद?, न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन ने क्या किया गलती?, पूर्व न्यायाधीश केके त्रिवेदी का सवाल

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 15, 2025 13:00 IST2025-12-15T13:00:06+5:302025-12-15T13:00:55+5:30

कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और समाजवादी पार्टी सहित विभिन्न दलों के 107 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं।

107 MPs What mistake Justice GR Swaminathan Question former judge KK Trivedi who brought impeachment motion clean How moral right to take action | महाभियोग प्रस्ताव लाने वाले पाक-साफ हैं 107 सांसद?, न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन ने क्या किया गलती?, पूर्व न्यायाधीश केके त्रिवेदी का सवाल

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Highlightsतिरुपरनकुंड्रम पहाड़ी पर कार्तिगई दीपम प्रज्वलित करने के मुद्दे पर उनके फैसले के खिलाफ है।न्यायाधीशों पर राजनीतिक और वैचारिक दबाव बनाने तथा उन्हें डराने की कोशिश है।इस कदम का कोई भी सकारात्मक उद्देश्य नहीं हो सकता।

जबलपुरः मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश केके त्रिवेदी ने सोमवार को दावा किया कि विपक्षी दलों ने ‘‘राजनीतिक उद्देश्य’’ से मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जीआर स्वामीनाथन के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है और यह दबाव बनाकर किसी विशेष पक्ष में फैसला कराने की कोशिश है। विपक्ष ने पिछले दिनों न्यायमूर्ति स्वामीनाथन के खिलाफ कथित दुराचार के आरोप में महाभियोग प्रस्ताव लाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को नोटिस सौंपा है। इस नोटिस पर कांग्रेस, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और समाजवादी पार्टी सहित विभिन्न दलों के 107 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं।

सांसदों ने आरोप लगाया है कि न्यायमूर्ति स्वामीनाथन के कामकाज ने न्यायपालिका की निष्पक्षता, पारदर्शिता और धर्मनिरपेक्ष प्रकृति पर सवाल खड़े किए हैं। यह महाभियोग प्रस्ताव मदुरै के तिरुपरनकुंड्रम पहाड़ी पर कार्तिगई दीपम प्रज्वलित करने के मुद्दे पर उनके फैसले के खिलाफ है।

विपक्ष के इस नोटिस के बाद उच्चतम न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों के तकरीबन 56 पूर्व न्यायाधीशों ने एक खुला पत्र जारी कर इस महाभियोग प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा था कि यह कदम न्यायाधीशों पर राजनीतिक और वैचारिक दबाव बनाने तथा उन्हें डराने की कोशिश है।

इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले त्रिवेदी ने कहा, ‘‘हम सब इस बात को लेकर एकमत हैं कि जिस प्रकार की यह कार्यवाही की गई है, वह पूरी तरह से गलत है, खासकर तब जब संबंधित विषय अभी न्यायालय के समक्ष लंबित है।’’ उन्होंने कहा कि इस कदम का कोई भी सकारात्मक उद्देश्य नहीं हो सकता।

उन्होंने कहा, ‘‘या तो यह कार्यवाही केवल राजनीतिक उद्देश्यों से की गई है या फिर न्यायाधीश पर दबाव बनाकर किसी विशेष पक्ष में फैसला कराने की कोशिश है।’’ उन्होंने स्पष्ट किया कि दोनों ही परिस्थितियां किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं हैं क्योंकि इससे पूरी न्यायपालिका और भारतीय न्यायिक तंत्र की प्रतिष्ठा को गंभीर क्षति पहुंचती है तथा लोगों का विश्वास भी कमजोर होता है।

पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि न्यायाधीशों के खिलाफ जिस तरह महाभियोग की बात की जा रही है, उसके लिए संविधान में स्पष्ट प्रावधान हैं। त्रिवेदी ने कहा कि संविधान के प्रावधानों में यह व्यवस्था है कि केवल सिद्ध कदाचार या अक्षमता के आधार पर ही किसी न्यायाधीश को पद से हटाने का प्रस्ताव लाया जा सकता है।

उन्होंने सवाल उठाया कि जो बातें कानून में मान्य ही नहीं हैं, उनके आधार पर महाभियोग प्रस्ताव कैसे लाया जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह पूरा कदम न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का प्रयास प्रतीत होता है और इसे न्यायाधीश पर दबाव बनाने की कोशिश के रूप में भी देखा जा सकता है।’’ पूर्व न्यायाधीश ने कहा कि दूसरों पर उंगली उठाने से पहले हर व्यक्ति को स्वयं को देखना चाहिए।

उन्होंने सवाल किया, ‘‘जिन लोगों ने यह महाभियोग प्रस्ताव पेश किया है, क्या वे हर तरह से पाक-साफ हैं? यदि नहीं, तो फिर ऐसा कदम उठाने का नैतिक अधिकार उन्हें कैसे है?’’ सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी विपक्ष के इस कदम को हिंदू विरोधी भावना को दर्शाने की कोशिश के साथ ही न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अपमान बताया है। 

Web Title: 107 MPs What mistake Justice GR Swaminathan Question former judge KK Trivedi who brought impeachment motion clean How moral right to take action

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