पाकिस्तानी हॉकी खिलाड़ी मंसूर अहमद को भारतीय अस्पतालों से मुफ्त इलाज की पेशकश, वीजा मिलना बाकी
By अभिषेक पाण्डेय | Published: April 27, 2018 12:21 PM2018-04-27T12:21:16+5:302018-04-27T12:23:31+5:30
Mansoor Ahmed: पाकिस्तानी हॉकी खिलाड़ी मंसूर अहमद को भारत में मुफ्त हार्ट ट्रांसप्लांट की पेशकश की गई है
नई दिल्ली, 27 अप्रैल: पाकिस्तानी हॉकी वर्ल्ड कप टीम के विजेता सदस्य मंसूर अहमद को कुछ निजी भारतीय अस्पतालों ने हार्ट ट्रांसप्लांट और पूरा इलाज मुफ्त देने की पेशकश है। अहमद ने हाल ही में मेडिकल आधार पर भारत सरकार से उन्हें वीजा देने की अपील की थी।
दिल्ली और मुंबई स्थिति दो निजी अस्पतालों ने मंसूर को हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए रजिस्टर करने और इलाज का पूरा खर्च उठाने की पेशकश की है। हालांकि इसके लिए उन्हें भारत सरकार से वीजा हासिल करना होगा। मंसूर अहमद का अभी कराची स्थित जिन्ना पोस्टग्रैजुएट मेडिकल सेंटर में इलाज चल रहा है, जहां उन्हें दिल में पेसमेकर और स्टेंट्स की समस्याएं हैं। उनके डॉक्टर ने उन्हें इलाज के लिए भारत जाने की सलाह दी थी, जिसके बाद उन्होंने भारत सरकार से उन्हें वीजा दिए जाने की भावुक अपील की थी।
हालांकि निजी अस्पतालों ने मंसूर अहमद का पूरा इलाज मुफ्त में किए जाने की पेशकश की है लेकिन उन्होंने पहले ही कहा था कि उन्हें आर्थिक मदद की जरूरत नहीं है और सिर्फ इलाज के लिए भारत का वीजा चाहिए। अब अहमद और उनके डॉक्टर इलाज के लिए वीजा दिए जाने के मामले में भारत सरकार से सहानुभूति भरे रवैये की उम्मीद कर रहे हैं। (पढ़ें: पाकिस्तान के इस दिग्गज खिलाड़ी को है दिल की बीमारी, वीडियो जारी कर भारत से मांगी मदद)
मंसूर अहमद ने भले ही भारत के खिलाफ ढेरों गोल दागे हैं लेकिन कई पूर्व भारतीय हॉकी स्टार खिलाड़ियों ने उनके सेहत के बारे में उनसे जानकारी ली और उनके परिवार के संपर्क में हैं। इन स्टार खिलाड़ियों ने इस मामले में तेजी से कदम उठाने की अपील की है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर दीपक सावंत ने कहा, 'जब जिंदगी बचाने की बात आती है तो सीमा पर तनाव मायने नहीं रखता है। हम कई विदेशियों का इलाज करते हैं। इस मामले में अगर मरीज भारत में इलाज करवाना चाहता है तो हम इसमें कोई समस्या नहीं देखते हैं।'
वीजा मिलने के बाद भी मंसूर को हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए इंतजार करना पड़ सकता है। नियमों के मुताबिक किसी विदेशी नागरिक को तभी हार्ट डोनेट किया जा सकता है जब कोई भारतीय इसकी वेटिंग लिस्ट में न हो। इस तरह के हार्ट ट्रांसप्लांट में आमतौर पर विदेश नागरिक को 4-6 महीने का इंतजार करना पड़ता है। साथ ही ट्रांसप्लांट करने वाले अस्पताल को शपथ पत्र देना होता है कि इसके लिए किसी भारतीय को नजरअंदाज नहीं किया गया है।