भारत के पूर्व हॅाकी कप्तान और अर्जुन अवॉर्ड खिलाड़ी मुकेश कुमार (Mukesh Kumar) के खिलाफ फर्जी जाति प्रमाण-पत्र के मामलें में हैदराबाद के बोवनपल्ली पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। मुकेश पर सिकंदराबाद तहसील से अनुसूचित जाति (SC) का प्रमाण-पत्र बनवाने का आरोप है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, यह एफआईआर जनवरी 25 को मुकेश और उनके भाई एन सुरेश कुमार के खिलाफ दायर की गई थी पर यह मुद्दा मीडिया में अब सामने आया है। इस मुद्दे पर बोवनवेली पुलिस स्टेशन के एसएचओ(SHO) डी राजेश का कहना है, 'हम इस एफआईआर के दर्ज होने पर भी इस केस पर कार्रवाई व्यस्तता के चलते नहीं कर पाये थे, पर अब हम उनके खिलाफ अगले कुछ दिनों में कार्रवाई करेंगे।'
तीन बार ओलंपियन रह चुके मुकेश कुमार अनुसूचित जाति से नहीं बल्कि BC (पिछड़ा वर्ग) 'ए' नाई ब्राह्मण समुदाय से आते है। वर्ष 2017 में 'भारतीय एयरलाइंस सतर्कता विभाग' ने मुकेश तथा सुरेश कुमार के एयरलाइंस में नौकरी के लिए जुड़ने के समय, हैंदराबाद कलेक्टर से उनके SC (अनुसूचित) 'ए' माला प्रमाणपत्र की जांच के बारे में कहा था। विभाग का मानना था कि दोनों भाईयों ने एयरलाइंस के साथ नौकरी करते समय अलग दस्तावेज प्रस्तुत किेए थे. जांच के दौरान दोनों भाइयों के गलत दस्तावेजों की बात सामने आई।
मुकेश कुमार आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद के निवासी हैं। कुमार ने भारत के लिए कुल 307 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 80 गोल किए हैं। मुकेश को खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 1995 में अर्जुन पुरस्कार और 2003 में पद्म श्री से नवाजा गया था। कुमार ने अपने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय हॅाकी करियर की शुरुआत 1991 में की थी। मुकेश ने भारत के लिए तीन ओलंपिक खेलों बार्सिलोना(1992), अटलांटा (1996) और सिडनी (2000) में हिस्सा लिया था।