टीबी (ट्यूबरक्लोसिस) एक संक्रामक बीमारी है। इसे तपेदिक, क्षयरोग, एमटीबी के नाम से भी जाना जाता है। यह बीमारी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस कीटाणु की वजह से होती है। यह कीटाणु हवा के जरिए एक से दूसरे व्यक्ति में पहुंचते हैं। यदि इलाज ठीक से न हो, तो यह रोग जानलेवा हो सकता है। टीबी आम तौर पर फेफड़ों पर हमला करता है लेकिन यह शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकता है। जब टीबी से पीड़ित व्यक्ति खांसता, छींकता या बोलता है, तो उसके साथ संक्रामक ड्रॉपलेट न्यूक्लिआई उत्पन्न होता है जोकि हवा के माध्यम से किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है। आज वर्ल्ड टीबी डे है। इस मौके पर मैक्स हॉस्पिटल में प्रिंसिपल कंसल्टेंट पल्मोनोलॉजी डॉक्टर राजेश गुप्ता आपको बता रहे हैं कि टीबी से पीड़ित व्यक्ति को किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे यह बीमारी दूसरे लोगों को ना फैले।
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हर व्यक्ति रोजाना दस हजार लीटर हवा अंदर लेता है। इस हवा के द्वारा बहुत से कीटाणु जिसमें टीबी भी शामिल है शरीर में प्रवेश करते हैं। इसलिए इन कीटाणुओं से बचने के लिए आपको पौष्टिक भोजन खाना चाहिए। इसके अलावा नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए ताकि आपका इम्युनिटी सिस्टम मजबूत रहे और आप इस टीबी के कीटाणु से बच सकें।
क्योंकि यह बीमारी खांसी और हवा के द्वारा दूसरों को फैलती है। यही कारण है कि इस बीमारी से पीड़ित के परिवार या मिलने वालों को इसके फैलने का अधिक खतरा होता है। इसलिए टीबी से पीड़ित व्यक्ति को इन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
टीबी के मरीज इन बातों का रखें ख्याल
- नियमित रूप से सही समय पर सही खुराक लें- दवा लेने के मामले में बिल्कुल भी लापरवाही ना बरतें - पौष्टिक भोजन लें - नियमित रूप से एक्सरसाइज करें - अल्कोहल और स्मोकिंग से बचें - किसी के सामने मुंह पर हाथ या रुमाल रखे बिना ना खांसे - ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। - कम रोशनी वाली और गंदी जगहों पर न रहें और वहां जाने से परहेज करें।
- मरीज को हवादार और अच्छी रोशनी वाले कमरे में रहना चाहिए। - मरीज को मास्क पहनकर रखना चाहिए।- मास्क नहीं है तो हर बार खांसने या छींकने से पहले मुंह को नैपकिन से कवर कर लेना चाहिए। - खांसने और छींकने के लिए इस्तेमाल नैपकिन को कवर वाले डस्टबिन में डालें।- ध्यान रहे कि मरीज यहां-वहां थूके नहीं। - मरीज किसी एक प्लास्टिक बैग में थूके और उसमें फिनाइल डालकर अच्छी तरह बंद कर डस्टबिन में डाल दें।- मरीज ऑफिस, स्कूल, मॉल जैसी भीड़ भरी जगहों पर जाने से परहेज करे। साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी यूज करने से बचे।- दवा लेने के बाद अगर उल्टी या लाल रंग का पेशाब आता है, तो डॉक्टर से संपर्क करें
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