World Nurse Day: मरीजों की देखभाल करते-करते अपने ही दुख भूल जाती है नर्स

By उस्मान | Published: May 12, 2018 04:44 PM2018-05-12T16:44:39+5:302018-05-12T16:44:39+5:30

टीचिंग जैसे प्रोफेशन में सर्दियों और गर्मियों की छुट्टियां मिल जाती हैं। लेकिन नर्सिंग प्रोफेशन में यह सुख शायद ही किसी नर्स को नसीब हो।

World Nurse Day: Nurses dedicates their whole life looking after patients, putting their grief aside | World Nurse Day: मरीजों की देखभाल करते-करते अपने ही दुख भूल जाती है नर्स

World Nurse Day: मरीजों की देखभाल करते-करते अपने ही दुख भूल जाती है नर्स

मेरी वाइफ स्टाफ नर्स है। जिस दिन उसकी मॉर्निंग शिफ्ट होती है, वो सुबह 5.30 बजे उठती है, खाना बनाती है,  3 साल की बेटी को तैयार करती है और नाश्ता खिलाती है। आगे बढ़ने से पहले आपको एक बात बता दूं कि छोटे बच्चे को खाना खिलाने में आपको नानी याद आ सकती है। 7 बजे तैयार होकर एक घंटे का सफर करके 8 बजे तक हॉस्पिटल पहुंच जाती है। 

वैसे तो हॉस्पिटल में नर्स के काम के 6 घंटे तय हैं लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है। शिफ्ट ओवर होने पर इतना काम होता है कि दूसरी शिफ्ट की नर्स को ओवर देते-देते दो घंटे एक्स्ट्रा हो जाते हैं। ऐसा कभी-कभी नहीं बल्कि रोजाना होता है और इसका हॉस्पिटल की ओर से उसे कोई लाभ नहीं मिलता है। हॉस्पिटल द्वारा कभी भी बुला लेना, छुट्टियां देने में आनाकानी करना, काम के बीच कोई ब्रेक नहीं मिलना, कभी-कभी मरीज या उनके परिजनों के ताने सुनना उसकी रोजाना की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है।  

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वो पिछले 5 सालों से इस प्रोफेशन में है। पारिवारिक और सामाजिक दबाव होने के बावजूद, वो अपनी नौकरी छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। यह सिर्फ मेरी वाइफ की कहानी नहीं है। हो सकता है देश की हजारों नर्सों की भी यही कहानी हो। 

एक नर्स के रूप में काम करने के लिए उसे अक्सर परिवार और घर से ज्यादा समय हॉस्पिटल में बिताना पड़ता है। उसे हमेशा इस बात को लेकर दुख होता है कि वो घर पर इतना ध्यान नहीं दे पाती है, जितना किसी महिला को देना चाहिए। मरीजों के बीच काम करते-करते उसे ऐसा महसूस होने लगा है कि वो अपने और परिवार के दुख भूल गई है।  

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टीचिंग जैसे प्रोफेशन में सर्दियों और गर्मियों की छुट्टियां मिल जाती हैं। लेकिन नर्सिंग प्रोफेशन में यह सुख शायद ही किसी नर्स को नसीब हो। पिछले पांच सालों में उसे कभी एक हफ्ते की छुट्टी नहीं मिली है।   

मेरी वाइफ के अनुसार, 'नर्सिंग एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें तमाम तकलीफ होते हुए भी हमें मरीज के सामने मुस्कान के साथ पेश आना अनिवार्य है। अपनी जॉब के दौरान हमें कई ऐसे अनुभवों से गुजरना पड़ता है, जिसके बाद हमें निराशा भी होती है जैसे तमाम बेहतर प्रयासों के बावजूद किसी मरीज को नहीं बचा पाना। नर्सिंग एक ऐसा प्रोफेशन है जिसमें हेल्थकेयर सिस्टम द्वारा सैलरी को लेकर कोई पैमाना तय नहीं है। बेशक गवर्नमेंट सेक्टर में सही सैलरी मिल जाती है लेकिन इस मामले में प्राइवेट सेक्टर बहुत पिछड़ा हुआ है।  

नोट: मेरी वाइफ पिछले पांच साल से प्राइवेट सेक्टर में स्टाफ नर्स है और यह आर्टिकल उसके विचारों पर आधारित है। 

Web Title: World Nurse Day: Nurses dedicates their whole life looking after patients, putting their grief aside

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