World Environment Day: सेहत का खजाना हैं ये 5 पेड़-पौधे, डायबिटीज सहित 10 रोगों के इलाज में सहायक

By उस्मान | Published: June 5, 2021 09:44 AM2021-06-05T09:44:23+5:302021-06-05T09:44:23+5:30

प्रकृति ने इंसान को ऐसे कई गुणकारी पेड़-पौधे दिए हैं जिनमें रोगों से लड़ने की क्षमता होती है

World Environment Day 2021: theme, importance, health benefits of tree and plant in Hindi | World Environment Day: सेहत का खजाना हैं ये 5 पेड़-पौधे, डायबिटीज सहित 10 रोगों के इलाज में सहायक

World Environment Day: सेहत का खजाना हैं ये 5 पेड़-पौधे, डायबिटीज सहित 10 रोगों के इलाज में सहायक

Highlightsप्रकृति ने इंसान को ऐसे कई गुणकारी पेड़-पौधे दिए हैं जिनमें रोगों से लड़ने की क्षमता हैआपको कहीं भी मिल जाएंगे ये पेड़-पौधेजानिये इनके पत्तों के क्या-क्या फायदे हैं

हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के प्रति लोगों का जागरूक करना है। इस दिवस को मनाने की घोषणा संयुक्त राष्ट्र ने साल 1972 में की थी। 5 जून 1974 को पहला विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था।

विश्व पर्यावरण दिवस-2021 की थीम यूएनईपी के अनुसार, इस वर्ष की थीम, इकोसिस्टम रिस्टोरेशन, 'हर महाद्वीप और हर महासागर में पारिस्थितिक तंत्र के क्षरण को रोकना, रोकना और उलटना है।'

प्रकृति ने इंसान को ऐसे कई गुणकारी पेड़-पौधे दिए हैं जिनका विभिन्न रोगों की रोकथाम और इलाज में इस्तेमाल किया जाता है। सदियों से इनका उपयोग औषधि के रूप में किया जाता आ रहा है। बस आपको इनका इस्तेमाल करना आना चाहिए। माना जाता है कि इन पेड़-पौधों के पत्ते डायबिटीज से लेकर कैंसर जैसी कई गंभीर बीमारियों से बचाव कर सकते हैं। 

नीम 
नीम इस धरती पर स्वास्थ्य का सबसे बड़ा खजाना हैं। इस पेड़ के हर हिस्सा के इस्तेमाल कई दवाओं को बनाने में किया जाता है। नीम मसूड़ों की सूजन को खत्म करता है। यह डायबिटिज के मरीजों में शुगर को नियंत्रित करता है। नीम के पत्तों में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। यह त्वचा और बालों से जुड़े रोगों को भी ख़त्म करते हैं।

चांगेरी 
इस पौधे के पत्तों का कई दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है। इसके पत्ते एसिडिक प्रकृति के होते हैं, जो सूजन को खत्म करते हैं। इसके पत्तों को रस पीने से मूत्राशय की सूजन दूर होती है और इसके साथ-साथ बुखार से भी राहत मिल जाती है। अगर आपको भी कोई त्वचा से जुड़ा रोग है, तो इसे इस्तेमाल करें। इसे चोटिल हिस्से पर लगाने से घाव की जलन और दर्द दोनों ही दूर हो जाते हैं। 

पान 
एक अध्ययन के अनुसार, पान में एक कण होता है जो क्रोनिक माइलॉयड ल्यूकेमिया से लड़ने में मदद करता है। इस तरह इसका इस्तेमाल अस्थि मज्जा कैंसर के इलाज में किया जा सकता है। इससे पाचन को बेहतर बनाने में भी मदद मिलती है। यह शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों और खनिजों को अवशोषित करने में भी मदद करता है। जो लोग बढ़ते वजन से परेशान हैं, अगर वे इसका सेवन करते हैं, तो वे बढ़ते वजन से छुटकारा पा सकते हैं।

सदाबहार 
इस पौधे पर गुलाबी और सफेद रंग के छोटे-छोटे फूल आते हैं। इन फूलों का पारंपरिक दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें विन्डोलिन नामक तत्व पाया जाता है, जो ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल करने में सहायक है। इसके अलावा इसमें विनब्लास्टिन और विनक्रिस्टिन तत्व भी पाए जाते हैं, जो कैंसर विरोधी हैं। एक नई रिसर्च के अनुसार, इस पौधे में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो कैंसर कोशिकाओं की पहचान करने और उन्हें उसी क्षण नष्ट करने में सहायक हैं। सदाबहार का पौधा किस तरह से फायदेमंद है, चलिए जानते हैं।

बेल 
बेल का फल कैल्शियम, फास्फोरस, प्रोटीन, फाइबर और आयरन जैसे जरूरी पोषक तत्वों का भंडार है। इसके अलावा इसमें विटामिन बी और सी की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। दरअसल यह एक जड़ी बूटी है जिसका हर अंश शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल गुण भी होते हैं जो विभिन्न रोगों से बचाते हैं। नियमित रूप से बेल का सेवन करने से पाचनक्रिया मजबूत बनती है और पेट की सफाई भी होती है। इससे पेट के कीड़ों को खत्म किया जा सकता है। इसमें फेरोनिना तत्व पाया जाता है जो डायरिया का उपचार में सहायक है।

पुनर्नवा 
पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के विशेषज्ञों ने दावा किया है कि सावधानी से भोजन करने और व्यायाम के साथ जड़ी बूटी का सेवन बीमारी के बढ़ने की गति को धीमी कर सकती है और बीमारी के लक्षणों से निजात दिला सकती है। वैज्ञानिक अध्ययनों में दावा किया गया है कि पुनर्नवा जैसे पारंपरिक औषधीय पौधे पर आधारित औषधि का फार्मूलेशन किडनी की बीमारी में रोकथाम में कारगर हो सकता है और बीमारी से राहत दिला सकता है।

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