World Asthma Day: कोरोना संकट में 5 चीजों का सेवन करें अस्थमा मरीज, फेफेड़े बनेंगे मजबूत, सांस की कमी होगी दूर

By उस्मान | Published: May 4, 2021 09:11 AM2021-05-04T09:11:37+5:302021-05-04T09:11:37+5:30

कोरोना सीधे फेफड़ों पर हमला करता है और ऐसे में अस्थमा मरीजों के लिए यह महामारी ज्यादा घातक है

World Asthma Day: healthy diet tips for asthma patients during coronavirus for strong and healthy lungs | World Asthma Day: कोरोना संकट में 5 चीजों का सेवन करें अस्थमा मरीज, फेफेड़े बनेंगे मजबूत, सांस की कमी होगी दूर

वर्ल्ड अस्थमा डे

Highlightsअस्थमा मरीजों के लिए यह महामारी ज्यादा घातक है सांस की समस्या से बचने के लिए इन चीजों का सेवन करें कोरोना काल में ज्यादा सतर्क रहे अस्थमा मरीज

कोरोना वायरस का प्रकोप थोड़ा भी कम नहीं हो रहा है। कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमितों और मृतकों की संख्या का आंकड़ा आसमान छू रहा है। कोरोना वायरस फेफड़ों को सीधे रूप से प्रभावित कर रहा है। यही वजह है कि मरीज सांस की कमी से दम तोड़ रहे हैं।

कोरोना संकट के बीच आज वर्ल्ड अस्थमा डे भी है। अस्थमा भी वायुमार्ग की एक पुरानी बीमारी है जिससे सांस लेने में कठिनाई हो जाती है। इससे वायु मार्ग में सूजन हो जाती है जिसकी वजह से फेफड़ों तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता है। अस्थमा के रोगी को सांस फूलने या सांस न आने के दौरे पड़ते हैं। दुर्भाग्यवश इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है। 

जाहिर है कोरोना काल में अस्थमा के मरीजों को अपना ध्यान रखना बहुत जरूरी है। महामारी के इस संकट में जरा सी लापरवाही अस्थमा मरीजों के लिए जान का कारण बन सकती है।

अस्थमा के लक्षणों में खांसी, घरघराहट, सांस की तकलीफ और सीने में जकड़न शामिल है। ऐसे लक्षण महसूस होने पर आपको तुरंत अपनी डाइट में बदलाव करना चाहिए। 

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि खाने-पीने की कुछ चीजें अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकती हैं जिनमें पीनट्स, अंडे, शेलफिश, दूध, सोयाबीन, श्रिम्प, गाजर, ब्रेड, पास्ता, केक, पेस्ट्री और दूध से बने उत्पाद शामिल हैं। हालांकि कुछ चीजों के नियमित सेवन से अस्थमा को कंट्रोल किया जा सकता है। चलिए जानते हैं उन चीजों के बारे में। 

केला
लंदन के इंपीरियल कॉलेज में शोधकर्ताओं ने 2011 में एक अध्ययन के मुताबिक यह देखा गया की अगर दिन में एक केला खाया जाए तो यह अस्थमा के असर को कम कर सकता है। केले में फाइबर की मात्रा अधिक होती है। सांस लेने में होने वाली परेशानियों को यह बढ़ने नहीं देता है। एक दिन में केवल एक केला खाने वाले बच्चों को अस्थमा के लक्षणों के जोखिम को कम कर देता है।

पानी
कई बार शरीर में पानी की कमी हो जाती है और हम इससे नजरंदाज़ कर देते है लेकिन शरीर में पानी की कमी होने से डिहाइड्रेशन प्रॉब्लम हो जाती है। सांस जैसी प्रॉब्लम का अहम कारण डिहाइड्रेशन भी है। क्योंकि जब शरीर में पानी की कमी होने लगती है तो हिस्टामाइन का स्तर तेजी से बढ़ने लगता है। जिसके कारण अस्थमा जैसी परेशानी कब हो जाती है पता ही नहीं चलता है। इसके शरीर में पानी की कमी बिलकुल न होने दें।

हल्दी
फेफड़े में सूजन और अस्थमा का दौरे पड़ने के दौरान श्वास के मार्गों को बंद करने के लिए जिम्मेदार है सूजन। लेकिन हल्दी से आप इसका इलाज कर सकतें है। क्योंकि यह रक्त वाहिकाओं को फैलाने में मदद करती है और मांसपेशियों को आराम दिलाती है, हल्दी अस्थमा के लक्षणों को काबू में रखने में एक शक्तिशाली हथियार है।

अदरक
अदरक अस्थमा से लड़ने में बहुत कारगर है। कुछ लोगों का कहना है कि एंटीहिस्टामाइन दवाओं से बेहतर काम करता है जैसे कि बेनेड्रिल वायुमार्ग को साफ करने और सूजन रोकती है। लेकिन अदरक की सबसे खास बात यह कि इसका इस्तेमाल करने से कोई भी साइड-इफ़ेक्ट नहीं होता है, जिसका अर्थ है कि आप इसे सुरक्षित रूप से रोज़ाना खाने और अच्छे स्वास्थ्य के लिए पेय पदार्थ में जोड़ सकते हैं।

एवोकाडो
एवोकाडो में एल-ग्लुटाथियोन की मात्रा काफी अधिक होती है। जो की अस्थमा मरीजों के बहुत फायदेमंद है। एवोकाडो हमारे शरीर में सेल्स को डैमेज होने से बचाता है। इसके अलावा शरीर में विषैले पदाथो को बाहर निकल कर शिरी को स्वस्थ रखता है। एवोकाडो में मौजूद एल-ग्लुटाथियोन श्वास नलिकाएं में सुजन को ठीक करता है और क्षतिग्रस्त आंत स्वास्थ्य की मरम्मत करता है।

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