World AIDS Day : लड़कियों को जरूर पता होनी चाहिए HIV से जुड़ी ये 4 खास बातें
By उस्मान | Published: December 1, 2018 07:59 AM2018-12-01T07:59:39+5:302018-12-01T07:59:39+5:30
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को एचआईवी होने के खतरा अधिक होता है। योनि के अंदर एचआईवी के लिए एक नैचुरल इनक्यूबेटर है और उएह हिस्सा लिंग की तुलना में ज्यादा बड़ा होता है। यही वजह है कि महिलाओं को एचआईवी का खतरा अधिक होता है।
आज वर्ल्ड एड्स डे वर्ल्ड (AIDS Day) है। हर साल 1 दिसंबर को मनाने के उद्देश्य लोगों को एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूक करना है। इस साल यानी 2018 में इसकी थीम है 'अपनी स्थिति जानें'। इसका मतलब यह है कि हर इंसान को अपने एचआईवी स्टेटस की जानकारी होनी चाहिए। पुरुषों की तुलना में महिलाओं को एचआईवी होने के खतरा अधिक होता है। योनि के अंदर एचआईवी के लिए एक नैचुरल इनक्यूबेटर है और उएह हिस्सा लिंग की तुलना में ज्यादा बड़ा होता है। यही वजह है कि महिलाओं को एचआईवी का खतरा अधिक होता है।
नेशन एड्स कंट्रोल आर्गेनाईजेशन (NACO) की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2015 तक भारतीय महिलाओं में एचआईवी का प्रसार 0.22 फीसदी है। एचआईवी/एड्स से ग्रस्त 25 लाख लोगों में से करीब 10 लाख महिलाएं हैं। आमतौर पर महिलाओं को पुरुषों की तुलना में महिलाओं को एचआईवी का अधिक खतरा होने के कई फिजिकल और सोशल कारण हो सकते हैं। चलिए जानते हैं।
1) सेक्स के दौरान इन्फेक्शन का अधिक खतरा
समलैंगिक सेक्स की वजह से महिलाओं में इन्फेक्शन का खतरा अधिक होता है। सेक्स के दौरान, वीर्य योनि में प्रवेश करता है, जहां यह कई घंटों तक रह सकता है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। वायरस रक्त प्रवाह को छोटे घावों के जरिए प्रवेश करता है जो संभोग के दौरान योनि की संवेदनशील अस्तर में बनता है। पुरुषों और महिलाओं के बीच ड्राई सेक्स और एनल सेक्स से भी एचआईवी का एक बड़ा जोखिम होता है।
2) पुरुषों का दबदबा
ऐसे कई पुरुष हैं जो सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल नहीं करना चाहते हैं और असुरक्षित यौन संबंध बनाने के लिए महिलाओं को मजबूर करते हैं। हिंसक प्रतिक्रिया के डर के कारण महिलाएं सुरक्षित यौन संबंध जारी नहीं रख पाती हैं। साउथ अफ्रीका में लिंग आधारित हिंसा महिलाओं में अनुमानित 20-25 फीसदी एचआईवी संक्रमण के लिए जिम्मेदार है।
3) रेप के बढ़ते मामले
रेप के बढ़ते मामले सीधे रूप से महिलाओं में एचआईवी संक्रमण और अनचाही प्रेगनेंसी के लिए जिम्मेदार हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, बलात्कार के माध्यम से एचआईवी संचरण का जोखिम सहमति सेक्स के मुकाबले ज्यादा है, और इससे आघात का खतरा भी बहुत अधिक है। जबरन यौन संबंध से अक्सर योनि में घर्षण का कारण बनता है, और इससे संक्रमण की दर बढ़ जाती है।
4) कम उम्र की लड़कियों को एड्स का ज्यादा खतरा
बायोलॉजिकल कारण से सेक्स के दौरान महिलाओं को एचआईवी होनी की संभावना ज्यादा रहती है। पुरुषों से महिलाओं में ट्रांसमिशन का अधिक खतरा रहता है। यूनिसेफ 2005 के आंकड़ों के मुताबिक वृद्ध महिलाओं की तुलना में 15 से 24 साल की लड़कियों में एड्स होने का खतरा रहता है। भारत जैसे देश में एचआईवी एड्स को लेकर कई मिथक हैं जिसमें से एक ये है कि आदमी एक वर्जिन लड़की से सेक्स करे तो एड्स ठीक हो जाता है। ऐसे मिथक समाज के लिए काफी खतरनाक हैं।