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Depression: महिलाओं में डिप्रेशन का खतरा पुरुषों की तुलना में दोगुना, अध्ययन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 8, 2025 19:05 IST

महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अवसाद का खतरा दोगुना होता है। एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई। 'नेचर कम्युनिकेशंस' पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्ष बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अवसाद संबंधित जोखिम में आनुवंशिक कारक अधिक भूमिका निभाते हैं।

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ठळक मुद्देDepression: महिलाओं में डिप्रेशन का खतरा पुरुषों की तुलना में दोगुना, अध्ययन

महिलाओं में पुरुषों की तुलना में अवसाद का खतरा दोगुना होता है। एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई। 'नेचर कम्युनिकेशंस' पत्रिका में प्रकाशित निष्कर्ष बताते हैं कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं में अवसाद संबंधित जोखिम में आनुवंशिक कारक अधिक भूमिका निभाते हैं। ऑस्ट्रेलिया के क्यूआईएमआर (क्वींसलैंड इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल रिसर्च) बर्गहॉफर मेडिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट की वरिष्ठ शोधकर्ता और अध्ययन की लेखिका ब्रिटनी मिशेल ने कहा, "हम जानते हैं कि महिलाओं में अपने जीवनकाल में अवसाद से पीड़ित होने की संभावना पुरुषों की तुलना में दोगुनी होती है।" मिशेल ने कहा, "अब तक, यह समझाने के लिए कोई सुसंगत शोध नहीं हुआ है कि अवसाद महिलाओं और पुरुषों को अलग-अलग तरीके से क्यों प्रभावित करता है।"

टीम ने कहा कि इस अध्ययन में ऑस्ट्रेलिया, नीदरलैंड, ब्रिटेन और अमेरिका के अवसादग्रस्त लगभग 1,30,000 महिलाओं और 65,000 पुरुषों के आनुवंशिक जानकारियों की जांच की गई है। अध्ययन में लगभग 1,60,000 महिलाओं और 1,30,000 से अधिक अवसाद-मुक्त पुरुषों के आंकड़ों का भी विश्लेषण किया गया। अध्ययन करने वाले दल ने कहा कि इस अध्ययन के परिणामों ने इस बात के अनुवांशिक प्रमाण उपलब्ध कराये हैं कि कैस पुरुष एवं महिलाओं में अवसाद अलग अलग तरह से मौजूद रहता है। शोधकर्ताओं ने इस बात पर बल दिया कि अध्ययन में पाए गये जिन डीएनए बदलाव की पहचान की गयी है वे लोगों के जन्म के साथ पाए गये अनुवांश बदलाव हैं और वे जीवन के अनुभवों के कारण नहीं होते हैं। इस शोध पत्र की अन्य लेखिका जोडी थॉमस ने कहा,‘‘निष्कर्षों ने इस बात के महत्व को रेखांकित किया है कि अवसाद एवं अन्य स्वास्थ्य परिस्थितियों के अध्ययन में स्त्री-पुरुष आधारित अनुवांशिक प्रभाव पर विचार किया जाना चाहिए।’’

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