COVID-19 risk: अध्ययन में दावा, इन 5 तरह के लोगों को कोरोना से अस्पताल में भर्ती होने और मौत का अधिक खतरा

By उस्मान | Published: July 19, 2021 01:27 PM2021-07-19T13:27:36+5:302021-07-19T13:35:58+5:30

एक नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है कि जो लोग मानसिक विकार से पीड़ित हैं, उन्हें कोरोना से मौत का अधिक खतरा हो सकता है

who is more risk for covid 19: study says Psychiatric Patients At High Risk Of Hospitalisation, Death Due To Covid-19 | COVID-19 risk: अध्ययन में दावा, इन 5 तरह के लोगों को कोरोना से अस्पताल में भर्ती होने और मौत का अधिक खतरा

कोरोना वायरस

Highlightsमानसिक विकार से पीड़ित लोगों को कोरोना का अधिक जोखिमपर्याप्त नींद नहीं लेना भी बढ़ा सकता है कोरोना का जोखिमइम्यून सिस्टम कमजोर कर सकती हैं एंटीसाइकोटिक्स दवाएं

कोरोना वायरस का प्रकोप थोड़ा कम जरूर हुआ है लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। कोरोना लोगों को अलग-अलग तरीके से प्रभावित करता है। अब एक अध्ययन में पाया गया है कि मानसिक विकार वाले व्यक्तियों में कोविड-19 संक्रमण के बाद मरने या अस्पताल में भर्ती होने की संभावना आम लोगों की तुलना में दोगुनी पाई गई है।

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, पीयर-रिव्यू जर्नल लैंसेट साइकियाट्री में प्रकाशित अध्ययन ने 22 देशों के 33 अध्ययनों के आंकड़ों को संकलित किया, जिसमें कोविड-19 के 1,469,731 मरीज शामिल थे, जिनमें से 43,938 को मानसिक विकार थे।

चिंता कम करने वाले दवाएं लेने वालों को
अध्ययन के अनुसार, मानसिक विकार (psychotic disorders) और मनोदशा संबंधी विकार (mood disorders) वाले लोगों के अलावा एंटीसाइकोटिक्स (चिंता कम करने वाली दवाएं) लेने वाले लोगों को कोविड-19 से संबंधित मृत्यु दर के लिए सबसे कमजोर समूह में रखा गया है।

मादक का इस्तेमाल करने वालों को 
अध्ययन में यह भी पाया गया है कि जो लोग मादक द्रव्यों का अधिक सेवन करने वालों को भी कोविड-19 के बाद अस्पताल में भर्ती होने का खतरा बढ़ गया था। इस तरह के उत्पाद मरीज के दिमाग और व्यवहार को प्रभावित करते हैं।

एंटीसाइकोटिक्स लेने वालों को
एंटीसाइकोटिक्स दिल और थ्रोम्बोम्बोलिक जोखिमों को बढ़ा सकते हैं। यह इम्यून सिस्टम को भी प्रभावित कर सकते हैं। इतना ही नहीं, यह कोविड-19 के इलाज के लिए उपयोग की जाने वाली दवाओं का भी असर कम कर सकते हैं। 

बेंजोडायजेपाइन लेने वालों को
बेंजोडायजेपाइन - साइकोएक्टिव दवाएं - श्वसन जोखिम से जुड़ी हैं, और सभी-कारण मृत्यु दर से जुड़ी होने के लिए जानी जाती हैं। इसके विपरीत, कुछ एंटीडिपेंटेंट्स को हाल ही में सुरक्षात्मक प्रभाव दिखाया गया था।

इन लोगों को भी है अधिक खतरा
शोधकर्ताओं ने पाया है कि सामाजिक और जीवन शैली कारक जैसे आहार, शारीरिक निष्क्रियता, सामाजिक अलगाव, शराब और तंबाकू का अधिक उपयोग और पर्याप्त नींद नहीं लेना आदि का भी कोविड-19 रोग पर हानिकारक प्रभाव पड़ सकता है।

देश में कोविड-19 के 38,164 नए मामले, 499 और लोगों की मौत
भारत में एक दिन में कोविड-19 के 38,164 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,11,44,229 हो गई। वहीं, संक्रमण से 499 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,14,108 हो गई, पिछले 104 दिन में संक्रमण से एक दिन में मौत के ये सबसे कम मामले सामने आए हैं। 

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या भी कम होकर 4,21,665 हो गई है, जो कुल मामलों का 1.35 प्रतिशत है। पिछले 24 घंटे में उपचाराधीन मरीजों की संख्या में कुल 995 कमी आई है। मरीजों के ठीक होने की राष्ट्रीय दर 97.32 प्रतिशत है। 

आंकड़ों के अनुसार, अभी तक कुल 44,54,22,256 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच की गई है, जिनमें से 14,63,593 नमूनों की जांच रविवार को की गई। देश में नमूनों के संक्रमित आने की दैनिक दर 2.61 प्रतिशत है। यह पिछले 28 दिनों से लगातार तीन प्रतिशत से कम है। 

नमूनों में संक्रमण की पुष्टि की साप्ताहिक दर 2.08 प्रतिशत है। अभी तक कुल 3,03,08,456 लोग संक्रमण मुक्त हो चुके हैं। कोविड-19 से मृत्यु दर 1.33 प्रतिशत है। देश में अभी तक कोविड-19 रोधी टीकों की कुल 40.64 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Web Title: who is more risk for covid 19: study says Psychiatric Patients At High Risk Of Hospitalisation, Death Due To Covid-19

स्वास्थ्य से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे