जापानी बुखार से बिहार में अब तक 19 बच्चों की मौत, जानें क्या है इन्सेफेलाइटिस, इसके लक्षण, ये कैसे फैलता है
By गुलनीत कौर | Published: June 10, 2019 02:18 PM2019-06-10T14:18:57+5:302019-06-10T14:18:57+5:30
जापानी बुखार यदि पकड़ में आ जाए तो सिर्फ और सिर्फ्र डॉक्टरी इलाज ही मरीज की जान को बचा सकता है। कई बार जापानी बुखार में मरीज को समय से डॉक्टर का इलाज ना मिल पाने से बात हाथ से निकल जाती है और हर संभव इलाज कराने के बावजूद भी मरीज को अपनी जान गंवानी पड़ती है।
बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। ये सभी मौतें जापानी बुखार के कारण हुई हैं। इनमें ज्यादातर मौतें बच्चों की हैं। रोजाना जापानी बुखार से पीड़ित लोगों की संख्या में भी बच्चे अधिक हैं। मगर ये जापानी बुखार क्या है? कैसे फ़ैल रहा है? और किस तरह ये धीरे धीरे रोगी को मौत की ओर ले जाता है?
क्या है जापानी बुखार (इन्सेफेलाइटिस)? (What is Japanese Encephalitis?)
यह एक प्रकार का संक्रमित बुखार है जिसका असर सीधा दिमाग पर होता है। इसे दिमागी बुखार के नाम से भी जाना जाता है। डेंगू और मलेरिया की तरह हे जापाना बुखार भी मच्छरों की वजह से फैलता है। यह सूअर की वजह से भी होता है। इसके अलावा यह गंदगी में अधिक रहने की वजह से भी होता है।
कहाँ से आया जापानी बुखार? (Japanese Encephalitis history)
साल 1871 में पहली बार जापान में इस बुखार का पता चला था। इसलिए इसका नाम जापानी बुखार पड़ा। यह एक दुर्लभ बीमारी के रूप में सामने आया लेकिन अब विदेश ही नहीं, भारत में भी इस बीमारी ने अपनी जड़ें पक्की कर ली हैं। खासतौर से पूर्वी उत्तर प्रदेश इस बीमारी की चपेट में है।
बच्चों को होता है जापानी बुखार (Japanese Encephalitis in kids, senior citizens)
विशेषज्ञों की मानें तो 1 से 14 साल के बच्चों और 65 वर्ष की आयु से अधिक के लोगों को जापानी बुखार अपनी चपेट में लेता है। बच्चों में यह मछर के काटने और सक्रमण के कारण जल्दी फैलता है। साल के तीन महीने - अगस्त, सितंबर, अक्टूबर में यह बुखार तेजी से फैलता है। क्यूंकि इसी समय मच्छरों के पैदावार सबसे अधिक होती है।
जापानी बुखार में क्या होता है? (Japanese Encephalitis virus)
जापानी बुखार में रोगी का दिमाग सबसे पहले चपेट में आता है। लगातार बुखार, सिरदर्द, उल्टी, थकान, सुस्ती रहना, यह सब जापानी बुखार में होता है। इसके अलावा इस बुखार में कब्ज, बेहोशी, कोमा और लकवे जैसे लक्षण भी देखें को मिलती हैं। समय रहते अगर इन संकेतों को ना पहचाना जाए तो बात हाथ से निकल जाती है।
जापानी बुखार के लक्षण (Japanese Encephalitis symptoms)
- सिरदर्द
- तेज और लगातार बुखार
- थकान
- हर पल सुस्ती
- कमजोरी
- गर्दन में कज्दन
- भूख मर जाना
- घबराहट होना
- उल्टी
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जापानी बुखार का इलाज (Japanese Encephalitis treatment)
जापानी बुखार यदि पकड़ में आ जाए तो सिर्फ और सिर्फ्र डॉक्टरी इलाज ही मरीज की जान को बचा सकता है। कई बार जापानी बुखार में मरीज को समय से डॉक्टर का इलाज ना मिल पाने से बात हाथ से निकल जाती है और हर संभव इलाज कराने के बावजूद भी मरीज को अपनी जान गंवानी पड़ती है।
जापानी बुखार से ऐसे करें बचाव (Japanese Encephalitis prevention)
- गदंगी से जितना डोर रह सकें उतना रहें
- घर में कीटनाशक का छिड़काव करें
- आसपास मच्छर पैदा ना होने दें
- बारिश के मौसम में अधिक बाहर ना घूमें
- बारिश में भीग जाएं तो घर लौटे ही तुरंत कपड़े बदलें
- बुखार दो दिन से अधिक हो तो तुरंत बेसिक हेल्थ टेस्ट कराएं
- बच्चों को पूरा तन ढकने वाले कपड़े पहनाएं