उत्तर प्रदेश आयुष्मान योजनाः इलाज में मनमानी बिलिंग पर लगेगा अंकुश?, निरस्त होगा लाइसेंस, “सारथी” ऐप के जरिए करें चयन

By राजेंद्र कुमार | Updated: May 16, 2025 16:48 IST2025-05-16T16:47:11+5:302025-05-16T16:48:40+5:30

Uttar Pradesh Ayushman Yojana: सरकार ने आयुष्मान मरीजों का इलाज करने वाले प्राइवेट अस्पतालों की जांच करने के लिए हर जिले में गोपनीय जांच टीम भी गठित करने के निर्देश दिए हैं.

Uttar Pradesh Ayushman Yojana arbitrary billing treatment curbed License cancelled choose through “Sarathi” app | उत्तर प्रदेश आयुष्मान योजनाः इलाज में मनमानी बिलिंग पर लगेगा अंकुश?, निरस्त होगा लाइसेंस, “सारथी” ऐप के जरिए करें चयन

file photo

Highlightsआयुष्मान मरीजों का इलाज करने वाले प्राइवेट अस्पतालों का औचक निरीक्षण करेंगी.मरीज के परिजन उसे लेकर बिना किसी भटकाव के विशेषज्ञ अस्पताल पहुंच सकेंगे.सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में इलाज कराने पर भी यह सुविधाएं मिलती हैं.

लखनऊः उत्तर प्रदेश में आयुष्मान योजना के मरीजों के साथ प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के नाम पर मनमानी बिलिंग करना अब भारी पड़ेगा. योगी सरकार ने आयुष्मान मरीजों के इलाज में प्राइवेट अस्पतालों द्वारा मनमानी बिलिंग किए जाने पर अंकुश लगाने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों के जरिए इलाज के बिलों की गोपनीय जांच कराने का फैसला किया है. यही नहीं सरकार ने आयुष्मान मरीजों का इलाज करने वाले प्राइवेट अस्पतालों की जांच करने के लिए हर जिले में गोपनीय जांच टीम भी गठित करने के निर्देश दिए हैं.

टीमें हर जिले में आयुष्मान मरीजों का इलाज करने वाले प्राइवेट अस्पतालों का औचक निरीक्षण करेंगी और मरीज के इलाज का बिल भी चेक करेंगी. इसके अलावा योगी सरकार ने इमरजेंसी के समय आयुष्मान कार्ड धारक को इलाज के लिए समीप के अस्पताल का चयन करने के लिए सारथी ऐप तैयार करवाया है. इस ऐप के जरिए मरीज के परिजन उसे लेकर बिना किसी भटकाव के विशेषज्ञ अस्पताल पहुंच सकेंगे.

ऐसे लगाया जाएगा अंकुश

राज्य के प्रमुख सचिव परिवार कल्याण एवं चिकित्सा स्वास्थ्य पार्थसारथी सेन शर्मा के अनुसार, प्रदेश में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान) के करीब आठ करोड़ और पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के 15 लाख लाभार्थी हैं. इन लाभार्थियों को सरकार की योजना से जुड़े 2,949 सरकारी और 2,885 प्राइवेट अस्पतालों में पांच लाख रुपये तक निशुल्क इलाज की सुविधा मिलती है. यहीं इन्हीं इन लाभार्थियों को प्रदेश के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में इलाज कराने पर भी यह सुविधाएं मिलती हैं.

इन अस्पतालों में इलाज करने आयुष्मान और  पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना के मरीजों के उपचार के बाद संबंधित अस्पताल खर्च का भुगतान करने के लिए स्टेट एजेंसी फॉर कंप्रिहेंसिव हेल्थ एंड इंटीग्रेटेड सर्विसेज (साचीज) को बिल भेजते हैं. अधिकारियों का कहना हैं कि कई निजी अस्पतालों के बिलों में साचीज के विशेषज्ञ डाक्टरों को जांच में गड़बड़ी मिली.

इन लोगों के पाया कि मरीज के इलाज में मनमानी बिलिंग की गई है. जिस मरीज को आईसीयू में भर्ती ही नहीं किया गया, उसके बिल में आईसीयू का खर्च भी जोड़ दिया गया है. इसी तरह तमाम प्राइवेट अस्पतालों में जिन मरीजों को आईसीयू की जरूरत ही नहीं थी, उन्हें भी आईसीयू में रख कर बिल बनाया.

कुल मिलाकर साचीज के विशेषज्ञ डाक्टरों ने यह पाया कि राज्य के बहुत से प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान और पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना के मरीजों के इलाज का बढ़ाचढ़ा कर बिल बना रहे हैं. इसके लिए प्राइवेट अस्पताल आयुष्मान योजना के मरीजों को अलग-अलग नाम की कई मल्टीविटामिन सहित अन्य दवाओं लिखकर उन्हे अस्पताल में भर्ती कर उनके इलाज का भारी भरकम बिल बना रहे हैं,

जबकि ऐसे मरीज को उन दवाओं की जरूरत ही नहीं थी. इस तरह के लगातार बढ़ रहे मामलों को देखते हुए ही सरकार ने अब साचीज की रिपोर्ट के आधार पर अस्पतालों में औचक निरीक्षण की योजना तैयार ही है. इसके लिए मंडल वार टीमें गठित की गई हैं.

इन टीमों को हर दिन घंटे भर पहले जिले के किसी अस्पताल का नाम और वहां भर्ती मरीज के नाम देकर उन मरीज के इलाज की गोपनीय जांच करने के लिए भेजा जाएगा. यह टीम मौके पर पहुंच कर पूरी स्थिति की जांच करेगी, ताकि मारीज़ के इलाज के नाम पर मनमानी बिलिंग करने पर रोक लगाई जा सके. इस टीम की जांच में मनमानी पकड़ में आने पर संबंधित अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

सारथी ऐप

उत्तर प्रदेश में इमरजेंसी के समय आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना में सूचीबद्ध विशेषज्ञ अस्पतालों का चयन अब आयुष्मान कार्ड धारक आसानी से कर सकेंगे. इसके लिए राज्य स्वास्थ्य एजेंसी साचीज ने  “सारथी” ऐप तैयार करवाया है. इस ऐप  लाभार्थी के घर के आसपास स्थित योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों की सटीक लोकेशन मिल सकेगी.

मरीज़ के परिवारीजन बिना किसी भटकाव के विशेषज्ञ अस्पताल उसे लेकर जा सकेंगे. साचीज की मुख्य कार्यपालक अधिकारी अर्चना वर्मा के मुताबिक एप तैयार किया जा चुका है. इस ऐप पर यूपी में सूचीबद्ध सरकारी और निजी क्षेत्र के अस्पतालों का सटीक लोकेशन डाला जा रहा है. जल्दी ही  ऐप पर योजना के लाभार्थियों के लिए अन्य सुविधाएं भी दी जाएगी. इस ऐप को सिर्फ यूपी में कार्य करेगा.

यूपी में प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (आयुष्मान) के करीब आठ करोड़ लाभार्थी हैं.

यूपी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना के 15 लाख लाभार्थी हैं.

यूपी के 2,949 सरकारी और 2,885 प्राइवेट अस्पतालों में इन योजनाओं के लाभार्थियों का इलाज होता होता है

Web Title: Uttar Pradesh Ayushman Yojana arbitrary billing treatment curbed License cancelled choose through “Sarathi” app

स्वास्थ्य से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे