खिलौनों से बच्चों को होता है इस जानलेवा बीमारी का खतरा

By उस्मान | Published: September 1, 2018 07:37 AM2018-09-01T07:37:31+5:302018-09-01T07:37:31+5:30

हकीकत यह है कि कुछ खिलौनों में जानलेवा तत्व होते हैं। पॉलीविनायल क्लोराइड पीवीसी से बने इन खिलौनों में सीसा और कैडमियम होता है जो नवर्स सिस्टम पर बुरा असर डालते हैं।

toys are dangerous to your kids and even some older ones | खिलौनों से बच्चों को होता है इस जानलेवा बीमारी का खतरा

फोटो- पिक्साबे

आजकल बाजार में कई किस्म के खिलौने मिलते हैं। एक समय था जब महंगे और अच्छे खिलौने केवल अमीर आदमी के पहुंच तक ही थे, लेकिन अब बाजार में चाइनीज खिलौनों से बाजार अटे पड़े हैं, जिन्हें हम अपने बच्चों को खेलने के लिए देते हैं। क्या आपको पता है कि ये मनमोहक खिलौने बच्चों को कई बीमारियों का शिकार बना सकते है? खेलने के दौरान बच्चे खिलौनों को बार-बार मुंह में डालते हैं। हालांकि बाजार में आजकल कई इस तरह के खिलौने भी मिलते हैं जिन्हें बच्चा अगर मुंह में डाले तो उनकी सेहत पर इसका कोई बुरा प्रभाव नहीं होता। हकीकत यह है कि यह सुविधा केवल ऊंच, मध्यमवर्ग के पैरेंट्स को ही उपलब्ध होती है, जो बच्चों के खिलौने के मटीरियल को लेकर जागरूक होते हैं। 

बच्चे के नवर्स सिस्टम पर बुरा असर  

हकीकत यह है कि कुछ खिलौनों में जानलेवा तत्व होते हैं। पॉलीविनायल क्लोराइड पीवीसी से बने इन खिलौनों में सीसा और कैडमियम होता है जो नवर्स सिस्टम पर बुरा असर डालते हैं। इनमें मौजूद न्यूराटॉक्सिंस और नेफ्रोटॉक्सिंस बच्चे के गूदरें पर और नवर्स सिस्टम पर बुरा असर डालते हैं। पीवीसी या प्लास्टिक के दूसरे सामान में कलरिंग एजेंट्स के तौरपर ऑरगेनो-मेटालिक कंपाउड्स के रूप में प्रयोग किये जाते हैं। लंबे समय तक इन जहरीले तत्वों के प्रभाव में रहने से बच्चे के बौद्धिक क्षमता कम हो सकती है। जिसका बच्चे की सीखने की क्षमता पर बुरा असर होता है। वे जहरीले तत्व बच्चे की किडनी और लिवर को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।

बड़े शहरों के बच्चों को ज्यादा खतरा

पीवीसी से बने खिलौनों और सॉफ्ट खिलौनों में सीसे और कैडमियम के मात्र का पता लगाने हेतु और बच्चों के स्वास्थ्य पर इनके बुरे असर को जांचने के लिए दिल्ली, मुंबई और चेन्नई तीन महानगरों से खिलौनों के नमूनें अध्ययन के लिए एकत्रित किये गये थे। कुल 111 खिलौनों को नमूनों का परीक्षण किया गया। 77 खिलौनों का निर्माण पीवीसी से किया गया था। राजधानी दिल्ली से किये गये 60 खिलौनों में से 43 खिलौने पीवीसी के थे। मुंबई से प्राप्त सभी 30 नमूने पीवीसी के पाये गये। इस मामले में चेन्नई में वहां की 21 नमूनों में से सिर्फ 4 में ही पीवीसी पाया गया। खिलौनों में सीसा और कैडमियम के लिए 84 नमूनों की जांच की गई थी जिनमें से 77 खिलौने पीवीसी थे। इन खिलौनों में सीसे का सबसे कम औसत यानी 3.70 पीपीएम चेन्नई के खिलौनों में पाया गया।

महंगे ब्रांड के खिलौने ज्यादा नुकसानदायक 

इस अध्ययन से यह साबित होता है कि देश के बड़े ब्रांड के खिलौनों को अगर छोड़ दें तो ब्रांडरहित खिलौनों में सीसा और कैडमियम जैसे नुकसानदेह तत्व बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो रहे हैं। खिलौनों में इन तत्वों का इस्तेमाल पीवीसी में स्टैबलाइजर के रूप में किया जाता है जो खिलौनों को मजबूती देते हैं। लेकिन ये मेटल स्टैबलाइजर्स पीवीसी के भीतर नहीं जा पाते और रोशनी धूप या बच्चों के द्वारा मुंह में चबाये जाने से लार के संपर्क में आने पर घुलकर बाहर आ जाते हैं। इसलिए माता-पिता को चाहिए कि वह बच्चों को भले ही कम खिलौने खेलने के लिए लेकिन उन्हें ब्रांडेड खिलौने ही खरीदने चाहिए, जिनमें इन तत्वों का इस्तेमाल इन्हें बनाने के लिए न किया गया हो।

Web Title: toys are dangerous to your kids and even some older ones

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