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क्या आप रोज रात में लाइट जलाकर सोते हैं?, अगर हां तो आज करें इस आदत को हमेशा के लिए अलविदा, बत्ती जलाकर सोने से होती है खतरनाक बीमारियां- अध्ययन

By आजाद खान | Updated: March 20, 2022 16:40 IST

जानकार कहते हैं कि लाइट शरीर को वैसे भी नुकसान पहुंचाती है लेकिन रात में अगर इसे बंद न किया गया तो यह और भी घातक साबित हो सकती है।

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ठळक मुद्देअकसर हमें रात में लाइट जलाकर सोने की आदत है। हमारी इस आदत से हमारे शरीर को बहुत नुकसान पहुंचता है। यह बात हाल ही में हुए एक अध्ययन में भी साबित हो गया है।

Light Off Sleeps: आपने अकसर ऐसा सुना होगा कि लाइट बंद करके सोना सेहत के लिए अच्छा साबित होता है। यह बात अब रिसर्च में भी सही साबित हो गया है। इस रिसर्च में यह खुलासा हुआ है कि जो कोई भी रात के समय अगर लाइट बंद करके और सारी खिड़कियां खोलकर सोता है तो इससे आपकी सेहत अच्छी रहती है और आप कई बीमारियों से दूर रहते हैं। अमेरिका के इलिनोइस राज्य की नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के फीनबर्ग स्कूल ऑफ मेडिसिन (Feinberg School of Medicine – Northwestern University) के साइंटिस्टों ने इस पर खोज की है और इसके बाद उन लोगों ने खुलासा किया है। उनके द्वारा किए गए खोज काफी चौंका देने वाले हैं।

ऐसा करने से हो सकती है दिल की बीमारी और डायबिटीज

साइंटिस्टों ने खोज के बाद कहा है कि रात में लाइट जलाकर सोने वालों को दिल की बीमारी और डायबिटीज हो सकती है। ये दोनों बीमारियां शरीर के लिए बहुत ही घातक होती है। इस खोज में यह पाया गया है कि जलती हुई लाइट में सोने से आपके दिल की धड़कनें दिन के लेवल जितनी बढ़ जाती है और यही स्थिति शरीर में मौजूद इंसुलिन के साथ भी होती है। ये आपके शरीर को बहुत नुकसान पहुंचाता है। 

ऐसा किया गया यह खोज

आपको बता दें कि इस स्टडी का निष्कर्ष प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (Proceedings of the National Academy of Sciences) में प्रकाशित किया गया है जिसमें 20 लोगों पर यह अध्ययन किया गया था। इस स्टडी में करीब 10 लोगों 100 लक्स (लाइट की तीव्रता) यानी मध्यम लाइट में रखा गया था और दूसरे 10 लोगों को 3 लक्स (मंद रोशनी) तीव्रता वाली लाइट में रखा गया था। इसके बाद अध्ययन किया गया था जिसमें बहुत अंतर पाया गया था। 

खोज में हुआ यह खुलासा

इस अध्ययन में यह पाया गया कि जो लोग 100 लक्स लाइट की तीव्रता में सोए हुए थे उनकी दिल की धड़कन 3 लक्स में सोने वाले लोगों से ज्यादा थी। ऐसे इसलिए हुआ क्योंकि हमारे सोने के बाद भी हमारी स्वायत्त तंत्रिका प्रणाली (Autonomic Nervous System) रात में भी एक्टिव रहती है जो जरा सी आहट या रोशनी पाकर तीव्र हो जाती है। यही नहीं तेज रोशनी में सोने वालों की इंसुलिन 15 प्रतिशत तक बढ़ जाता है जबकि हल्की रोशनी में सोने वालों लोगों के इंसुलिन को 4 फीसदी कम होते हुए देखा गया है। 

आम लोगों के लिए क्या है सलाह

इस पर और बोलते हुए नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के स्लीप मेडिसिन की प्रमुख डॉ फाइलिस जी (Dr. Phyllis Zee) ने बताया कि अगर हम कोई भी लाइट लगाकर सोते हैं जिससे हम आसानी से चीजों को देख पाते हैं तो ये शरीर के लिए हानिकारक है। बिना लाइट या हल्की पीली लाइट लगाकर सोने से इसके खतरे से बहुत हद तक बचा जा सकता है।  

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