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पुरुषों के लिए 'गर्भनिरोधक गोलियां'! शोधकर्ताओं ने किया विकसित, रोक देता है शुक्राणु, जानें पूरी डिटेल

By आजाद खान | Updated: February 15, 2023 12:14 IST

नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित इस स्टडी के रिजल्ट ने यह खुलासा किया है कि यह गर्भनिरोधक दवा अस्थायी रूप से शुक्राणु को रोकती है और इससे गर्भधारण को भी रोका जा सकता है।

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ठळक मुद्देशोधकर्ताओं ने पुरुषों के लिए मौखिक गर्भनिरोधक को विकसित किया है। दावा है कि यह गर्भनिरोधक अस्थायी रूप से शुक्राणु को रोकने में सफल साबित हुआ है। इसकी खोज करने वालों का कहना है कि यह "गेम-चेंजर" के रूप में साबित हो सकती है।

वाशिंगटन डीसी: एक नए अध्ययन में पुरुषों के लिए गर्भनिरोधक दवा तैयाकर करने की बात कही जा रही है। दावा है कि यह दवा अस्थायी रूप से शुक्राणु को रोकती है। यही नहीं इसे लेकर यह भी कहा जा रहा है कि यह गर्भधारण को भी रोकती है। इस बात को लेकर काफी दिनों से यह चर्चा चल रही थी कि पुरुषों के लिए भी कोई गर्भनिरोधक दवा हो, ऐसे में इसे इनके लिए गर्भनिरोधक दवा की खोज हो गई है। 

जानकार बताते है कि यह गर्भनिरोधक दवा पुरुषों के लिए एक "गेम-चेंजर" के रूप में साबित हो सकती है। ऐसे में इस अध्ययन से जुड़ी सारी जानकारी 14 फरवरी के नेचर कम्युनिकेशंस पत्रिका में प्रकाशित की गई है। 

"गेम-चेंजर" है यह खोज- डॉ जोचेन बक और डॉ लोनी लेविन

इस पर बोलते हुए अध्ययन के सह-वरिष्ठ लेखक डॉ जोचेन बक और डॉ लोनी लेविन जो दोनों वेइल कॉर्नेल मेडिसिन में फार्माकोलॉजी के प्रोफेसर हैं, का कहना है कि यह खोज गेम-चेंजर है। ऐसे में डॉ बक का कहना है कि इससे पहले पुरुषों के लिए केवल दो ही विकल्प थे, या तो पुरुष कंडोम का इस्तेमाल करे जो दो हजार सालों से चला आ रहा है या फिर वे नसबंदी करा लें। 

डॉ बक ने आगे कहा है कि पुरुषों के लिए गर्भ निरोधकों पर शोध कभी रूकी नहीं थी। ऐसे में चूकि पुरुष गर्भावस्था से जुड़े जोखिमों को नहीं सहते है क्योंकि यह दर्द केवल महिलाओं को ही होती है, इसलिए शोधकर्ताओं का मानना है कि पुरुषों में संभावित गर्भनिरोधक के दुष्प्रभावों को झेलने की कम क्षमता कम होगी। 

क्या हुआ खुलासा

इस स्टडी को चूहों पर किया गया है जिसमें यह पता चला है कि TDI-11861 नामक एक एसएसी अवरोधक की एक खुराक चूहों की दी गई थी। ऐसे में यह देखा गया है कि यह एक खुराक चूहों के शुक्राणु को ढाई घंटे तक स्थिर करती है और यह प्रभाव संभोग के बाद महिला प्रजनन पथ में बना रहता है। 

स्टडी में आगे यह भी पाया गया कि करीब तीन घंटे बाद कुछ शुक्राणु फिर से गतिशीलता शुरू कर देते हैं; 24 घंटे तक, लगभग सभी शुक्राणुओं ने सामान्य गति प्राप्त कर ली है। स्टडी में यह भी खुलासा हुआ है कि खुराक दिए हुए नर चूहों को जब मादा चूहों के साथ छोड़ा गया था तो उन लोगों ने सामान्य संभोग व्यवहार का प्रदर्शन किया है। ऐसे में करीब 52 अलग-अलग संभोग के प्रयासों के बाद भी मादा चूहों को गर्भवती नहीं पाया गया है। 

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