प्रियंका ने अस्थमा, निक ने डायबिटीज पर इन 4 तरीकों से पाया कंट्रोल, ध्यान रखें इन लाइलाज बीमारियों से लड़ने के ये उपाय
By उस्मान | Published: November 26, 2018 12:20 PM2018-11-26T12:20:18+5:302018-11-26T12:20:18+5:30
प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस इन दिनों अपनी शादी की तैयारियों में व्यस्त हैं। बताया जा रहा है कि प्रियंका-निक की शादी 2 दिसंबर को जोधपुर के उम्मेद भवन में होगी। इस बीच निक जोनस ने से सोशल मीडिया पर डायबिटीज टाइप 1 से पीड़ित होने का खुलासा किया है। इधर प्रियंका ने भी इस साल सितंबर में खुलासा किया था कि वो अस्थमा से पीड़ित हैं।
प्रियंका चोपड़ा और निक जोनस इन दिनों अपनी शादी की तैयारियों में व्यस्त हैं। बताया जा रहा है कि प्रियंका-निक की शादी 2 दिसंबर को जोधपुर के उम्मेद भवन में होगी। इस बीच निक जोनस ने से सोशल मीडिया पर डायबिटीज टाइप 1 से पीड़ित होने का खुलासा किया है। इधर प्रियंका ने भी इस साल सितंबर में खुलासा किया था कि वो अस्थमा से पीड़ित हैं।
निक जोनस ने एक पुरानी फोटो शेयर करते हुए लिखा, '13 साल पहले मुझे डायबिटीज टाइप 1 का पता चला। दूसरी फोटो इसका पता चलने के बाद की है। शायद सिर्फ 100 पाउंड, ब्लड शुगर हाई होने के कारण काफी वजन कम हो गया था। दाईं तरफ तस्वीर अभी की है। खुश और स्वस्थ्य। अपनी फिजिकल हेल्थ को प्राथमिकता बनाना। इस बीमारी के साथ मेरी रोजाना लाइफ पर पूरा कंट्रोल है।
निक के ट्वीट पर ऐसा था प्रियंका रिएक्शन
अपने होने वाले दूल्हे निक ट्वीट पर प्रियंका अपना रिएक्शन दिया है। प्रियंका ने लिखा 'तुम्हारे बारे में सभी बातें स्पेशल है। फिर चाहे डायबिटीज हो या नहीं।' इसमें कोई शक नहीं है कि प्रियंका-निक के चाहने वालों की दुआएं हमेशा उनके साथ हैं लेकिन एक स्वस्थ जीवन के लिए इस कपल को हमेशा एक दूसरे की डाइट और लाइफस्टाइल का ख्याल रखना होगा।
निक ने ऐसे किया ब्लड शुगर कंट्रोल
डायबिटीज एक ऐसी गंभीर बीमारी है जिसका कोई इलाज नहीं है। सिर्फ बेहतर डाइट, एक्सरसाइज और लाइफस्टाइल के जरिए ही इसे कंट्रोल किया जा सकता है। निक ने बताया है कि जब वो डायबिटीज से पीड़ित थे उनका ब्लड शुगर लेवल 700 से अधिक हो जाता था। आपको बता दें कि नॉर्मल ब्लड शुगर लेवल 70 से 120 के बीच होना चाहिए। लेकिन उन्होंने ब्लड शुगर लेवल को मैनेज करना सीखा।
निक ने एनआईएच मेडिसिन प्लस को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि 'मुझे डायबिटीज मैनेज करने के लिए मुझे इंसुलिन पंप लेना पड़ता था। मैं हमेशा अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करता रहता था और अपनी शरीर को समझने के लिए हर कोशिश करता था। मैंने डॉक्टर पर भरोसा किया और उनकी सलाह पर काम किया।
डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए निक ने रखा डाइट का खास ध्यान
निक ने बताया कि किसी को भी टाइप 1 डायबिटीज के साथ बहुत एक्टिव और बिजी जीवन जीने की जरूरत होती है। उसे अपनी डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल का खास ध्यान रखना होता है। मैं घर से बाहर रहकर भी डाइट का खास ध्यान रखता था।
निक ने फिजिकल एक्सरसाइज पर दिया जोर
डायबिटीज के मरीजों कि हमेशा एक्सरसाइज की सलाह दी जाती है। निक भी हमेशा फिजिकल एक्सरसाइज पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए मैं हमेशा फिजिकल एक्सरसाइज करता था जिससे मुझे काफी मदद मिली।
प्रियंका चोपड़ा है अस्थमा से पीड़ित
प्रियंका ने अपने ट्वीट में बताया था कि वो अस्थमा की मरीज हैं. और उन्होंने दवा की जगह इनहेलर और आयुर्वेदिक चीजों को महत्व दिया और यही कारण है कि अस्थमा उन पर कभी हावी नहीं होने पाया। उन्होंने लिखा था कि 'मुझे यह पता था कि इसके पहले कि दमा मुझे अपने काबू में कर ले, मुझे उसे काबू में करना होगा। जब तक मेरे पास मेरा इनहेलर है, दमा मुझे मेरे लक्ष्य को पाने और बेरोक जिंदगी जीने से नहीं रोक सकता।'
Those who know me well know that I'm an asthmatic. I mean, what’s to hide? I knew that I had to control my asthma before it controlled me. As long as I’ve got my inhaler, asthma can’t stop me from achieving my goals & living a #BerokZindagi.
— PRIYANKA (@priyankachopra) September 17, 2018
Know more: https://t.co/pdroHigNMKhttps://t.co/P50Arc9aIo
अस्थमा का भी नहीं है कोई इलाज
वहीं दुर्भाग्य से अस्थमा बीमारी का कोई पक्का इलाज नहीं है। हालांकि इसके लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है। कई लोगों को नियमित रूप से दवाएं लेने से अस्थमा के लक्षण पूरी तरह गायब हो सकते हैं लेकिन किसी बीमारी या प्रदूषण की वजह से ये लक्षण दोबारा पैदा हो सकते हैं।
इन उपायों से अस्थमा को कंट्रोल रखने में मिल सकती है मदद
1) मछली
सैमन, ट्राउट और सार्डाइन जैसी मछलियों को पौष्टिक आहार में शामिल करने से बच्चों में अस्थमा के लक्षण में कमी आ सकती है। एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है। ऑस्ट्रेलिया में ला ट्रोब विश्वविद्यालय के नेतृत्व में किये गये क्लीनिकल ट्रायल में यह पता चला कि अस्थमा से ग्रसित बच्चों के भोजन में जब छह महीने तक वसा युक्त (फैटी एसिड वाला) मछलियों से भरपूर पौष्टिक समुद्री भोजन को शामिल किया गया, तब उनके फेफड़े की कार्यप्रणाली में सुधार देखा गया। मछलियों में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होते हैं जिनमें रोग को रोकने में सक्षम गुण होते हैं।
2) अदरक
अदरक में ऐसे कई तत्व होते हैं जो गले और सांस की समस्या से हमारा बचाव करते हैं। यह तत्व सांस लेना आसान बनाते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि अदरक का सेवन यदि सीधे ही या फिर चाय में या इसे जूस के रूप में भी लिया जाए, तो ये सांस में जकड़न जैसी परेशानी को कम करने में मदद करता है।
3) वसाका
अपनी डाइट में वसाका नामक जड़ी शामिल करें। वसाका, जिसे मालाबार नट भी कहते हैं, ब्रीदिंग में राहत देती है और सांस लेने के रास्ते को भी खोलती है। इसके प्रयोग से सीने की जकड़न में राहत मिलती है और बलगम का बाहर निकलना आसान हो जाता है। यह खांसी कंट्रोल में भी मददगार है। यह हमारे लंग्स की कार्य करने की क्षमता को बढ़ाती है। सुझाव दिया जाता है कि वसाका का सेवन बाजार में उपलब्ध जूस, सीरप व कैप्सूल के रूप में किया जाना चाहिए।
4) अजवायन
अजवायन पत्ती में वे सभी विटामिन होते हैं जो हमारी इम्यूनिटी के लिए लाभकारी हैं और हेल्थ को बढ़ाने में मददगार हैं। अजवायन पत्ती में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं तथा इसमें लंग्स की सफाई करने वाले ऐसे अन्य तत्व भी भरपूर मात्रा में होते हैं जो अस्थमा एवं खांसी जैसे रोगों के उपचार में हेल्प करते हैं।