पीरियड्स के दौरान कुछ महिलाओं और लड़कियों को बहुत ज्यादा रक्तस्राव होने लगता है। ऐसा कभी- कभी होना नॉर्मल है लेकिन अगर ऐसा हर महीने होता है, तो आपको सतर्क होने की जरूरत है। हैवी ब्लीडिंग की समस्या को अनदेखा करने से आपको एनीमिया, मूड स्विंग, थकान और तनाव की समस्या हो सकती है। कई महिलाएं हैवी ब्लीडिंग को रोकने के लिए हार्मोनल मेडिसिन का सेवन करती हैं। हालांकि आप कुछ असरदार घरेलु उपायों से भी इससे राहत पा सकते हैं।
1) मूलीमूली बड़ी ही आसानी से खून को जमाती है। मूली पकाते समय, इसमें मूली के पत्ते भी जरूर डालें। इस सब्ज़ि को पीरियड्स के समय जरूर खाना चाहिए। इससे ब्लड फ्लो कंट्रोल रहता है।
2) अदरकआप अदरक को पानी में उबाल कर काढ़ा बनाकर भी पी सकती हैं। इसके स्वाद को अच्छा करने के लिए आप इसमें शक्कर या शहद भी मिला सकती हैं। इसे दिन में 2 या 3 बार खाने के बाद पियें। यह भारी ब्लीडिंग को रोकने में मदद करता है।
3) इमली इमली में फाइबर और एंटीऑक्सीडैंट्स होते हैं। जो खून को जमा देते हैं और ज्यादा ब्लीडिंग को होने से रोकते हैं। अगर आपको लगे की ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो रही है, तो इमली का एक टुकड़ा जरूर खा लें।
4) पपीतापपीते को पीरियड्स होने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कच्चे पपीते के सेवन से पीरियड्स के दिनों में ज्यादा ब्लड फ्लो नहीं होता है। इन दिनों में आप कच्चे पपीते के 2 पीस खा सकती हैं।
हैवी ब्लीडिंग के कारण
1) हार्मोन असंतुलनपीरियड्स के दौरान शरीर के हारमोन्स में परिवर्तन होते है। हालांकि असामान्य तरीके से परिवर्तन होना भी ज्यादा ब्लीडिंग का एक कारण होता है। मेनोपॉज से एक वर्ष पहले हारमोन्स में सबसे ज्यादा असंतुलन होता है, ऐसे में ज्यादा ब्लीडिंग होना नॉमर्ल है। कई बार ज्यादा मात्रा में गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से भी ऐसी समस्या आ जाती है।
2) इन्फेक्शन प्रजनन अंगों में कई तरह के संक्रमण होने के कारण महिलाओं को उन दिनों में ज्यादा ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है जैसे गर्भाशय के पेल्विक में सूजन और संक्रमण के कारण ह समस्या ज्यादा होती है।
4) सर्वाइकल कैंसर सर्वाइकल कैंसर में गर्भाशय, असामान्य और नियंत्रण से बाहर हो जाता है। इसके होने से शरीर के कई हिस्से नष्ट हो जाते है। 90 प्रतिशत से ज्यादा सरवाइकल कैंसर, ह्यूमन पेपिलोमा वायरस के कारण होता है। इसके उपचार के दौरान मरीज की सर्जरी करके उसे कीमोथेरेपी और रेडियशन दिया जाता है, इस बीमारी का इलाज संभव है।