महिलाओं में UTI बीमारी को रोकने के लिए मिलकर काम करेंगे पीसेफ और वॉटर ऐड
By उस्मान | Published: July 18, 2018 03:28 PM2018-07-18T15:28:49+5:302018-07-18T15:28:49+5:30
भारत में 50 फीसदी से ज्यादा महिलाएं अपने जीवन में एक बार मूत्रमार्ग में संक्रमण (यूटीआई) की शिकार होती हैं।
भारत के प्रमुख डेली हाइजीन ब्रैंड पीसेफ ने हाल ही में सबसे गरीब और हाशिए पर रहने वाले लोगों को स्वच्छ पानी, बेहतर साफ-सफाई और शौच के बाद हाथ धोने की महत्ता के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से एनजीओ वॉटर ऐड से हाथ मिलाया है। इस सहयोग का मकसद ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त करना और देश भर में समग्र रूप से स्वच्छता और साफ-सफाई का स्तर सुधारना है। भारत में 50 फीसदी से ज्यादा महिलाएं अपने जीवन में एक बार मूत्रमार्ग में संक्रमण (यूटीआई) की शिकार होती हैं। इसका सबसे मुख्य कारण स्वच्छता और साफ-सफाई का न होना है।
बेहतर टॉयलेट्स और साफ-सफाई पर होगा जोर
पीसेफ पर होने वाली हर प्रॉडक्ट की खरीदारी पर दस रुपये उस फंड में जुड़ जाएंगे, जो वॉटर ऐड इंडिया की ओर से देश में हाशिए पर रहने वाले लोगों को साफ पानी, अच्छे टॉयलेट्स और बेहतर साफ-सफाई मुहैया कराने के लिए जुटाया गया है।
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ग्रामीण महिलाओं को मिलेगी मदद
पीसेफ के संस्थापक श्री विकास बागरिया के अनुसार, यह कार्यक्रम स्वच्छता और साफ-सफाई पर टिका है। इस अभियान का मुख्य विचार गंदे शौचालय के प्रयोग से पैदा होने वाली बीमारी के संबंध में जागरूकता फैलाना है। इससे लोगों को स्वच्छ और साफ-सुथरे शौचालयों की उपयोगिता को समझाने में मदद मिलेगी। इससे मुख्य रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को साफ-सफाई और स्वच्छता के महत्व को समझने का मौका मिलेगा। इस दोहरे प्रयास से समाज के हाशिए वाले लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आएंगे, जो उन्हें साफ-सफाई का महत्व समझाएंगे।
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वॉटर ऐड इंडिया में रिसोर्स मोबाइलाजेशन के निदेशक विकास कटारिया ने कहा, 'इस कार्क्रम से साफ पानी, वातावरण में स्वच्छता और साफ-सफाई से जुड़ी सेवाओं तक अधिक से अधिक लोगों तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।
(फोटो- पिक्साबे)