Parasitic Twin: एक ऐसा दुर्लभ विकार जिसमें 2 सिर, 8 हाथ-पैर के साथ पैदा होते हैं बच्चे, जानें कारण, लक्षण, इलाज
By उस्मान | Updated: June 4, 2019 13:31 IST2019-06-04T13:31:55+5:302019-06-04T13:31:55+5:30
आपने कई बार ऐसी खबरें पढ़ी या सुनी होंगी कि कोई शिशु दो जुड़े हुए सिर के साथ या तीन हाथ-पैर के साथ पैदा हुआ। यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है जिसे मेडिकल भाषा में इस पैरासिटिक ट्विन कहा जाता है।

फोटो- सोशल मीडिया
आपने कई बार ऐसी खबरें पढ़ी या सुनी होंगी कि कोई शिशु दो जुड़े हुए सिर के साथ या तीन हाथ-पैर के साथ पैदा हुआ। यह एक जेनेटिक डिसऑर्डर है जिसे मेडिकल भाषा में इस पैरासिटिक ट्विन कहा जाता है। जब आप इसके किसी मरीज की फोटो देखेंगे तो आपको ऐसा लगेगा कि जैसे किसी महिला के पेट में दो बच्चों का विकास हो रहा था और डिलीवरी के दौरान वो दोनों आपस में इस तरह चिपक गए कि एक ही बच्चे में तीन-चार हाथ-पैर जुड़ गए हों।
पैरासिटिक ट्विन क्या है (What is Parasitic twin)
पैरासिटिक ट्विन को एबनॉर्मल ट्विनिंग, कोंजोइंड ट्विन, फेट्स इन फेटू और वेस्टीजियल ट्विन के नाम से भी जाना जाता है। यह बहुत दुर्लभ स्थिति है और इस तरह का मामला 1 मिलियन बच्चों में एक में पाया जाता है। इस तरह के जुड़वां बच्चों का गर्भ के दौरान विकास होना बंद हो जाता है। लेकिन शरीर जुड़ने से एक ही बच्चे का शरीर बढ़ जाता है।
पूरी तरह से विकसित जुड़वां को ऑटोसाइट ट्विन के रूप में भी जाना जाता है। इस तरह के बच्चों के दिमाग का पूर्ण मस्तिष्क या दिल नहीं होता है। वे आमतौर पर जुड़वां के साथ अंगों को साझा करते हैं। वे अपने दम पर जीवित नहीं रह सकते। डॉक्टर मानते हैं कि अगर उपचार न किया जाए, तो ऐसे बच्चों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
पैरासिटिक ट्विन के कारण (Causes, Signs or Symptoms of Parasitic Twin)
शोधकर्ताओं ने इस बारे में बहुत खोज की है लेकिन अभी तक कोई स्पष्ट कारण अभी तक सामने नहीं आया है। निषेचन के तुरंत बाद दो में विभाजित होने वाले फर्टिलाइज एग से इस तरह के जुड़वा बच्चे आते हैं। यदि एग पूरी तरह से अलग होने में विफल रहता है, तो इसका परिणाम जुड़वाँ के रूप में सामने आता है।
कभी-कभी, प्रारंभिक गर्भावस्था में भ्रूण में से एक आंशिक रूप से दूसरे द्वारा अवशोषित होता है। आंशिक रूप से अवशोषित भ्रूण विकसित होना बंद हो जाता है और परजीवी हो जाता है। अन्य जुड़वां सामान्य रूप से विकसित होते हैं और प्रभावी हो जाते हैं। इसके कोई स्पष्ट लक्षण अभी तक सामने नहीं हैं।
इसका निदान कैसे किया जाता है (Diagnosed of Parasitic Twin)
गर्भावस्था के दौरान इस तरह के मामले की पहचान करना संभव है। इसकी पहचान अल्ट्रासाउंड और 3-डी अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन और एमआरआई द्वारा की जा सकती है।
पैरासिटिक ट्विन में इन अंगों पर पड़ता है असर
सेफेलोपागस: इसमें सिर के पीछे का हिस्सा दूसरे से जुड़ा होता है
क्रानियोपैगस ट्विन: खोपड़ी जुड़ जाती है
ऐपिगैस्ट्रिक : इसमें पेट का ऊपरी हिस्सा प्रभावित होता है
ओम्फालोपागस: इसमें पेट प्रभावित होता है
पैरापैगस: इसमें धड़ प्रभावित होता है
पाइगोमेलिया: इसमें कमर का निचला हिस्सा प्रभावित होता है
योपगस- इएमिन निचली रीढ़ प्रभावित होती है
थोरैकोपैगस: ऊपरी छाती
पैरासिटिक ट्विन का ताजा मामला
साल 2017 में इसका ताजा मामला सामने आया था। डोमिनिक नाम की एक बच्ची ने उस समय सुर्खियाँ बटोरीं जब वह सर्जरी के लिए वेस्ट अफ्रीका से शिकागो गई। वहां, न्यूरोसर्जन की एक टीम को उसके पैरासिटिक ट्विन को हटाने में छह घंटे लगे। 10 महीने की बच्ची की गर्दन और पीठ से एक अतिरिक्त श्रोणि, पैर, पैर और पैर की उंगलियां थीं।
भारत में पैरासिटिक ट्विन के मामले
एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 1970 से लेकर अब तक इसके चार मामले सामने आए हैं। साल 2005 में बिहार के अररिया जिले में लक्ष्मी तात्मा नामक एक लड़की का जन्म 4 भुजाएँ और 4 पैर के साथ हुआ। इन जुड़वाँ बच्चों में एक का सिर नहीं था और छाती पूरी तरह से गर्भ में विकसित नहीं हुई थी, जिसके कारण चार हाथ और चार पैरों वाली एक बच्ची पैदा हुई।
अमेरिका में पैरासिटिक ट्विन के मामले
इसी तरह इतालवी-अमेरिकी सिडशो कलाकार फ्रैंक लेंटिनी का जन्म पैरासिटिक ट्विन के रूप में हुआ था। उसका जुड़वा उसके शरीर में रीढ़ से जुड़ा हुआ था और उसकी एक श्रोणि (पेल्विस हिस्से) की हड्डी, उसका जननांग उसके कूल्हे के दाईं ओर से फैला हुआ था, जिसमें उसके घुटने से छोटा पैर था।

