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Heart Attack से बचना है तो किसी भी कीमत पर घर ले आयें ये तेल, ऐसे करें इस्तेमाल

By उस्मान | Updated: March 9, 2019 13:48 IST

एक नई रिसर्च में यह साबित हुआ है कि इस तेल के नियमित इस्तेमाल से दिल का दौरा या हार्ट अटैक (Heart Attack) और स्ट्रोक (Stroke) जैसी गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।

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एक नई रिसर्च के अनुसार, खून में एक प्रोटीन होता है और वो जैतून का तेल या ओलिव ऑयल (Olive oil) जैसी अनसैचुरेटेड फैट वाली चीजों के सेवन से बढ़ता है। शोध में यह साबित हुआ है कि इन चीजों के नियमित सेवन से दिल का दौरा या हार्ट अटैक (Heart Attack) और स्ट्रोक (Stroke) जैसी गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है।  

दिल बहुत ही नाजुक होता है इसलिए इसकी सही देखभाल बहुत जरूरी है, वरना दिल का दौरा पड़ने की संभावना बढ़ जाती है। बदलते लाइफस्टाइल और गलत खान-पान के कारण बड़ों से लेकर युवाओं में दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसका नतीजा बहुत कम उम्र में ही हार्ट अटैक के रूप में सामने आ रहा है। आपको जानकार हैरानी होगी कि दुनिया में सबसे अधिक मौतों दिल के दौरे के कारण होती हैं।

दिल का दौरा तब पड़ता है, जब दिल में रक्त का प्रवाह (Blood flow) अवरुद्ध हो जाता है। यह धमनियों में फैट, कोलेस्ट्रॉल और अन्य पदार्थों के इरेक्शन के कारण होता है। आपको अपनी छाती या बांह, मतली और सांस की तकलीफ में अत्यधिक सनसनी या दर्द महसूस हो सकती है। लोग दिल के दौरे के शुरुआती लक्षणों की उपेक्षा करते हैं लेकिन विशेष बात यह है कि यदि आप इन लक्षणों को समझ लेते है तो आपका जीवन बचाया जा सकता है।  

हार्ट अटैक से कैसे बचाता है ओलिव ऑयल जैतून के तेल में पकाई गई चीजें प्लेटलेट्स को उत्तेजित करती हैं और वे सफेद रक्त कोशिकाओं के साथ जुड़ती हैं। इन दोनों के मिलने से प्लेटलेट हाइपरएक्टिविटी और बॉन्डिंग कम होती है। इस प्रकार खाने के बाद सूजन कम होती है और दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा कम होता है। अध्ययन से यह भी पता चलता है कि ApoA-IV आकार बदलकर रक्त वाहिकाओं को ब्लॉक होने से बचा सकता है, जिससे रक्त का प्रवाह यानी ब्लड फ्लो बेहतर बनता है।

डॉक्टर हेउ नी द्वारा किए गए अध्ययन से पता चलता है कि उच्च असंतृप्त वसा वाली खाने की चीजें बेहतर नींद में सहायक होती हैं और इस तरह सभी तरह के हृदय रोगों को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। यह साबित हो गया है कि रात को सोते समय ApoA-IV ज्यादा सक्रिय होता है और सुबह के समय इसका लेवल कम होता है। 

सेंट माइकल हॉस्पिटल कीनन रिसर्च सेंटर फॉर बायोमेडिकल साइंस द्वारा किया गया यह अध्ययन इस बात का प्रमाण है कि लोगों को बॉडी क्लॉक के तर्क को समझना होगा और अपने शरीर को आराम के साथ आवश्यक पोषक तत्व देने होंगे। 

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