सावधान! दिवाली इन लोगों के लिए हो सकता है काफी खतरनाक, बढ़ सकती है परेशानी, संभल कर रहे ये लोग
By आजाद खान | Updated: October 23, 2022 18:46 IST2022-10-23T18:41:27+5:302022-10-23T18:46:22+5:30
जानकारों की माने तो दिवाली पर बुजुर्गों को काफी दिक्कत होती है। इससे उन्हें सांस लेने में काफी परेशानी होती है जिससे उनकी तबियत भी बिगड़ सकती है।

फोटो सोर्स: Wikipedia CC
Diwali Health Care: पूरे देश में आज धनतेरस और कल दिवाली मनाई जाएगी, ऐसे में दिवाली पर हमारा वातावरण काफी प्रदूषित हो जाता है। ऐसे वातावरण में फेफड़ों के मरीज और बुजुर्ग लोगों को काफी दिक्कत होती है। उनके लिए सामान्य वातावरण में सांस लेना काफी परेशानी का सबब बन जात है।
ऐसे में आइए जान लेते है कि यह दिवाली किन-किन लोगों के लिए ज्यादा रिस्क साबित होती है और ऐसे में वे कैसे इससे ज्यादा प्रभावित हो सकते है।
1. बुजुर्ग लोग
बीएल एफ के मुताबिक, जो लोग बुजुर्ग होते है- उन्हें दिवाली का काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। पर्व के दौरान वातावरण काफी प्रदूषित होने के कारण इन्हें साफ हवा में सांस लेने से काफी दिक्कत होती है।
यही नहीं ये जब बाहर निकलते है तो इन्हें खांसी और प्रदूषण के अन्य लक्षण भी देखने को मिल सकते है। ऐसे में यह लक्षण इनके शरीर के लिए बहुत ही बुरा साबित होते है।
2. फेफड़ों के रोगी
खांसी या फिर फेफड़ों से जुड़ी रेस्पिरेटरी बीमारियों से जूझ रहे लोगों को इस सीजन में खासतौर पर दिवाली पर काफी परेशानी होती है। फेफड़ों का रोगी कोई भी हो सकता है, ऐसे में सभी को इस दिवाली पर ध्यान रखना चाहिए।
इस पर्व पर खासतौर पर लोगों को खांसी और सांस फूलने जैसी समस्याएं देखने को मिलती है। ऐसे में इससे बचाव करना काफी जरूरी है।
3. अस्थमा के मरीज
जिन लोगों को अस्थमा की समस्या है, उन्हें दिवाली पर बेहद अलर्ट रहना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन हवा काफी प्रदूषित रहती है जिस कारण उन्हें सांस लेने में काफी दिक्कत होती है। इससे आगे चलकर उनकी तबियत भी खराब हो सकती है।
4. एलर्जिक लोग
जिन लोगों को धूल मिट्टी आदि से एलर्जी होती है, उन्हें भी दिवाली के दिन अपना ध्यान सही से रखना चाहिए। ऐसा इसलिए कि बम-पटाखों छोड़ने और आतीशबाजी करने के कारण पूरा वातावरण प्रदूषित रहता है जिससे उन में एलर्जिक की समस्या और भी बढ़ सकती है और वे बीमार भी पड़ सकते है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)