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इंदौर में स्वाइन फ्लू के मरीजों की तादाद 22 हुई, जानिए स्वाइन फ्लू के लक्षण और बचने के उपाय

By भाषा | Updated: December 11, 2018 17:27 IST

मौसम खराब होने के साथ स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतें भी बढ़ रही हैं, लेकिन अगर इस बीमारी को अच्छी तरह से जान-समझ लिया जाए तो इसे पहचानना और इससे बचना भी आसान हो जाएगा। 

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स्थानीय अस्पतालों में भर्ती दो और लोगों में स्वाइन फ्लू की पुष्टि होने के साथ ही मौजूदा वर्ष में यहां इस घातक बीमारी के मरीजों की संख्या बढ़कर 22 तक पहुंच गयी है। समेकित रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के जिला प्रभारी डॉक्टर अमित मालाकार ने बताया कि एच1एन1 संक्रमित पाये गये नये मरीजों में 73 वर्षीय पुरुष और 50 वर्षीय महिला शामिल हैं। उन्होंने बताया कि दोनों मरीज शहर के अलग-अलग निजी अस्पतालों में भर्ती हैं। इलाज के बाद फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर है।

मालाकार ने बताया कि एक जनवरी से अब तक शहर में स्वाइन फ्लू के आठ मरीज दम तोड़ चुके हैं। उन्होंने बताया कि मृतकों में शामिल सात लोग इंदौर जिले के ही रहने वाले थे जबकि एक अन्य मरीज बड़वानी जिले से इलाज के लिये इंदौर शहर पहुंचा था।

क्या है स्वाइन फ्लूस्वाइन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक सांस की रोग है जो कि सामान्य रूप से केवल सूअरों को प्रभावित करती है। यह आमतौर पर स्वाइन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के  एच1एन1 स्ट्रेंस के कारण होता है। हालांकि H1N2,H3N1 और H3N2 के रूप में अन्य सूअरों में मौजूद रहते हैं। हालांकि लोगों में स्वाइन फ्लू होना सामान्य नहीं है, मानवीय संक्रमण कभी-कभी होते हैं, मुख्यतः संक्रमित सूअरों के साथ निकट संपर्क में आने के बाद से यह हो सकता है। मौसम खराब होने के साथ स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतें भी बढ़ रही हैं, लेकिन अगर इस बीमारी को अच्छी तरह से जान-समझ लिया जाए तो इसे पहचानना और इससे बचना भी आसान हो जाएगा। 

ये हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण 1. नाक का लगातार बहना, छींक आना2. कफ, कोल्ड और लगातार खांसी 3. मांसपेशियां में दर्द या अकड़न 4. सिर में भयानक दर्द5. नींद न आना, ज्यादा थकान 6. दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढ़ना7. गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना

स्वाइन फ्लू से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां1. बार-बार साबुन और पानी से अपने हाथ धोएं2. जब खांसी या छींक आए तो अपने मुंह और नाक को एक टिश्यू से ढक लें 3.  इस्तेमाल किए टिश्यू का तुरंत और सावधानी के साथ निपटान करें। उन्हें एक बैग में डाल कर फिर पात्र में फेंकें4.  स्वच्छ कठोर सतहों (उदाहरण के लिए दरवाजे के हैंडल) को नियमित साफ रखें 5.  सुनिश्चित करें कि बच्चे इस सलाह का पालन करें

टॅग्स :हेल्थ टिप्समेडिकल ट्रीटमेंटइंदौर
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