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भारत में बिकने वाले 100 से अधिक कफ सिरप के नमूने जांच में फेल हुए, इस्तेमाल से पहले जरूर देख लें ये जानकारियां

By शिवेन्द्र कुमार राय | Updated: July 29, 2024 13:34 IST

परीक्षण किए गए 7,087 बैचों में से 353 को मानक गुणवत्ता की शर्तों को पूरा करने में असफल बताया गया। इनमें से 9 में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) जैसे हानिकारक पदार्थ भी पाए गए।

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ठळक मुद्दे100 से अधिक कफ सिरप के नमूने जांच में फेल हुएकफ सिरप की गुणवत्ता के बारे में चिंताजनक चिंताएं बढ़ा दी हैंकेंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में मानकों पर खरे नहीं उतरे

नई दिल्ली: भारत में बिकने वाले  100 से अधिक कफ सिरप के नमूने जांच में  गुणवत्ता मानकों को पूरा करने में विफल रहे हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की जांच में मानकों पर खरे नहीं उतरे। इसने देश में इस्तेमाल किए जाने वाले कफ सिरप की गुणवत्ता के बारे में चिंताजनक चिंताएं बढ़ा दी हैं। 

द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, परीक्षण किए गए 7,087 बैचों में से 353 को मानक गुणवत्ता की शर्तों को पूरा करने में असफल बताया गया। इनमें से 9 में डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) जैसे हानिकारक पदार्थ भी पाए गए। रिपोर्ट में कहा गया है कि डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) जैसे विषाक्त पदार्थों के कारण ही गाम्बिया, उज्बेकिस्तान और कैमरून जैसे देशों में बच्चों की मौत की दुखद घटनाएं हुई थीं।

बता दें कि डायथिलीन ग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीन ग्लाइकॉल (ईजी) अत्यधिक जहरीले पदार्थ हैं। इसके शरीर में जाने से मरीजों के लिए गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो सकते हैं। डीईजी या ईजी के सेवन से गुर्दे की गंभीर क्षति, सांस लेने में दिक्कत और यहां तक ​​कि मृत्यु भी हो सकती है।

देश में उपलब्ध कफ सिरप की सुरक्षा सवालों के घेरे में है। ऐसे में डीईजी या ईजी के विषाक्तता के लक्षणों को जानना जरूरी हो जाता है। इसके लक्षणों में उल्टी, दस्त, पेट दर्द, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में दिक्कत शामिल हैं। इसके असर से  गंभीर मामलों में दौरे, कोमा और मृत्यु भी हो सकती है। 

चिकित्सा जगत से जुड़े लोग भी इस रिपोर्ट के सामने आने से चिंतित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में, ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) बहुत सख्त नहीं है। बहुत सी कंपनियाँ नियामक प्राधिकरण के बिना दवाओं का उत्पादन करती हैं। उनकी जाँच करने वाला कोई नहीं है। 

विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि कफ सिरप खरीदते समय उपभोक्ताओं को लेबल और पैकेजिंग की जांच करनी चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे उच्च गुणवत्ता वाला, सुरक्षित उत्पाद खरीद रहे हैं। साथ ही निर्माता का नाम और पता, बैच संख्या और समाप्ति तिथि, बनाने में इस्तोमाल की गई सामग्री के बारे में भी पढ़ना चाहिए। इसके अतिरिक्त, उपभोक्ताओं को छेड़छाड़ के किसी भी लक्षण, जैसे टूटी हुई सील या फटी हुई पैकेजिंग, की जांच करनी चाहिए। 

टॅग्स :Health and Family Welfare DepartmentMedical and HealthCentral Drugs Standard Control Organization
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