कोरोना काल में क्वारंटाइन रहना डाल सकता है मेंटल हेल्थ पर बुरा असर: स्वास्थ्य मंत्रालय

By प्रिया कुमारी | Updated: July 8, 2020 13:08 IST2020-07-08T13:08:49+5:302020-07-08T13:08:49+5:30

कोरोना काल में क्वारंटाइन लोगों के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल रहा है। तनाव,अवसाद, अकेलापन जैसी परेशानी झेल रहे हैं।

Ministry of Health Quarantine in Corona period mental health can affect | कोरोना काल में क्वारंटाइन रहना डाल सकता है मेंटल हेल्थ पर बुरा असर: स्वास्थ्य मंत्रालय

कोरोना काल में क्वारंटाइन रहना डाल सकता है मेंटल हेल्थ पर बुरा असर: स्वास्थ्य मंत्रालय

Highlightsक्वारंटाइन रहना लोगों के लिए मेंटल हेल्थ का एक कारण बनते जा रहा है?अस्पतालों में क्वारंटाइन रह रहे लोगों को मानसिक स्थिति की चिंता का बिषय बन रहा है।

कोरोना वायरस को लेकर क्वारंटाइन होना लोगों के लिए एक सजा हो गया है। चाहे कोरोना संक्रमित व्यक्ति हो या लॉकडाउन के कारण घर में रह रहे लोग है। घर में रह रहे क्वारंटाइन रहना तनाव का कारण बन रहा है, मानसिक स्वास्थ्य चिंताओं का बढ़ाने का काम कर रहा है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मानसिक स्वास्थ्य देखभाल के दिशानिर्देशों के आधार पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य और तंत्रिका-विज्ञान संस्थान (NIMHANS), बेंगलुरु द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों के मुताबिक लोगों में क्वारंटाइन मनोवैज्ञानिक, भावनात्मक और वित्तीय तनाव के कारण बीमारी, ऊब, अकेलापन, व्यक्तिगत स्वतंत्रता की हानि और सामाजिक एकजुटता की कमी महसूस होने लगी है। 

क्वारंटाइन के दौरान उत्पन्न होने वाली सबसे आम स्थिति चिंता है, जो परिणाम की अनिश्चितता के कारण होती है। कोरोना के लक्षण वाले लोगों के आइसोलेशन से निकलकर भागने की घटनाएं भी सामने आ रही हैं। इसका कारण बीमारी को लेकर खौफ माना जा रहा है। इससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है, इसलिए स्वास्थ्य विभाग भी सतर्क हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने इहबास को क्वारंटाइन में रह रहे लोगों की काउंर्संलग की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। ताकि जरूरत पड़ने पर मनोचिकित्सकों की टीम काउंसलिंग कर सके।

अस्पताल क्वारंटाइन का डर

नोवेल कोरोना वायरस को लेकर भी लोग बेबुनियादी डर से गुजर रहे हैं। इसलिए क्वारंटाइन केंद्रों में रह रहे लोगों के अलावा आम जनता में भी कुछ लोगों को काउंर्संलग की जरूरत पड़ सकती है। यही वजह है कि इसकी व्यवस्था की जा रही है। जरूरी पड़ने पर क्वारंटाइन केंद्रों से लोगों को अस्पताल लाकर काउंर्संलग की जाएगी।

दवाओं के प्रति प्रतिकूल प्रतिक्रिया

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि ऐसी संभावना है कि कोविड -19 के उपचार के लिए वर्तमान में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं को या तो नए लक्षणों के उभरने या मौजूदा लक्षणों के बढ़ने के रूप में मनोरोग लक्षणों के कारण जाना जाता है। क्लोरोक्वीन, स्टेरॉयड और एंटी-रेट्रोवायरल के उपयोग से जुड़े कुछ सामान्य मनोरोग लक्षण साइकोसिस, प्रलाप, मूड विकार और संज्ञानात्मक गड़बड़ी हैं।

भारत कोरोना का आंकड़े

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के पिछले 24 घंटे में 22,752 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, इसी अवधि में 482 लोगों की मौत भी इस बीमारी से हुई है। इसी के साथ भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या अब बढ़कर 20,642 हो गई है। साथ ही कुल संक्रमितों की संख्या भी 742417 हो गई है। ये लगातार छठा दिन है जब देश में 20,000 से अधिक नए मामले सामने आए हैं। 

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बुधवार सुबह जारी अपडेट के अनुसार देश में 264944 एक्टिव कोरोना केस हैं जबकि 4 लाख 56 हजार से ज्यादा लोग ठीक भी हुए हैं। वहीं, आईसीएमआर ने बताया है कि अब तक देश में कोरोना के 1,04,73,771 सैंपल टेस्ट हुए हैं। इसमें कल यानी मंगलवार को 2,62,679 सैंपल टेस्ट किए गए।

English summary :
Quarantine of corona virus has become a punishment for people. Whether Corona is an infected person or people living in the house due to lockdown. Quarantine living at home is causing stress, increasing mental health concerns.


Web Title: Ministry of Health Quarantine in Corona period mental health can affect

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