Menstrual cycle: आपने देखा होगा कि वजन में परिवर्तन के साथ-साथ कभी-कभी आपके मासिक धर्म में भी परिवर्तन आ जाता है। लेकिन वास्तव में दोनों चीजों का आपस में क्या संबंध है? नियमित मासिक धर्म के लिए उचित वजन बनाए रखना बहुत जरूरी है। जानिए क्यों और कब अपने डॉक्टर से बात करें। हार्मोन की भूमिका मासिक धर्म चक्र, जिसमें रक्तस्राव और ‘ओव्यूलेशन’ भी शामिल है, हार्मोन के संतुलन द्वारा नियंत्रित होता है। विशेष रूप से एस्ट्रोजन हार्मोन द्वारा नियंत्रित होता है। अंडाशय एक हार्मोन संकेत प्रणाली के माध्यम से मस्तिष्क से जुड़े होते हैं।
यह मासिक धर्म चक्र को नियंत्रित करने वाले हार्मोन की एक तरह की ‘‘कमान श्रृंखला’’ के रूप में कार्य करता है। मस्तिष्क ‘हाइपोथैलेमस’ में एक प्रमुख हार्मोन का उत्पादन करता है, जिसे ‘गोनाडोट्रोपिन-रिलीजिंग’ हार्मोन कहा जाता है। यह अन्य हार्मोन के स्राव को उत्तेजित करता है जो अंडाशय को एस्ट्रोजन का उत्पादन करने और ‘ओव्यूलेशन’ का संकेत देते हैं।
‘हाइपोथैलेमस’, मस्तिष्क के अंदर एक संरचना है। यह अंतःस्रावी तंत्र और तंत्रिका तंत्र के बीच मुख्य कड़ी है। गोनाडोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन का स्राव एस्ट्रोजन के स्तर और शरीर में कितनी ऊर्जा उपलब्ध है, इस पर निर्भर करता है। ये दोनों ही शरीर के वजन से बहुत हद तक जुड़े हुए हैं। एस्ट्रोजन का उत्पादन मुख्य रूप से अंडाशय में होता है, लेकिन वसा कोशिकाएं भी एस्ट्रोजन बनाती हैं।
यही कारण है कि वजन - और विशेष रूप से शरीर की चर्बी - मासिक धर्म को प्रभावित कर सकती है। क्या कम वजन होने से मेरी माहवारी प्रभावित हो सकती है? शरीर ऊर्जा संरक्षण को प्राथमिकता देता है। जब शरीर में ऊर्जा का अभाव होता है तो यह प्रजनन जैसी गैर-जरूरी चीजों को रोक देता है। ऐसा तब हो सकता है जब आपका वजन कम हो या अचानक से वजन कम हो जाए।
यह उन लोगों को भी हो सकता है जो बहुत ज्यादा व्यायाम करते हैं या अपर्याप्त पोषण वाला भोजन लेते हैं। ऐसी स्थिति हाइपोथैलेमस को प्रभावित करती है। नतीजतन, शरीर एस्ट्रोजन सहित ओव्यूलेशन के लिए महत्वपूर्ण हार्मोन का उत्पादन कम कर देता है और मासिक धर्म बंद हो जाता है।
लंबे समय तक कम वजन रहने का अर्थ है प्रजनन के लिए पर्याप्त ऊर्जा उपलब्ध न होना, जिसके कारण मासिक धर्म संबंधी अनियमितताएं हो सकती हैं, जिनमें ‘एमेनोरिया’ (मासिक धर्म का बिल्कुल न आना) भी शामिल है। इसके परिणामस्वरूप एस्ट्रोजन का स्तर बहुत कम हो जाता है तथा इससे बांझपन और हड्डियों की कमजोरी सहित गंभीर स्वास्थ्य जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं।
ज्यादा वजन होने पर क्या होगा असर? शरीर में ज्यादा चर्बी एस्ट्रोजन के स्तर को बढ़ा सकती है। जब आपका वजन अधिक होता है तो आपका शरीर वसा कोशिकाओं में अतिरिक्त ऊर्जा संग्रहीत करता है, जो एस्ट्रोजन और अन्य हार्मोन का उत्पादन करती हैं और शरीर में सूजन पैदा कर सकती हैं। इसलिए, अगर आपके शरीर में बहुत ज्यादा वसा कोशिकाएं हैं।
तो आपका शरीर इन हार्मोन का ज्यादा उत्पादन करता है। यह गर्भाशय की परत के सामान्य कामकाज को प्रभावित कर सकता है। एस्ट्रोजन का अत्यधिक उत्पादन और सूजन मस्तिष्क को संदेश भेजने वाली प्रणाली को प्रभावित कर सकते हैं और ओव्यूलेशन को रोक सकते हैं। नतीजतन, आपका मासिक धर्म अनियमित हो सकता है। वजन अधिक होना भी मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकता है।