लाइव न्यूज़ :

Jungle Trip: प्रकृति के साथ समय गुजारना पसंद करते हैं तो ये 3 चीज जरूर रखिए साथ?, पोषक तत्वों से भरपूर, भूख के लिए रामवाण

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 11, 2025 12:17 IST

Jungle Trip: नमकीन चीजें खाने पर आपको प्यास अधिक लगती है। अगर आपको बादाम से अलर्जी है, तो आप भुना हुआ काबुली चना ले जा सकते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देताजा फल पोषक तत्वों से भरपूर तो होते ही हैं, साथ ही तरोताजा भी महसूस कराते हैं। सैर पर साथ ले जाने का मतलब है सामान का बोझ बढ़ाना। अंगूर, सेब, आम और खुबानी जैसे फलों को सुखाना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।

Jungle Trip: तनाव कम करने और ‘अच्छा महसूस’ करने के लिए हममें से कई लोग प्रकृति के साथ समय गुजारना पसंद करते हैं। इसमें जंगल की सैर भी शामिल है, जो शारीरिक और मानसिक दोनों स्तर पर स्वस्थ रखने में मददगार है। लेकिन जंगल की सैर के कुछ खतरे भी हैं और जरूरी तैयारी के बगैर निकलने पर आप मुश्किल में भी पड़ सकते हैं। आपने हादी नजारी के बारे में खबरें पढ़ी होंगी, जो न्यू साउथ वेल्स की बर्फीली वादियों में स्थित कोसियुज्को राष्ट्रीय उद्यान में भटक गया था और 13 दिन तक नदी-झरनों का ताजा पानी पीकर तथा जामुन और दो म्युसली बार खाकर जिंदा रहा था।

ऐसे में अगली बार जब आप जंगल में सैर पर निकलें, तो खाने की इन तीन चीजों को साथ ले जाना न भूलें। ये चीजें न सिर्फ हल्की और पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, बल्कि पास की किराने की दुकान में आसानी से मिल जाती हैं...

1.म्युसली बार- नजारी एक झोपड़ी में कथित तौर पर मिले दो म्युसली बार खाकर जिंदा रहा। म्युसली बार ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत होते हैं। इनमें प्रति 100 ग्राम 1,500 से 1,900 किलोजूल कैलोरी पाई जाती है। इस लिहाज से 35 ग्राम का म्युसली बार औसतन 614 किलोजूल ऊर्जा प्रदान करने में सक्षम है। यह मात्रा आपकी दैनिक जरूरत का एक छोटा हिस्सा भर हो सकती है।

लेकिन, म्युसली बार धीमी गति से कैलोरी का स्त्राव करती है, जिससे आप लंबे समय तक ऊर्जावान महसूस करते हैं। म्युसली बार में हमारे शरीर में होने वाली अहम क्रियाओं के लिए जरूरी तीनों ‘मैक्रोन्यूट्रिएंट’ (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और फैट) पाए जाते हैं। ये मोटे अनाज से बने होते हैं, जिन्हें कार्बोहाइड्रेट और फाइबर का बेहतरीन स्रोत माना जाता है।

इनमें काजू, बादाम, अखरोट आदि मेवे मिले होते हैं, जिनमें फैट (प्रति 100 ग्राम 19.9 ग्राम) और प्रोटीन (प्रति 100 ग्राम 9.4 ग्राम) प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। फैट (वसा) और प्रोटीन खाद्य सामग्री से ऊर्जा के स्त्राव की प्रक्रिया को धीमा करते हैं और भूख का एहसास लंबे समय तक दूर रखते हैं। मैं आपको ऐसा म्युसली बार चुनने की सलाह दूंगी, जिसमें मोटे अनाज, फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अधिक हो।

2.मेवे- काजू, पिस्ता, अखरोट, मूंगफली और बादाम जैसे मेवों में प्रति 100 ग्राम लगभग 2,300-2,400 किलोजूल कैलोरी मौजूद होती है। ऐसे में 30 ग्राम मेवे का सेवन करने पर व्यक्ति को लगभग 700 से 900 किलोजूल ऊर्जा मिल सकती है। म्युसली बार की तरह ही मेवों से भी ऊर्जा का धीमि गति से स्त्राव होता है। इसलिए, थोड़ी मात्रा में मेवों के सेवन से भी आपको पेट लंबे समय तक भरा-भरा महसूस होगा।

मेवों में प्रोटीन, फैट और फाइबर जैसे पोषक तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। जंगल की सैर पर निकलते समय यूं तो आप कोई भी मेवा साथ ले जा सकते हैं, लेकिन मूंगफली सस्ती होने के कारण और अखरोट ओमेगा-3 फैटी एसिड की मौजूदगी की वजह से सबसे अच्छा विकल्प साबित होते हैं।

आप जो भी मेवा चुनें, कोशिश कीजिए कि वे भुने हुए हों और उनमें नमक न मिला हो, क्योंकि नमकीन चीजें खाने पर आपको प्यास अधिक लगती है। अगर आपको बादाम से अलर्जी है, तो आप भुना हुआ काबुली चना ले जा सकते हैं।

3.सूखे फल- ताजा फल पोषक तत्वों से भरपूर तो होते ही हैं, साथ ही तरोताजा भी महसूस कराते हैं। लेकिन इन्हें सैर पर साथ ले जाने का मतलब है सामान का बोझ बढ़ाना। अगर आप कम बोझ लादे बिना फलों की खूबी अपने साथ ले जाना चाहते हैं, तो अंगूर, सेब, आम और खुबानी जैसे फलों को सुखाना एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है। सूखे फल हल्के होने के साथ-साथ हर तापमान और वातावरण में लंबे समय तक ठीक अवस्था में रहते हैं। ये सुपाच्य होने के साथ ही फाइबर, विटामिन और मिनरल का बेहतरीन स्रोत माने जाते हैं।

टॅग्स :Health and Family Welfare DepartmentForest Department
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

भारतशराब की लुभावनी पैकेजिंग के खतरे

भारतAyushman Card: घर बैठे बनवा सकते हैं आयुष्मान कार्ड, बस इन डॉक्यूमेंट की होगी जरूरत

स्वास्थ्यगुर्दा रोगः 2023 में 13.8 करोड़ मरीज, दूसरे स्थान पर भारत और 15.2 करोड़ के साथ नंबर-1 पर चीन, देखिए टॉप-5 देशों की सूची

स्वास्थ्यचिकित्सा विज्ञानः वैक्सीन से कैंसर के इलाज की दिशा में बंधती उम्मीद

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत

स्वास्थ्यक्या आपने कभी कुत्ते को कंबल के नीचे, सोफे के पीछे या घर के पिछले हिस्से में खोदे गए गड्ढे में पसंदीदा खाना छुपाते हुए देखा है?, आखिर क्या है वजह