Health News: क्या आपकी सूंघने की क्षमता कम हो रही है या फिर कमजोर पड़ रही है? इस पर अगर आपका जवाब हां है तो यह एक चिंता का विष्य है। हाल में हुए एक शोध में यह पता चला है कि सूंघने की क्षमता का कमजोर होना गंभीर बीमारियों का संकेत है।
इससे लोग अल्जाइमर और डिमेंशिया जैसी बीमारियों के चपेट में आ सकते है। यही नहीं सूंघने की कैपेसिटी कम होना डिप्रेशन के भी एक संकेत हो सकते है। ऐसे में इस स्टडी में क्या और खुलासे हुए है, आइए जान लेते है।
स्टडी से क्या पता चला है
अमेरिका में जॉन हॉपकिंस मेडिसिन के साइंटिस्ट के एक शोध में यह पाया गया है कि जिस शख्स की सूंघने की क्षमता जितनी कमजोर हो सकती है उसकी मेंटल स्थिति उतनी ही खराब हो सकती है। इस शोध में शामिल प्रोफेसर विद्या कामथ ने कहा है कि लोगों में सूंघने की क्षमता कई मायनों में प्रभावित करता है।
बता दें कि अध्ययन ने इस संकेत को बेकार संज्ञान और सूजन से भी जोड़ कर देखा है। यह अध्ययन आठ साल तक चला था और इसमें दो हजार लोग हिस्सा लिए थे जिसके बाद यह खुलासा हुआ है। ऐसे में इस तरह के लक्षण महसूस होने पर आप तुरंत डॉक्टर की सलाह लें, जानकारों द्वारा यह एडवाइज दी जाती है।
क्या कहते है जानकार
शोध में शामिल होने वाले प्रोफेसर कामथ ने कहा है कि जब किसी के सूंघने की क्षमता कमजोर होती है तो यह अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी न्यूरोडीजेनेरेटिव डिज़ीज़ के शुरू होने का वार्निंग सिग्नल मिलता है। इस पर एनएचएस कहता है कि इस हालत में लोग जितनी जल्दी डॉक्टर की मदद लेंगे उन्हें उतनी ही जल्दी इसमें राहत मिलेगी।
बहुत से लोग ऐसे हैं जो डिप्रेशन से परेशान है लेकिन वे अपना इलाज नहीं करवाते है और वे डॉक्टरों की भी मदद नहीं लेते है। ऐसे में इन हालत में भी डॉक्टरों की सलाह लेने की बात कही गई है।
(Disclaimer: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इस आलेख में बताए गए तरीकों, सुझावों और विधियों का उपयोग करने से पहले कृपया एक चिकित्सक या संबंधित विशेषज्ञ से जरूर सलाह ले लें।)