International Yoga Day 2022 : डॉक्टर हर किसी को अपने शरीर को लचीला और स्वस्थय रखने की सलाह देते हैं। सदियों से ये सूक्ति भी लोकप्रिय है कि मनुष्य का स्वास्थ्य ही उसका असल धन होता है। ऐसे में योग की महत्ता काफी बढ़ जाती है। योग ना सिर्फ शरीर को लचीला बनाने में मदद करता है बल्कि इसके कई रोगों में फायदे भी देखने को मिलते हैं। जबकि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा, तब योग क्रियाओं और उनके फायदे के बारे में जानना और भी जरूरी हो जाता है। तो यहां हम उस योग क्रिया के बारे में बताने जा रहे हैं जो ना सिर्फ डायबिटीज बल्कि कई अन्य रोगों में भी काफी फायदेमंद होता है।
वक्रासनः वक्रासन बैठ कर किए जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन है। वक्रासन ‘वक्र’ शब्द से निकला है जिसका मतलब होता टेढ़ा। इस आसन में रीढ़ टेढ़ी या मुड़ी हुई होती है, इसीलिए इसका यह नाम वक्रासन रखा गया है। यह आसन ना सिर्फ रीढ़ की सक्रियता को बढ़ाता है, मधुमेह से आपको बचाता है बल्कि, डिप्रेशन को दूर करने में इसके चमत्कारी लाभ देखने को मिलते हैं।
इस योग क्रिया को करने से पहले योग विशेषज्ञ भुजंगासन का अभ्यास करने की सलाह देते हैं। भुजंगासन करने के बाद सुखासन में बैठ जाएं। एक लंबी गहरी सांस लें तथा भीतर जितनी देर संभव हो रोक रखें। फिर मुख द्वारा सांस को बाहर छोड़ दें। इस प्रकार सात से आठ बार अभ्यास करें।
वक्रासन योगाभ्यासः दोनों पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं तथा ध्यान रखें कि दोनों पैर एक दूसरे के पास हो ना कि दूर रखें। अब बाएं पैर को उठाकर दाहिने जांघ के बगल में रख दें। इस दौरान कमर के ऊपर का शरीर बिल्कुल सीधा रखें एवं सिर सांसों को सामान्य रहने दें। एक गहरी सांस लें तथा बाएं पैर को घुटने के पास से हाथों से पकड़कर पेट की तरफ खींचे। पेट पर पड़ने वाले दबाव, खिंचाव पर ध्यान दें। मन में दस से पंद्रह गिनने तक इसी अवस्था में रहें फिर सांस बाहर छोड़ते हुए बाएं पैर को सामान्य अवस्था में लाएं। इसके बाद दोनों पैरों को सीधा करें तथा दूसरे पैर से भी यही प्रक्रिया दोहराएं। दोनों पैरों के साथ वक्रासन अभ्यास पूरा होने के बाद इस आसन का एक चक्र पूर्ण होता है। शुरुआत में आप तीन से पांच चक्र वक्रासन का अभ्यास कर सकते हैं।
वक्रासन के लाभ
डायबिटीज को कंट्रोल करने में महत्वपूर्ण: वक्रासन डायबिटीज या मधुमेह को रोकने के लिए सबसे अच्छा योगाभ्यास माना जाता है। यह पैंक्रियास को सक्रिय करता है और सही मात्रा में इंसुलिन के स्राव में मदद करता है। इस तरह से यह डायबिटीज के कण्ट्रोल एवं प्रबंधन में अहम भूमिका निभाता है।
रीढ़ की हड्डी के लिए रामबाण: यह योगाभ्यास रीढ़ की हड्डी के लिए रामबाण माना जाता है। वक्रासन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने के साथ-साथ इसको स्वस्थ बनाने में काफी मदद करता है।
वजन कम करने में लाभकारीः वक्रासन योग के नियमित अभ्यास से आप अपनी पेट की चर्बी कम कर सकते हैं। इस योगाभ्यास के दौरान पेट में अच्छा खास दबाब पड़ता है। इसे नियमित करने से धीरे धीरे पेट की चर्बी गलने लगती है। यही नहीं आप पेट की दूसरी परेशानियों से भी निजात पा सकते हैं।
कमर दर्द से छुटकाराः वक्रासन आप के कमर के ऐंठन को कम करते हुए इसे लचीला बनाता है और कमर दर्द से आपको छुटकारा दिलाता है।
डिप्रेशन से दिलाए निजातः आज के वर्क कल्चर में हर कोई डिप्रेशन का शिकार है। ऐसे में यह योग क्रिया काफी फायदा देता है। इसके नियमित अभ्यास से आप डिप्रेशन पर काबू पा सकते हैं।
कब्ज, पाचन में भी फायदेमंद : वक्रासन से कब्ज में राहत मिलती है। और पाचन शक्ति को बढ़ाने में काफी मदद करता है। इससे पेट और पाचन क्रिया से सम्बंधित सभी अंगों को सक्रियता मिलती है एंजाइम एवं हॉर्मोन के स्राव में मददगार साबित होती है।