हर वक्त स्मार्ट फोन चलाना सही नहीं! देश के 70 फीसदी युवा इस बीमारी से हैं परेशान, जानें सिंड्रोम के बारे में और बचने का तरीका
By आजाद खान | Published: June 11, 2023 02:24 PM2023-06-11T14:24:56+5:302023-06-11T14:33:46+5:30
स्मार्ट फोन के ज्यादा इस्तेमाल को लेकर कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यह समस्या देश के करीब 70 फीसदी युवाओं में पाई जा रही है।
Smartphone Vision Syndrome: स्मार्ट फोन के कारण लोगों को काफी समस्या हो रही है। यह लोगों में एक गंभीर रूप ले रही है। किसी भी कारण से ज्यादा देर तक स्क्रीन में लंबे समय तक टाइम बिताना यह सेहत के लिए हानिकारक है। इस कारण लोगों की फिटनेस और रीढ़ की हड्डी पर भी असर पड़ रहा है। ज्यादा देर तक स्क्रीन पर समय बिताने से लोगों में स्मार्ट फोन विजन सिंड्रोम हो रहा है और ये युवाओं में ज्यादा हो रहा है।
ऐसे में आइए जानते है कि ये स्मार्ट फोन विजन सिंड्रोम है क्या और इसमें लोगों को क्या समस्या होती है। यही नहीं हम इससे कैसे यह भी हम जानने की कोशिश करेंगें।
क्या है स्मार्ट फोन विजन सिंड्रोम
स्मार्ट फोन विजन सिंड्रोम एक ऐसी समस्या है जो युवाओं को ज्यादा प्रभावित कर रही है। इस समस्या में स्मार्ट फोन के स्क्रीन को लगातार देखने से आंखों पर बुरे असर पड़ रहे है और इसके गंभीर रूप में आपकी आंखों की रौशनी भी जा सकती है। कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि यह समस्या देश के करीब 70 फीसदी युवाओं में पाई जा रही है।
जानकारों के अनुसार, इस समस्या में लोगों में तब जन्म लेती है जब लोग ज्यादा देर तक स्क्रीन को देखते है और इससे उनकी आंखें थक जाती है और वह दर्द करने लगती है। यही नहीं स्क्रीन से आने वाली नीली रौशनी से आंखों का रेटिना भी खराब होता है। इस कारण आपको धुंधला भी दिखाई देता है।
ऐसे करें इससे बचाव
यह समस्या काफी गंभीर है और लोगों को खासकर युवाओं को इससे बचना चाहिए। ऐसे में इससे बचने का सबसे आसान तरीका है ज्यादा देर तक स्मार्ट फोन को न देखें और अगर देखें भी तो आप बीच-बीच में ब्रेक लिया कीजिए। यही नहीं लोगों को लगातार एक या फिर दो घंटे तक स्क्रीन देखने की आदत को भी बदलें।
इसके अलावा लोगों को यह भी चाहिए कि वे ज्यादा नजदीक से अपने स्क्रीन को न देखें बल्कि एक दूरी बना कर रखें। इसके साथ आप इस बात का भी ध्यान रखें कि लाइट को बंद करके या फिर अंधेरे में स्क्रीन को न देखें।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं। Lokmat Hindi News इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टरों से जरूर संपर्क करें।)