धीरे-धीरे 'भूत' जैसे बनते जा रहे हैं ये दो भाई, यह बीमारी है वजह

By उस्मान | Published: May 11, 2018 01:39 PM2018-05-11T13:39:39+5:302018-05-11T13:39:39+5:30

इन दो भाइयों अशफाक और मुश्ताक को उनके दोस्त 'भूत' कहकर चिढ़ाते हैं। इसका कारण यह है कि इन दोनों भाइयों के दांत फिल्मों में दिखाए जाने वाले भूतों की तरह नुकीले हैं। 

hypohidrotic ectodermal dysplasia causes and treatment | धीरे-धीरे 'भूत' जैसे बनते जा रहे हैं ये दो भाई, यह बीमारी है वजह

धीरे-धीरे 'भूत' जैसे बनते जा रहे हैं ये दो भाई, यह बीमारी है वजह

दुनियाभर में लोग विभिन्न बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। कुछ बीमारियों को लोग खुद न्योता देते हैं और कुछ बीमारियां जेनेटिक होती हैं। जेनेटिक डिसऑर्डर से जुड़ा एक गंभीर मामला सामने आया है जो काफी विचलित करने वाला है। यह मामला मध्य प्रदेश के एक गांव का है। यहां दो भाइयों अशफाक और मुश्ताक को उनके दोस्त 'भूत' कहकर चिढ़ाते हैं। इसका कारण यह है कि इन दोनों भाइयों के दांत फिल्मों में दिखाए जाने वाले भूतों की तरह नुकीले हैं और उनके बाल भी कुछ वैसे ही हैं। 

इनका ऐसा हुलिया होने की वजह से इनके पेरेंट्स इन्हें हमेशा घर के अंदर रखते थे। इन दोनों भाइयों की हालत का पता चलने पर एक एनजीओ गांव के लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक करने के लिए एक अभियान शुरू किया है ताकि इन बच्चों के साथ किसी तरह का भेदभाव न हो। इस जेनेटिक बीमारी के लक्षण शुरू होने पर दोनों भाइयों के ऊपरी जबड़े के दांत नुकीले होने लगे, बाल सफेद होने लगे, नाक चपटी हो गई, त्वचा का रंग काला होने लगा और आवाज बहुत पतली हो गई।

एक स्थानीय एनजीओ ने दखल देकर गांव के लोगों को इनकी बीमारी के बारे में समझाया और उसके बाद फिर लोगों ने धीरे-धीरे उन्हें इंसान के रूप में मंजूर कर लिया। लेकिन उनकी जिंदगी बड़ी मुश्किल है, इस बीमारी के चलते उन्हें इतनी गर्मी लगती है कि हर आधे घंटे में उनके सिर पर पानी डालना होता है, और बदन भीगने पर ही वे चैन पाते हैं। स्कूल में दूसरे बच्चे अब भी उन्हें इंसान नहीं मानते, और उनके साथ नहीं खेलते

जेनेटिक डिसऑर्डर से हैं पीड़ित

यह दोनों भाई यह दोनों भाई त्वचा से जुड़ी एक दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी, हाइपोहिड्रोटिक एक्टोडर्मल डिस्प्लेसिया (एचईडी) से पीड़ित हैं, जो पसीने की क्षमता को कम कर देता है, जिसका परिणाम यह होता है कि दांत और बाल पतले हो जाते हैं। इस कंडीशन में मानव शरीर पसीने की क्षमता खो देता है। इसके अलावा इसमें दांतों पर भी असर पड़ता है। इस बीमारी से पीड़ित लोगों के बाल भी पतले हो जाते हैं।

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एक्टोडर्मल डिस्प्लेसिया से पीड़ित लोगों के लिए डेंटल ट्रीटमेंट जरूरी हो जाता है। कुछ बच्चों में तीन साल की उम्र में ही कृत्रिम दांतों की जरूरत हो सकती है। इस स्थिति में बच्चे को बहुत ज्यादा गर्मी लगती है और उनका शरीर तपने लगता है। उसके शरीर को ठंडा करने के लिए कई-कई घंटों तक उसके सिर पर पानी डाला जाता है।  

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इस बीमारी का इलाज

इस जेनेटिक बीमारी का इलाज संभव है। चूंकि यह एक स्किन डिजीज है इसलिए मेडिकल में इसका इलाज बालों की विशेष देखभाल, विग्स पहनना, ज्यादा गर्मी से बचना, कान और नाक की देखभाल और दांतों से जुड़े इलाज जैसे डेंटल ट्रांसप्लांट, डेंटल इम्प्लांट आदि हैं।  

(फोटो- डेलीमेल) 

Web Title: hypohidrotic ectodermal dysplasia causes and treatment

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