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संक्रमण और स्वास्थ्य समस्याओं से बचने के लिए इन तरीकों से करें वेस्टर्न टॉयलेट का सही उपयोग, नहीं होगी कोई समस्या

By मनाली रस्तोगी | Updated: September 12, 2023 10:55 IST

वेस्टर्न टॉयलेट का गलत तरीके से उपयोग करने से कब्ज और अन्य संक्रमण जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।

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ठळक मुद्देआजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में आप में से कई लोग बुनियादी गतिविधियों और जरूरतों से ज्यादा काम को प्राथमिकता दे रहे हैं।यह जानना जरूरी है कि वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है।अब इनका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, चाहे वह घरों, सार्वजनिक स्थानों या कार्यालयों में हो।

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में आप में से कई लोग बुनियादी गतिविधियों और जरूरतों से ज्यादा काम को प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं। आप अक्सर नियमित व्यायाम, संतुलित आहार और उचित स्वच्छता- जीवनशैली विकल्पों जैसी स्वस्थ प्रथाओं से बचते हैं जो आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रख सकती हैं। 

इसी तरह शौचालय का सही तरीके से उपयोग करना भी उन प्रथाओं में से एक है जिसे अगर ठीक से नहीं किया गया तो कब्ज और अन्य संक्रमण जैसी कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि वेस्टर्न टॉयलेट का इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है। अब इनका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है, चाहे वह घरों, सार्वजनिक स्थानों या कार्यालयों में हो। 

भारतीयों को उकडू स्थिति में बैठकर शौच करने की आदत थी। इसे पारंपरिक भारतीय शौचालय प्रणाली कहा जाता था। अब, प्रमुख महानगरीय क्षेत्रों में इनका स्थान अधिकतर वेस्टर्न टॉयलेटों ने ले लिया है। इसलिए आपके लिए वेस्टर्न टॉयलेट के इस्तेमाल का सही तरीका सीखना जरूरी हो जाता है। वेस्टर्न टॉयलेट भारतीय शौचालयों से बिल्कुल अलग हैं, जिन्हें स्क्वाट शौचालय के रूप में भी जाना जाता है।

वेस्टर्न टॉयलेट में आपको ऐसे बैठना होता है जैसे आप कुर्सी पर बैठे हों। इस प्रकार का शौचालय बुजुर्ग लोगों के लिए बहुत सुविधाजनक है। इसके लिए आपको बाल्टी में पानी ले जाने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह पानी से भरे टैंक (जिसे फ्लश भी कहा जाता है) से जुड़ा होता है। आपको अपने कचरे को फ्लश करने के लिए बस ऊपर वाला बटन दबाना है या टैंक पर मौजूद लीवर को दबाना है। 

वेस्टर्न टॉयलेट का उपयोग करने से पहले भी फ्लश करने की सलाह दी जाती है, खासकर सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करते समय। इससे मूत्र पथ के संक्रमण (यूटीआई) को रोका जा सकता है। आपको सीट पर मौजूद किसी भी कचरे या दाग को साफ करने के लिए टॉयलेट सीट का उपयोग करने से पहले उसे पोंछना सुनिश्चित करना चाहिए। इस प्रकार के शौचालयों के पास टिशू पेपर के रोल या पानी के पाइप रखे होते हैं।

पानी का पाइप, जिसे जेट स्प्रे भी कहा जाता है, आमतौर पर दीवार पर लटकाया जाता है और इसका उपयोग स्वच्छता बनाए रखने के लिए भी किया जा सकता है। इसके वाल्व को दबाने के बाद काम पूरा हो जाने पर आप इसका उपयोग सीट को साफ करने के लिए कर सकते हैं। टॉयलेट सीट को टॉयलेट पेपर से पोंछ लें और फिर वॉशरूम से निकलने से पहले इसे कूड़ेदान में फेंक दें।

(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों की Lokmat Hindi News पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।)

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