सावधान! ज्यादा लाड-प्यार में बच्चे को किस करने से उसकी हो सकती है ऐसी हालत
By उस्मान | Published: August 10, 2019 02:38 PM2019-08-10T14:38:38+5:302019-08-10T14:38:38+5:30
छोटे बच्चों को किस करना आम बात है लेकिन अगर यह बात आप डॉक्टर से पूछेंगे तो वो आपको साफ मना कर देंगे कि छोटे बच्चों को किस नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है।
छोटे बच्चों को किस करना आम बात है लेकिन अगर यह बात आप डॉक्टर से पूछेंगे तो वो आपको साफ मना कर देंगे कि छोटे बच्चों को किस नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा हो सकता है। ऐसा ही एक गंभीर मामला इंग्लैंड में सामने आया है। यहां एक साल की एक बच्ची के मुंह के चारों ओर अचानक दर्दनाक लाल रंग के दाने निकलने से उसके परिजन बुरी तरह घबरा गए। जांच में पता चला कि ये हर्पीस (herpes) हैं और यह वायरस किसी व्यक्ति के किस करने से बच्चे में फैला है।
डॉक्टर मानते हैं कि हर्पीस बच्चों के लिए बहुत खतरनाक होते हैं क्योंकि उनका इम्युनिटी सिस्टम इतना मजबूत नहीं होता है कि वायरस से मुकाबला कर सके। इसका मतलब है कि यह वायरस बच्चे के दूसरे अंगों को भी प्रभावित कर सकता है। इससे बच्चे को तेज दर्द, खाने-पीने में परेशानी आदि समस्याएं हो सकती हैं।
हर्पीस क्या है और बच्चे इससे कैसे प्रभावित हो सकते हैं?
हर्पीस एक वायरस है जो आपके मुंह और जननांगों में घाव का कारण बन सकता है। यह किसी को भी हो सकता है। यह काफी दर्दनाक होता है लेकिन इससे आमतौर पर गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं नहीं होती हैं। यह एक तरह का इन्फेक्शन है, जो हर्प्स सिंप्लेक्स नामक वायरस से होता है।
जब यह शरीर के संपर्क में आता है, तो आसानी से त्वचा की निचली सतह या खून में प्रवेश कर जाता है और इन्फेक्शन फैला देता है। यह शरीर में अलग-अलग जगहों पर हो सकता है जैसे-मुंह के अंदर, चेहरे पर, जेनाइटल एरिया में।
एचएसवी 6 महीने से कम उम्र के बच्चों के लिए विशेष रूप से खतरनाक है। माता-पिता या रिश्तेदारों को विशेष रूप से सावधान रहना चाहिए कि वे शिशुओं को न चूमें। उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली 6 महीने की उम्र के बाद तक अच्छी तरह विकसित नहीं होती है। बच्चे को एचएसवी से संक्रमित किया गया है यह आप उसे हल्का बुखार और त्वचा पर छोटे दाने देखकर पहचान सकते हैं। ये लक्षण 2 से 12 दिन बाद हो सकते हैं।
कोल्ड सोर से वायरस आंखों में फैल सकता है, जिससे एचएसवी केराटाइटिस हो सकता है, कॉर्निया का एक संक्रमण है, जो आंख के रंगीन हिस्से को कवर करता है। संक्रमण आमतौर पर आंख को नुकसान पहुंचाए बिना ठीक हो जाता है, लेकिन अधिक गंभीर संक्रमण कॉर्निया या अंधापन के निशान को जन्म दे सकता है। एचएसवी केराटाइटिस दुनिया भर में अंधापन का एक प्रमुख कारण है।
हर्पीस के लिए घरेलू इलाज
1) एलोवेरा जेल
एलोवेरा की पत्ती में से साफ हाथों से एलोवेरा जेल निकालें और उसे इन्फेक्टेड एरिया पर लगाएं और सूखने दें। ऐसा दिन में तीन बार करें।
2) ऑलिव ऑयल
इसके लिए एक कप ऑलिव ऑयल, 10 बूंद लैवेंडर ऑयल, 2 चम्मच बीजवैक्स और कॉटन बॉल चाहिए। ऑलिव ऑयल में लैवेंडर ऑयल और बीजवैक्स मिलाकर गर्म करें और ठंडा होने के बाद उसे इन्फेक्टेड एरिया पर लगाएं। एसा दिन में 3 से 4 बार करें।
3) ग्रीन टी
ग्रीन टी की बैग या पत्ती लें उसे एक कप गरम पानी में कुछ देर छोड़ दें। फिर उसमे फ्लेवर के लिए शहद या लेमन जूस मिलाएं। इसे दिन में 3 या 4 बार पिएं।
4) बेकिंग सोडा
इसके लिए 1 चम्मच बेकिंग सोडा, 2 चम्मच पानी और कॉटन बॉल चाहिए। बेकिंग सोडा को पानी में घोल लें फिर कॉटन बॉल को उसमे अच्छे से घोलें और इन्फेक्टेड एरिया पर लगाएं। इन्फेक्शन से बचने के लिए हर बार अलग कॉटन बॉल का इस्तेमाल करें। इसे दिन में 3 से 4 बार करें।