पेशाब के समय जलन होना, बदबू या खून आने का एक ही इलाज दही
By उस्मान | Published: June 6, 2018 01:52 PM2018-06-06T13:52:16+5:302018-06-06T13:52:16+5:30
रोजाना एक कटोरी दही खाने से आप काफी हद तक मूत्र मार्ग में संक्रमण यूटीआई के लक्षणों से राहत पा सकते हैं।
मूत्र मार्ग में संक्रमण या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन (यूटीआई) गुप्तांगों में होने वाली दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी समस्या है। यह समस्या पुरुषों और महिलाओं दोनों में पाई जाती है। कुछ स्वास्थ्य अवस्था जैसे डायबिटीज, मासिक धर्म का बंद होने या फिर गर्भावस्था के दौरान यह संक्रमण हो सकता है। आमतौर पर यह मूत्र मार्ग में जीवाणु के आक्रमण से होता है। यह सेक्स के दौरान एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे को होता है। ऐसा माना जाता हैं कि ज्यादा देर तक पेशाब को रोके रहने से भी यह संक्रमण हो सकता है। बार-बार पेशाब का आना, छींकने या खांसते समय थोड़ा सा पेशाब आना, बुखार, चक्कर आना, उल्टी होना, पेट में हल्का दर्द, पेशाब के रंग का बदलना और पेशाब करते वक्त जलन महसूस करना इसके आम लक्षण हैं।
बेशक मेडिकल क्षेत्र में इसके लिए कई इलाज हैं लेकिन आप किफायती दर पर और आसानी से मिलने वाली खाने की एक चीज से भी इस समस्या से राहत पा सकते हैं। हम बात कर रहे हैं दही की। जी हां, रोजाना एक कटोरी दही खाने से आप काफी हद तक यूटीआई के लक्षणों से राहत पा सकते हैं।
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यूटीआई के इलाज के लिए दही ही क्यों?
बहुत से लोग यह नहीं जानते हैं कि दही खाने से ब्लैडर इन्फेक्शन में राहत मिलती है। कई अध्ययन बताते हैं कि यूटीआई और दही का आपस में संबंध है। दही खाने से न केवल महिलाओं को बल्कि नहीं बल्कि पुरुषों को भी लाभ होता है। हालांकि आपको दही में चीनी मिलाकर नहीं खाना चाहिए। दरअसल मूत्र जननांग क्षेत्र में बैक्टीरिया के विकास होने पर मूत्र मार्ग में संक्रमण (यूटीआई) की समस्या होती है। इसलिए इस हिस्से से बैक्टीरिया को खत्म करना बहुत जरूरी होता है। दही एक नेचुरल प्रोबायोटिक है। इसके तत्व नेचुरल एंटीबायोटिक होते हैं। इसमें मौजूद लैक्टोबैसिलस और गुड बैक्टीरिया यूटीआई के लिए जिम्मेदार हानिकारक बैक्टीरिया को नष्ट करने में मदद करते हैं। इसके अलावा दही से हानिकारक जीवाणुओं को मारने और आंत्र वनस्पति को बनाए रखने में मदद मिलती है।
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यूटीआई के इलाज के लिए कितनी दही खानी चाहिए?
अधिकतर विशेषज्ञों के अनुसार, यूटीआई से निपटने ने और इससे दूर रहने के लिए रोजाना एक कटोरी दही खानी चाहिए। अमेरिकन सोसायटी जर्नल फॉर क्लीनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, एक हफ्ते में तीन बार से अधिक मिल्क प्रोडक्ट खाने से यूटीआई के लक्षणों से राहत मिलती है। इसके अलावा आप रोजाना कम से कम आठ गिलास पानी पियें। इससे शरीर से टोक्सिन बाहर निकलने में और यूटीआई की पुनरावृत्ति को रोकने में मदद मिलती है।
(फोटो- पिक्साबे)