लाइव न्यूज़ :

सावधान! सोच-समझकर खायें ये 8 हेल्दी फूड, फायदे के चक्कर में हो सकती है आपकी हालत खराब

By प्रिया कुमारी | Updated: July 9, 2020 16:58 IST

सेहत को सही रखने के चक्कर में कहीं आप खुद को नुकसान तो नहीं पहुंचा रहे है। जरूरत से ज्यादा आहार लेना हमारे लिए किसी जहर से कम नहीं है।

Open in App
ठळक मुद्देहेल्दी खाने के चक्कर में कहीं खुद को नुकसान तो नहीं पहुंचा रहे हैं। जरूरत से ज्यादा चीजों का इस्तेमाल आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है।

हेल्दी खाना हमारे शरीर के लिए जितना जरूरी होता है उतना ही जरूरी इसकी मात्रा भी है। किसी भी चीज का ओवरडोज हमारे शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। खास कर लोग अपने ज्यादा सेहत को सही करने के लिए हर चीज की मात्रा बढ़ाते है। कोरोना काल में शरीर को स्वस्थ्य रखना जितना जरूरी है उतना ही इसकी मात्रा पर भी ध्यान देना जरूरी है। इसलिए हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसी चीजों के बारे में जिसकी सही मात्रा की जानकारी होना जरूरी है। 

गाजर ( Carrots) गाजर में बीटा कैरोटीन पाया जाता है, जो आपके शरीर में विटमिन ए में बदल जाता है। ज्यादा विटमिन ए हमारे  शरीर में कैरोटीनमिया का कारण बन जाता है। एक तरह की बीमारी होती है जो त्वचा को पीला कर देती है। इसलिए ज्यादा गाजर का सेवन ना करें। 

Kombucha-  चायनीज पेय पदार्थ है, जो पाचन शक्ति के लिए बहुत ही लाभदायक होता है। लेकिन इसका अत्यधिक सेवन सेहत के लिए खतरनाक होता है। इसमें FODMAP नामक एक यौगिक भी शामिल होता है जो खमीर किण्वन का एक अनुत्पादक है, जो यदि बड़ी मात्रा में खाया जाता है। इसकी अधिक मात्रा में खाने से सूजन और पाचन क्रिया में परेशानी कर सकता है। 

पानी (Water) - बहुत अधिक पानी पीने से भी हमारे शरीर को नुकसान पहुंचता है। पानी को लेकर कहा जाता है कि जितना ज्यादा पानी पियोगे उतना ही अच्छा होता है लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी हमारे लिए नुकसान पहुंचाते हैं। बहुत अधिक पानी सोडियम के स्तर को बढ़ाकर इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन पैदा कर सकता है। 

एवोकाडो (Avocado) एवोकाडो में फाइबर और विटामिन का एक बड़ा स्रोत है। यह आपको खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने और मोनोसैचुरेटेड वसा की उच्च सामग्री के कारण आपकी कोशिकाओं को बनाए रखने में मदद कर सकता है। एवोकैडो में 240 कैलोरी होती हैं जो एक व्यक्ति के कैलोरी सेवन का लगभग 10% -20% होता है और बहुत अधिक कैलोरी का सेवन करने से धमनी की समस्या हो सकती है। एक दिन लगभग आधा या 1 एवोकैडो खाया जाता है। 

चुकंदर( Beetroot)-  चुकंदर विटामिन और खनिजों का एक बड़ा स्रोत है। इसमें कई नाइट्रिक ऑक्साइड भी शामिल हैं जो आपके शरीर को नाइट्रेट में परिवर्तित करता है, जो आपके रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकता है। इसके बाद फिर ये नाइट्रोसामाइन में बदल दिया जाता है। जो रेड मीट में पाया जाता है, इसलिए दोनों को साथ खाने के लिए मनाही है। 

समुद्री शैवाल (Seaweed)- समुद्री शैवाल में विटामिन बी 12 पाया जाता है। इसे शाकाहारी आहार में मीट का अच्छा विकल्प है। इसे डाइटीसियन सुपरफूड कहते है। फाइबर युक्त फूड वजन कम करने में आपकी मदद करता है। लेकिन इसका अधिक सेवन थायराइड की समस्या हो सकती है और वजन बढ़ सकता है। समुद्री शैवाल में भारी धातुओं की उच्च मात्रा भी हो सकती है। 

सोया खाद्य (Soy and its derivatives) सोया खाद्य पदार्थ में विटामिन बी, फाइबर, पोटेशियम, मैग्नीशियम और उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन सहित पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। इसे एक पूर्ण प्रोटीन माना जाता है क्योंकि इसमें सभी 9 आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं। लेकिन अगर आपको थायराइड की समस्याओं है तो सोया का इस्तेमाल करते हैं। 

टॅग्स :हेल्थ टिप्सहेल्थी फूडघरेलू नुस्खेवर्कआउट
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत