महीने में बस 2-3 बार जी भरकर रो लेना, आसपास भी नहीं भटकेंगी ये 6 बीमारियां

By उस्मान | Published: November 26, 2019 01:37 PM2019-11-26T13:37:36+5:302019-11-26T13:37:36+5:30

इंसान को रोना आए, तो उसे उसी समय रो लेना चाहिये

Health benefits of crying for eyes, skin, heart | महीने में बस 2-3 बार जी भरकर रो लेना, आसपास भी नहीं भटकेंगी ये 6 बीमारियां

महीने में बस 2-3 बार जी भरकर रो लेना, आसपास भी नहीं भटकेंगी ये 6 बीमारियां

आपने अक्सर सुना होगा कि हंसने से तनाव दूर होता है और समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है। क्या आप जानते हैं कि रोने से भी सेहत को कई फायदे होते हैं, जिन्हें वैज्ञानिक भी मान चुके हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि जब भी इंसान को रोना आए, तो उसे उसी समय रो लेना चाहिये, आंसू रोकने नहीं चाहिये। रोने से कोई हानि नहीं होगी बल्‍कि फायदा ही होगा।

एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में महिलाएं प्रति माह लगभग 3.5 बार रोती हैं, जबकि पुरुष महीने में लगभग 1.9 बार आंसू बहाते हैं। हालांकि, समाज अक्सर रोने को कमजोरी की निशानी के रूप में देखता है। लेकिन अगर आपको ऐसा लगता है कि आपको रोने की जरूरत है, तो अपने आंसुओं को रोकना नहीं चाहिए। वास्तव में रोने से आपको कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं। चलिए जानते हैं कैसे- 

1) तनाव होता है दूर
2014 के एक अध्ययन में पाया गया कि रोने से लोगों को तनावपूर्ण समय के दौरान आराम करने में मदद मिल सकती है। हालांकि रोने का परिणाम तत्काल नहीं मिलता बल्कि कुछ मिनट लग सकते हैं। शोधकर्ताओं के अनुसार, रोने से पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम (PNS) सक्रिय हो जाता है। सक्रिय होने पर, पीएनएस का मस्तिष्क पर शांत प्रभाव पड़ता है।

2) ब्लड प्रेशर रहता है कंट्रोल
हाई ब्लड प्रेशर आज की सबसे बड़ी समस्या है जिससे आपको स्ट्रोक, दिल का दौरा, दिल की विफलता, मनोभ्रंश और यहां तक कि गुर्दे की विफलता जैसे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि कई अध्ययनों का दावा है कि रोने से न केवल ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है, बल्कि रोने का समय नाड़ी को भी स्थिर कर सकता है।

3) आंखों की गंदगी होती है साफ
रोते समय आपकी आंखों से बहने वाले आँसू, आंखों से धुएँ और धूल जैसे मलबे को साफ़ कर सकते हैं। इसके अलावा, जब रोते हैं, तो आंसू टॉक्सिन्स को बाहर निकाल देते हैं, जो तनाव के कारण शरीर में जमा हो जाते हैं। इसके अलावा विषाक्त पदार्थों को हटाने से शरीर में कोर्टिसोल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है, जिसके परिणामस्वरूप मूड हल्का होता है। आपने भी नोटिस किया होगा कि रोने के बाद भारीपन दूर हो जाता है और आप बहुत रिलैक्स महसूस करते हैं।

4) मूड बनता है बेहतर
यदि आप सोच रहे हैं कि आपका व्यवहार आक्रामक क्यों हो गया है और आप हाल ही में चिंतित और चिढ़चिढ़ापन महसूस कर रहे हैं, तो आपको पता होना चाहिए कि इसका कोई निश्चित उत्तर नहीं हो सकता है। मूड स्विंग कई कारणों से हो सकता है। ऐसा ही एक कारण शरीर में मैंगनीज का बढ़ना है। जब आप रोते हैं, तो अतिरिक्त मैंगनीज आंसुओं के साथ शरीर से बाहर निकल जाता है। यह शरीर में इसकी एकाग्रता को कम करता है जिसके बाद आप शांत और केंद्रित महसूस करते हैं।

5) दर्द होता है कम
जब हम शारीरिक दर्द में होते हैं तो कुछ आंसू अक्सर अनैच्छिक रूप से बाहर निकल जाते हैं। यह दर्द संवेदना को कम करने का बेहतर तरीका है। शोध में पाया गया है कि आँसू बहाने से ऑक्सीटोसिन और एंडोर्फिन निकलते हैं। ये रसायन लोगों को अच्छा महसूस कराते हैं और शारीरिक और भावनात्मक दोनों तरह के दर्द को कम कर सकते हैं। 

6) जलन से सुरक्षा
आपने कभी सोचा है कि प्याज काटते वक्त आंखों से पानी क्यों आने लगता है? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि प्याज में कुछ एंजाइम होते हैं जो आंखों में जलन पैदा करते हैं। इसी तरह जब धूल के कण हमारी आंखों में जाते हैं तो आंखों से पानी आने लगता है। इस तरह आपकी आंखों को सुरक्षा देता है और यह सुनिश्चित करता है कि कण आंसुओं के साथ आंखों से बाहर निकल जाएं।

Web Title: Health benefits of crying for eyes, skin, heart

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