डाइट टिप्स : कोरोना, प्रदूषण, ठंड, फेफड़ों, सांस के रोगों से निपटने के लिए जरूरी हैं 3 तरह के विटामिन, खायें ये 10 चीजें
By उस्मान | Published: November 10, 2020 01:58 PM2020-11-10T13:58:10+5:302020-11-10T14:00:30+5:30
Healthy diet tips during winter and covid-pandemic: कोरोना और प्रदूषण से लड़ने के लिए फेफड़ों को बनाएं मजबूत, करें इन चीजों का सेवन
इन दिनों लोग कोरोना वायरस, ठंड और प्रदूषण का सामना कर रहे हैं। ऐसे हालातों में सांस और फेफड़ों से संबंधित समस्याओं का अधिक खतरा होता है।
सर्दियों में इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर होने से कई रोगों का खतरा होता है। यह मौसम अस्थमा और सांस के रोगियों के लिए भी खतरनाक होता है।
ऐसे हालातों में वायु प्रदूषण बढ़ने से सांस और फेफड़ों के मरीजों हालत और ज्यादा बिगड़ सकती है। इन समस्याओं से निपटने के लिए कुछ विटामिन आपके मदद कर सकते हैं।
विटामिन्स आपके फेफड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ावा दे सकते हैं और सेल डैमेज को रोक सकते हैं। सर्दियों में इन विटामिनों का सेवन बढ़ाने से सांस फूलना और जलन जैसी समस्याओं से बचा जा सकता है। फेफड़े के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सर्दियों में आपके पास तीन विटामिन होने चाहिए।
विटामिन ए
विटामिन ए फेफड़े के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आवश्यक दूसरा सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। यह पोषक तत्व प्रतिरक्षा को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है, जो शरीर में कोशिकाओं को बेहतर करने में मदद करता है।
विटामिन ए का सेवन बढ़ाने फेफड़े के ऊतकों के कामकाज में सुधार होता है। वसा में घुलनशील विटामिन होने के कारण, यह पोषक तत्व लंबे समय तक शरीर में बचा रहता है और कम मात्रा में आवश्यक होता है।
एक्सपर्ट्स मानते हैं कि विटामिन ए का अधिक सेवन भी खतरनाक हो सकता है। इससे लिवर और हड्डी की समस्याएं हो सकती हैं। डेयरी उत्पाद, मछली, अनाज, गाजर, ब्रोकोली और स्क्वैश विटामिन ए पाया जाता है।
विटामिन सी
विटामिन सी शरीर के लिए विभिन्न तरीकों से मदद करता है और फेफड़ों को पुरानी बीमारियों से बचाता है। रोजाना विटामिन का पर्याप्त सेवन इम्यून सिस्टम को बढ़ावा दे सकता है और त्वचा में कोलेजन बढ़ा सकता है। स्मोकिंग और प्रदूषण के कारण फेफड़ों में मुक्त कणों और विषाक्त पदार्थों की होने से शरीर में सूजन पैदा हो सकती है।
विटामिन सी मुख्य रूप से खट्टे फलों में मौजूद होता है। यह मुक्त कणों और विषाक्त पदार्थों की सफाई करता है। शरीर को हानिकारक अणुओं से छुटकारा दिलाता है। यह फेफड़े के ऊतकों की क्षति दर को कम करता है।
जर्नल एलर्जी, अस्थमा और क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित, विटामिन सी फेफड़ों के कार्य में सुधार कर सकता है। इस पोषक तत्व को प्राप्त करने के लिए आपको खट्टे फल, मिर्च, अमरूद, कीवी, ब्रोकोली, केल और जामुन जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए।
विटामिन डी
दांत और हड्डियों को मजबूत करने के अलावा, विटामिन डी आपको श्वसन संक्रमण से भी बचाता है। यह पोषक तत्व क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के जोखिम को कम कर सकता है। एक अध्ययन के अनुसार, विटामिन डी की कमी से घरघराहट, ब्रोंकाइटिस, अस्थमा और अन्य श्वसन समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।
इस पोषक तत्व का सेवन बढ़ाने से फेफड़ों के कार्यों में सुधार हो सकता है। सूर्य का प्रकाश विटामिन डी का प्रमुख स्रोत है। कुछ अन्य खाद्य पदार्थ जैसे ट्यूना, सैमन, सार्डिन, सीप और अंडे की जर्दी विटामिन डी का सबसे बेहतर स्रोत हैं।