Diabetes sufferers: दुनियाभर में 50 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित, अगले 30 साल में बढ़ जाएंगे इतने करोड़, आंकड़े देख होंगे परेशान!, आखिर क्या है वजह
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: June 23, 2023 17:47 IST2023-06-23T17:28:07+5:302023-06-23T17:47:33+5:30
Diabetes sufferers: यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के स्कूल ऑफ मेडिसिन में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैलुएशन (आईएचएमई) में मुख्य शोध विज्ञानी लियान ओंग ने कहा, ‘‘जिस गति से मधुमेह के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है वह न केवल चिंताजनक है बल्कि दुनिया में प्रत्येक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए चुनौतीपूर्ण भी है।’’

2050 तक बढ़कर 16.8 होने की संभावना है और लातिन अमेरिका एवं कैरेबियाई देशों में यह दर 11.3 प्रतिशत है।
Diabetes sufferers: वर्तमान में दुनियाभर में 50 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं और अगले 30 साल में हर देश में मधुमेह पीड़ितों की संख्या में इजाफा होने का अंदेशा है जो दोगुनी होकर 1.3 अरब तक पहुंच सकती है। ‘द लैंसेट’ में प्रकाशित एक नए विश्लेषण में यह दावा किया गया है।
मुख्य लेखक एवं यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन के स्कूल ऑफ मेडिसिन में इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवैलुएशन (आईएचएमई) में मुख्य शोध विज्ञानी लियान ओंग ने कहा, ‘‘जिस गति से मधुमेह के मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है वह न केवल चिंताजनक है बल्कि दुनिया में प्रत्येक स्वास्थ्य प्रणाली के लिए चुनौतीपूर्ण भी है।’’
शोधकर्ता ने कहा कि लगभग सभी वैश्विक मामलों में 96 प्रतिशत मामले ‘टाइप 2’ मधुमेह (टी2डी) के हैं। ओंग ने ‘ग्लोबल बर्डेन ऑफ डिजीज’ (जीबीडी) 2021 अध्ययन का इस्तेमाल किया और 1990 एवं 2021 के बीच 204 देशों में उम्र एवं लिंग के आधार पर मधुमेह के प्रसार, रोगियों की संख्या और इससे मृत्यु का अध्ययन किया तथा 2050 तक मधुमेह की स्थिति का आकलन किया।
विश्लेषण के अनुसार, हालिया और सबसे अधिक व्यापक गणनाएं दिखाती हैं कि रोग की मौजूदा वैश्विक प्रसार दर 6.1 प्रतिशत है जो इसे मृत्यु एवं निशक्तता के 10 प्रमुख कारणों में से एक बनाती है। अध्ययन से यह पता चला है कि क्षेत्रीय स्तर पर यह दर उत्तर अमेरिका और पश्चिम एशिया में सबसे अधिक 9.3 प्रतिशत है।
जो 2050 तक बढ़कर 16.8 होने की संभावना है और लातिन अमेरिका एवं कैरेबियाई देशों में यह दर 11.3 प्रतिशत है। अनुसंधानकर्ताओं ने यह भी पाया कि मधुमेह के लक्षण विशेष रूप से 65 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में पाए गए हैं।
उक्त जनसांख्यिकीय के लिए 20 प्रतिशत से अधिक की वैश्विक प्रसार दर दर्ज की गयी। क्षेत्रीय आधार पर उत्तर अफ्रीका और पश्चिम एशिया में इस आयु वर्ग में सर्वाधिक दर 39.4 प्रतिशत थी, जबकि मध्य यूरोप, पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया में यह सबसे कम 19.8 प्रतिशत थी।