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मध्य प्रदेश में डेंगू से 3 की मौत, जयपुर में जीका वायरस के मामले 135 हुए, डेंगू-जीका वायरस से बचने के उपाय

By उस्मान | Updated: October 27, 2018 07:33 IST

डेंगू फीवर और जीका वायरस के लक्षणों को पहचानने और तुरंत राहत पाने के लिए आपको एक्सपर्ट द्वारा बताए गए इन तरीकों को अपनाना चाहिए

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मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में डेंगू की बीमारी से पिछले एक सप्ताह में तीन बच्चों की मौत हो गई और 90 लोग बीमार हैं, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉक्टर हरेंद्र सिंह के अनुसार, मुरैना जिले में 1 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक डेंगू के 90 पॉजिटिव मरीज सामने आए हैं। 50 से अधिक मरीजों का इलाज मुरैना से बाहर के अस्पतालों में चल रहा है क्योंकि डेंगू की बीमारी के चलते खून में प्लेटलेट्स गिरने से मरीज जान बचाने के फेर में निजी अस्पतालों में भर्ती होने में रुचि लेते हैं। सिंह ने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिये प्रभावित इलाके में मच्छरों के मारने की दवाई का छिड़काव किया गया है। जिला अस्पताल सहित तहसील मुख्यालय के अस्पतालों में भी उपचार व्यवस्था की गई है। उन्होंने जिले के लोगों से डेंगू के मच्छर को मारने तथा बचने के लिये सलाह भी दी है तथा इसके लिए जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है।

डेंगू फीवर के लक्षणडेंगू में बुखार बहुत तेज होता है और इसके साथ ही कमजोरी चक्कर भी आता रहता है। कुछ लोगों को चक्कर आने की वजह से बेहोशी छा जाती है। रोगी के मुंह का स्वाद बदल जाता है और उसे उल्टियां भी आती हैं। सिरदर्द, बदन दर्द और पीठ के दर्द की भी शिकायत होती है।

- तेज बुखार- शरीर पर लाल चकत्ता पड़ना- सिर, हाथ-पैर और बदन में तेज दर्द- भूख न लगना- उल्टी-दस्त आदि की शिकायत होना 

डेंगू फीवर से राहत पाने का घरेलू उपाय

पपीतापपीते में कई औषधीय गुण हैं। अध्ययन से पता चलता है कि पपीते के बीज एडीस मच्छर के लिए जहरीले हैं। अन्य अध्ययनों में निष्कर्ष निकाला गया है कि पपीता डेंगू रोगियों में तेजी से प्लेटलेट बढ़ाता है। आपको बस कुछ पपीते की पत्तियों को निचोड़कर रस निकालना है और डेंगू से राहत पाने के लिए रोजाना दो बार इसका रस पीना है। 

जयपुर में जीका वायरस के 5 नए मामले सामने आएराजस्थान की राजधानी जयपुर में जीका वायरस से संक्रमण के पांच नये मामले सामने आए है और अब इस वायरस से संक्रमित लोगों की कुल संख्या बढ़कर 135 हो गयी। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जीका वायरस से संक्रमित पांच नये मरीजों के सामने आने के बाद कुल मरीजों की संख्या 135 हो गई है। उन्होंने बताया कि जीका वायरस से संक्रमित 135 मरीजों में से 125 लोग उपचार के बाद अब संक्रमण मुक्त पाये गये है। स्वास्थ्य विभाग ने जीका बीमारी के लिये चिकित्सीय परामर्श और सुरक्षा संबंधी सूचना के लिये एक टोल फ्री हेल्पलाइन नम्बर 18001806127 की सेवा शुरू की है। इस टोल फ्री नंबर की सुविधा सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक चालू रहेगी। उन्होंने बताया कि जीका संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये आज भी कई स्थानों पर फोगिंग के जरिये मच्छरों के लार्वा को नष्ट किया गया।राजधानी में जीका संक्रमण के अधिकतर मामले शास्त्री नगर इलाके में पाये गये है। इलाके में फोगिंग और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिये लार्वा को नष्ट करने के उपाय किये जा रहे है। 

जीका वायरस जीका वायरस से होने वाली बीमारी जितनी खतरनाक है उतनी ही आसानी से यह हमें प्रभावित भी करती हैं। जीका वायरस मच्छरों के काटने से होने वाली एक वायरल बीमारी है। इसका वाहक येलो फीवर फैलाने वाले एडीज इजिप्टी मच्छर होते हैं। जीका वायरस जानलेवा नहीं होता लेकिन इसके कारण गर्भवती महिलाओं को बहुत खतरा होता है। इस वायरस की वजह से गर्भ में पल रहे बच्चे का मस्तिषक पूरी तरह विकसित नहीं हो पाता है और यह एक स्थाई समस्या बन जाती है। जीका वायरस से प्रभावित शख्स को काफी तेज बुखार आता है, जोड़ों में दर्द होता है और शरीर पर रेशेज (लाल धब्बे) हो जाते हैं। 

जीका वायरस का इलाजइस वायरस का कोई टीका नहीं है, न ही कोई उपचार है। इस संक्रमण से पीड़ित लोगों को दर्द में आराम देने के लिए पैरासिटामॉल (एसिटामिनोफेन) दी जाती है। जीका वायरस को फैलाने वाले मच्छर से बचने के लिए वही उपाय हैं जो आप डेंगू से बचने के लिए करते आए हैं। जैसे मच्छरदानी का प्रयोग, पानी को ठहरने नहीं देना, आस-पास की साफ-सफाई, मच्छर वाले एरिया में पूरे कपड़े पहनना, मच्छरों को मारने वाली चीज़ों का इस्तेमाल और खून को जांचे बिना शरीर में ना चढ़वाना। 

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