दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में, वायु प्रदूषण में ज्यादा तबाही मचा सकता है कोरोना, जानिये बचने के उपाय
By उस्मान | Published: October 22, 2020 02:43 PM2020-10-22T14:43:21+5:302020-10-22T14:43:21+5:30
अमेरिकी शोधकर्ताओं का कहना है कि वायु प्रदूषण में कोरोना वायरस का संक्रमण और ज्यादा खतरनाक हो सकता है
दिल्ली में बृहस्पतिवार की सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 254 रहा और प्रदूषण का स्तर“खराब” की श्रेणी में ही रहा। सरकारी एजेंसी ने यह जानकारी दी । केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) एवं अन्य एजेंसियों ने दिल्ली की वायु गुणवत्ता में सुधार का पूर्वानुमान लगाया था लेकिन यह बुधवार की तरह बृहस्पितवार को भी खराब की श्रेणी में ही रहा।
सीपीसीबी के अनुसार बुधवार को दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 256 था। उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 के बीच 'संतोषजनक', 101 और 200 के बीच 'मध्यम', 201 और 300 के बीच 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 'गंभीर' माना जाता है।
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की संस्था ‘सफर’ ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि 23 और 24 अक्टूबर को वायु की गुणवत्ता खराब से बहुत खराब के बीच रहेगी।
प्रदूषण और कोरोना वायरस
इस बीच अमेरिका में हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि लंबे समय तक शहरी प्रदूषण, खासतौर पर नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड के संपर्क में रहने पर कोविड-19 और प्राणघातक हो सकता है।
अमेरिका स्थित इमारत विश्वविद्यालय के दोहे लिंग ने कहा, 'प्रदूषण के अल्पकालिक और दीर्घकालिक संपर्क की स्थिति में मानव शरीर पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तंत्रगत प्रभाव ऑक्सीडेटिव दबाव, शोथ और श्वास संक्रमण के खतरे के रूप में पड़ता है।'
वायु प्रदूषण के प्रदूषकों और कोविड-19 की तीर्वता के बीच के संबंध का पता लगाने के लिए अनुसंधानकर्ताओं ने दो प्रमुख नतीजों - कोविड-19 के पीड़ित मरीजों की मृत्यु और आबादी में कोविड-19 होने वाली मौतों की दर - का अध्ययन किया।
एम्स में मेडिसिन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ नीरज निश्चल के अनुसार, इस साल कोविड-19 का प्रकोप है। सामान्य सर्दी जुकाम की तरह प्रदूषण का स्तर बढ़ने से इस वायरस का संक्रमण बढ़ने की आशंका है। हमें मामलों में और वृद्धि देखने को मिल सकती है।'
सफदरजंग अस्पताल में पल्मोनरी, क्रिटिकल केयर एंड स्लीप मेडिसिन विभाग में प्रोफेसर, डा. नीरज गुप्ता के अनुसार, त्यौहार और सर्दी का मौसम कोरोना संकट को और ज्यादा बढ़ा सकता है. पराली जलाने से वायु गुणवत्ता बुरी तरह से प्रभावित होती है।
अपोलो अस्पताल में आंतरिक चिकित्सा के वरिष्ठ सलाहकार डा. सुरंजीत चटर्जी के अनुसार, 'यह कोई नहीं जानता है कि वायरस कैसे व्यवहार करने वाला है। लेकिन, प्रदूषण स्तर बढ़ने और सर्दियां आने से, हमें खुद को सबसे खराब स्थिति का सामना करने के लिए तैयार करने की आवश्यकता है। यह एक खतरनाक संयोजन होगा।'
वायू प्रदूषण से बचने के उपाय
वायू प्रदूषण से बचने के लिए तब तक घर से बाहर न निकलें जब तक प्रदूषण कम नहीं हो जाता है। अगर आप बाहर निकल रहे हैं तो वायु प्रदूषण से बचने के लिए उपाय ये करें...
हो सके तो घर से ही न निकलें
सबसे जरूरी है कि आप घर से बाहर न निकलें और तब तक न निकलें जब तक प्रदूषण कम नहीं हो जाता। आवश्यकता पड़ने पर ही बाहर निकलें और तब अगर आप बाहर निकल भी रहें हैं बचाव के लिए आवश्यक सामान जरुर रख लें।
मास्क लगाकर बाहर निकलें
अगर आप बाहर निकल रहे हैं तो मास्क लगाकर निकलें। हो सके तो पूरा चेहरा ढक लें। एक मास्क को एक बार ही प्रयोग करें। एक ही मास्क का प्रयोग बार-बार करके आप वायरस और कई तरह के इंफेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया की चपेट में आ सकते हैं।
- चश्मा पहन कर ही बाहर निकलें। ताकि आंखों में बैक्टीरिया न फैल सके।
- इसके साथ ही बार-बार हाथों से स्कीन को न छूएं।
- घर के बाहर सड़कों को गीला करके रखें ताकि धूल के दूषित कण हवा में न उड़े पाएं।
वायु प्रदूषण से हो सकती हैं ये बीमारियां
-जुकाम
-सांस लेने में तकलीफ
- आंखों में जलन
- खांसी, टीबी और गले में में इन्फेक्शन
- साइनस, अस्थमा
- फेफड़ों से सम्बंधित बीमारियां
(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)