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राजस्थान में स्वाइन फ्लू से 20 दिन में 54 लोगों की मौत, इस रोग को जड़ से खत्म करेगी किचन की ये एक चीज

By उस्मान | Updated: January 23, 2019 18:56 IST

स्वाइन फ्लू एक प्रकार का वायरल बुखार है जो एच1एन1 वायरस से फैलता है। ठंड की वजह से स्वाइन फ्लू का वायरस और घातक हो जाता है। नाक बहना, छींक आना, सर्दी खांसी, मांसपेशियां में दर्द या अकड़न, सिरदर्द, नींद नहीं आना, थकान, बुखार, गले में खराश आदि स्वाइन फ्लू के मुख्य लक्षण हैं।

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राजस्थान में स्वाइन फ्लू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. मंगलवार को और दो मरीजों की मौत होने के साथ ही इस साल बीमारी से मरने वालों की संख्या 54 हो गयी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार बीकानेर व करौली में स्वाइन फ्लू से एक-एक व्यक्ति की मौत का मामला सामने आया है। विभाग ने राज्य भर में स्वाइन फ्लू की स्क्रीनिंग का सघन जांच अभियान चला रखा है।

स्वाइन फ्लू क्या है? स्वाइन फ्लू एक प्रकार का वायरल बुखार है जो एच1एन1 वायरस से फैलता है। ठंड की वजह से स्वाइन फ्लू का वायरस और घातक हो जाता है। वातावरण में नमी बढ़ने के साथ ही ये ज्यादा तेजी से फैलने लगता है। यही वजह है कि मौसम के बदलने से इसके मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है। इसे इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है।

 

स्वाइन फ्लू के लक्षण  नाक बहना, छींक आना, सर्दी खांसी, मांसपेशियां में दर्द या अकड़न, सिरदर्द, नींद नहीं आना, थकान, बुखार, गले में खराश आदि स्वाइन फ्लू के मुख्य लक्षण हैं। इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। 

ऐसे फैलता है स्वाइन फ्लू- स्वाइन फ्लू का वायरस हवा में ट्रांसफर होता है - खांसने, छींकने, थूकने से वायरस सेहतमंद लोगों तक पहुंच जाता है

स्वाइन फ्लू से ऐसे बचें- बार-बार साबुन और पानी से अपने हाथ धोएं- जब खांसी या छींक आए तो अपने मुंह और नाक को एक टिश्यू से ढक लें - इस्तेमाल किए टिश्यू का तुरंत और सावधानी के साथ निपटान करें। उन्हें एक बैग में डाल कर फिर पात्र में फेंकें- स्वच्छ कठोर सतहों (उदाहरण के लिए दरवाजे के हैंडल) को नियमित साफ रखें - सुनिश्चित करें कि बच्चे इस सलाह का पालन करें

स्वाइन फ्लू के लिए घरेलू उपाय1) तुलसी तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरस गुण पाए जाते हैं। इसे इम्युनिटी सिस्टम मजबूत करने के लिए जानता है। ऐसा नहीं है कि यह स्वाइन फ्लू को बिल्कुल ठीक कर देगी, लेकिन 'एच1एन1' वायरस से लड़ने में निश्चित रूप से सहायक हो सकती है। इसके लिए आपको रोजाना तुलसी की पत्तियां चबानी चाहिए या चाय पीने चाहिए।  

2) गिलोयइसे एक दिव्‍य औषधि माना जाता है। इसका काढ़ा बनाने के लिए इसकी एक फुट लंबी शाखा को लेकर तुलसी की पांच छह पत्तियों के साथ 10 से 15 मिनट तक उबालना चाहिए। ठंडा होने पर इसमें थोड़ी काली मिर्च, मिश्री, सेंधा नमक अथवा काला नमक मिलाएं। इस आपका इम्युनिटी सिस्टम मजबूत बनता है। 

3) लहसुनलहसुन भी मौजूद एंटी-वॉयरल गुण रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा करने में मदद करते है। इसके लिए आप लहसुन की दो कलियां रोज सुबह खाली पेट गुनगुने पानी के साथ लेना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक शक्ति में इजाफा होता है।

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