सर्वे: हल्दी के सेवन से 30 प्रतिशत तेज दौड़ता है दिमाग, घातक बिमारियों को भी करे कंट्रोल
By गुलनीत कौर | Updated: January 25, 2018 11:28 IST2018-01-25T11:27:26+5:302018-01-25T11:28:22+5:30
रिपोर्ट के मुताबिक हल्दी का सेवन करने से दिमाग 30 प्रतिशत तेजी दौड़ने लगता है। हल्दी अल्जाइमर और डिप्रेशन जैसे रोगों को कंट्रोल करने में मदद करती है।

सर्वे: हल्दी के सेवन से 30 प्रतिशत तेज दौड़ता है दिमाग, घातक बिमारियों को भी करे कंट्रोल
तकरीबन सभी भारतीय घरों की रसोई में इस्तेमाल होने वाला मसाला 'हल्दी' बड़ी से बड़ी बीमारी को काट सकता है, इसका खुलासा हाल ही में एक रिसर्च में किया गया। जिसके अनुसार हल्दी के रोजाना प्रयोग से दिमाग भी तेज होता है और डिप्रेशन से भी बचाव होता है।
अंग्रेजी वेबसाइट डेली मेल में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक हल्दी का सेवन करने से दिमाग 30 प्रतिशत तेजी से दौड़ने लगता है। इसके साथ ही हल्दी अल्जाइमर और डिप्रेशन जैसे रोगों को, जो कि व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को आहत करते हैं, उनपर भी कंट्रोल करने में मदद करती है।
अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ता डॉ. गैरी स्मॉल के अनुसार हल्दी में कर्कुमिन नामक तत्व मौजूद होता है जो इसे पीला रंग देता है। इसी तत्व को ग्रहण करने से हमारा दिमाग तेज बनता है। उन्होंने आगे बताया कि हल्दी के नियमित सेवन से गठिया, कैंसर और हृदय रोगों पर भी पहले से ही नियंत्रण पाया जा सकता है।
रिसर्च में 40 प्रतिभागियों को शामिल किया गया, जिनकी उम्र 50 से 90 वर्ष की थी। इनमें से कुछ लोगों को 18 महीने के लिए दिन में दो बार हल्दी में मौजूद तत्व कर्कुमिन का सेवन कराया गया और बाकी बचे लोगों को इतने ही समय के लिए दिमाग तेज करने वाली दवा दी गई। ठीक 18 महीने बाद प्रतिभागियों का टेस्ट लिया गया, कुछ सवाल किए गए और कुछ के तो ब्रेन को स्कैन भी किया गया। इसके बाद जो रिजल्ट आए वे हैरान करने वाले थे।
शोधकर्ताओं के अनुसार 18 महीनों तक कर्कुमिन का सेवन करने वाले लोगों के दिमागों ने 28 प्रतिशत का विकास दर्ज कराया। जबकि वे लोग जिन्हें कर्कुमिन नहीं दिया गया वे स्वस्थ होने के बावजूद भी 'भूलने जैसी' परेशानी का शिकार हो रहे थे।
रिसर्च के निष्कर्ष में शोधकर्ताओं ने बताया कि हल्दी का नियमित सेवन व्यक्ति को आने वाले कई वर्षों तक मानसिक रोगों से बचाता है। यह रिसर्च अमेरिकन जर्नल ऑफ गेरियाट्रिक साइकियाट्री में शामिल की गई है।
फोटो: हेल्दीयूरोप, एमबीसी
