कोरोना वायरस का प्रकोप जारी है और दूसरी लहर में संक्रमितों और मृतकों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ऐसे हालात में प्रयोगशालाओं को लगातार नमूनों की जांच करना चुनौतीपूर्ण लग रहा है। इसे देखते हुए आईसीएमआर ने कोरोना के लिए अब आरटी-पीसीआर और आरएटी टेस्ट के बारे में नए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
अब इन लोगों को नहीं कराना होगा आरटी-पीसीआर टेस्ट
- जारी किए गए नए दिशानिर्देशों के अनुसार, 'आरटी-पीसीआर टेस्ट अब वो व्यक्ति नहीं करा सकता है जिसने पहले भी आरटी-पीसीआर कराया था और वो पॉजिटिव निकला था।
- आरटी-पीसीआर अब उन लोगों के लिए जरूर नहीं है जिसने पहले रैपिड एंटीजन टेस्ट कराया था और वो पॉजिटिव निकला था।
- इसके अलावा, अस्पतालों से छुट्टी पाने वाले व्यक्तियों को दोबारा टेस्ट कराने की आवश्यकता नहीं होगी।
- ऐसे स्वस्थ लोगों को अब आरटी-पीसीआर जरूरी नहीं, जो एक राज्य से दूसरे राज्य जा रहे हैं और उन्हें निगेटिव रिपोर्ट दिखानी है।
- ऐसे लोग जो दस दिनों से होम आइसोलेशन में है और पिछले तीन दिन से बुखार नहीं है।
आरटी-पीसीआर टेस्ट किसे कराना चाहिए?
आईसीएमआर के अनुसार, ऐसे व्यक्ति जिनकी रैपिड एंटीजन टेस्ट में रिपोर्ट निगेटिव है, उन व्यक्तियों को आरटी-पीसीआर टेस्ट कराना चाहिए।
टीके की जानकारी लिखना अनिवार्य हैआईसीएमआर ने आरएटी या आरटी-पीसीआर के लिए टेस्ट फॉर्म में टीकाकरण की स्थिति की जानकारी दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है। यह टीके की एक या दोनों खुराक के बाद भी पॉजिटिव आने वाले लोगों की जानकारी लेने के लिए है।