लाइव न्यूज़ :

COVID-19 test: RT-PCR टेस्ट क्या है, इसकी कीमत कितनी है, यह कहां होता है ?

By उस्मान | Updated: December 2, 2020 10:55 IST

जानिये कोरोना वायरस की जांच के लिए सबसे बेस्ट टेस्ट कौन सा है और क्यों

Open in App
ठळक मुद्देदेश में कोरोना की जांच के लिए इस टेस्ट को माना जाता है बेहतरनिजी और सरकारी लैब में होता है कोरोना टेस्टइस टेस्ट की कीमत राज्यों में अलग-अलग

भारत में कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद से कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिए RT-PCR आरटी-पीसीआर (रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पॉलीमरेज चेन रिएक्शन) टेस्ट किया जा रहा है। कई विशेषज्ञ इसे मानव कोशिकाओं में कोविड-19 वायरस का पता लगाने के लिए सबसे प्रभावी टेस्ट मानते हैं।

भले ही RT-PCR से कोरोना वायरस का पता लग सकता है लेकिन इससे यह पता नहीं लगता है कि कोई व्यक्ति कोरोना की चपेट में कब आया है या कब ठीक हो सकता है।

देश के विभिन्न हिस्सों में आरटी-पीसीआर टेस्ट संक्रमण के प्रसार की जांच करने और संक्रमितों, विशेष रूप से यात्रियों के बीच का पता लगाने के लिए आदर्श बन गए।

RT-PCR कैसे किया जाता है ? इस टेस्ट में डीएनए की एक छोटी मात्रा को व्यक्ति से स्वैब के जरिये लिया जाता है। स्वैब नासोफेरींजल या ऑरोफरीन्जियल हो सकता है, जिसका अर्थ है कि इसे नाक और गले दोनों से नमूना लिया जा सकता है।

यह नमूना आरटी-पीसीआर टेस्ट के लिए भेजा जाता है, जिसमें आरएनए को वायरल डीएनए में बदलने के कई चरण शामिल हैं। अकेले कोविड-19 संक्रमण की जांच के लिए यह परीक्षण विशिष्ट है। यदि कोई व्यक्ति पॉजिटिव आता है तो इसका मतलब है कि वो कोरोना से पीड़ित है।

कहां होता है RT-PCR टेस्टदोनों निजी और सरकारी लैब नमूनों की प्रक्रिया करती हैं और ग्राहकों के साथ रिपोर्ट साझा करती हैं और नमूना संग्रह के 24 घंटों के भीतर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के पोर्टल पर रिपोर्ट अपडेट करती हैं।

आरटी-पीसीआर टेस्ट की कीमतअन्य टेस्ट की तरह, आरटी-पीसीआर टेस्ट की लागत में महामारी की शुरुआत से उतार-चढ़ाव आया है। देश के अधिकांश राज्य परीक्षणों के लिए अलग-अलग शुल्क लेते हैं। आम तौर पर, कोई भी सरकारी अस्पतालों और सुविधाओं में मुफ्त में परीक्षण करवा सकता है। 

राजधानी दिल्ली में निजी प्रयोगशालाओं में इस टेस्ट की कीमत 2400 रुपये थी जिसे 30 नवंबर को 800 रुपये कर दिया गया है। अक्टूबर में उत्तर प्रदेश सरकार ने भी राज्य में निजी प्रयोगशालाओं में आरटी-पीसीआर परीक्षण की लागत 1600 रुपये से घटाकर 600 रुपये कर दी थी।

देश में कोविड-19 के मामले बढ़कर 94.99 लाख से अधिक हुए

देश में कोविड-19 के मामले बढ़कर बुधवार को 94.99 लाख से अधिक हो गए, जिसमें से 89 लाख से अधिक लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 94.03 प्रतिशत हो गई।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से सुबह आठ बजे जारी किए गए अद्यतन आंकड़ों के अनुसार एक दिन में कोविड-19 के 36,604 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 94,99,413 हो गए। वहीं 501 और लोगों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 1,38,122 हो गई।

आंकड़ों के अनुसार कुल 89,32,647 लोगों के संक्रमण मुक्त होने के साथ ही देश में मरीजों के ठीक होने की दर बढ़कर 94.03 प्रतिशत हो गई। वहीं कोविड-19 से मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है। देश में लगातार 22 दिनों से उपचाराधीन लोगों की संख्या पांच लाख से कम है। अभी कुल 4,28,644 लोगों का कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज चल रहा है, जो कुल मामलों का  4.51 प्रतिशत है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

टॅग्स :कोरोना वायरसकोविड-19 इंडियामेडिकल किटमेडिकल ट्रीटमेंटहेल्थ टिप्स
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यBengaluru: सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेक्सुअल हेल्थ के इलाज के लिए बैंक लोन लेकर खरीदी थी जड़ी-बूटी, हो गई किडनी की समस्या, ₹48 लाख का हुआ नुकसान

स्वास्थ्यDinner Timing Matters: सर्दियों में जल्दी खाना क्यों बन सकता है हेल्थ गेम-चेंजर?

स्वास्थ्यअध्ययन: बच्चों में बढ़ती हिंसा और उसके मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव

स्वास्थ्यभारतीय वैज्ञानिकों ने गर्भ के अंदर 'जेनेटिक स्विच' का पता लगाया, गर्भावस्था में हो सकता मददगार

स्वास्थ्यक्या ‘बेरी’ खाना सुरक्षित है? कीटनाशक डाइमेथोएट के बारे में चिंता करना कितना सही

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत