लाइव न्यूज़ :

विशेषज्ञ की चेतावनी, ओमीक्रोन हल्का लेकिन टीका जरूर लगवायें, इन 3 तरह के लोगों को ज्यादा खतरा

By उस्मान | Updated: February 22, 2022 18:18 IST

किसी को ‘हर्ड इम्युनिटी’ के होने का इंतजार नहीं करना चाहिए क्योंकि उस प्रक्रिया में समय लगेगा और बहुत से लोग मर सकते हैं

Open in App

एक शीर्ष महामारी विज्ञान और संचारी रोग विशेषज्ञ ने सोमवार को कहा कि लोगों को जल्द से जल्द खुद को टीका लगवाना चाहिए और यह सोचकर नहीं बैठ जाना चाहिए कि कोविड​​-19 का ओमीक्रोन स्वरूप हल्का है। उन्होंने कहा कि यह वायरस उन लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है जो बुजुर्ग हैं, जिन्होंने टीकाकरण नहीं कराया है और जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) में महामारी विज्ञान और संचारी रोगों के पूर्व प्रमुख डॉ. रमण गंगाखेडकर ने कहा कि किसी को ‘हर्ड इम्युनिटी’ के होने का इंतजार नहीं करना चाहिए क्योंकि उस प्रक्रिया में समय लगेगा और बहुत से लोग मर सकते हैं।

‘हर्ड इम्युनिटी’ संक्रामक बीमारियों के खिलाफ अप्रत्यक्ष रूप से बचाव होता है। यह तब होती है जब आबादी या लोगों के समूह टीका लगने पर या फिर संक्रमण से उबरने के बाद उसके खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते है।

स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने पूछा, ‘‘प्राकृतिक प्रतिरक्षा (संक्रमण द्वारा) की प्रतीक्षा करने के बजाय, यदि हम टीके के माध्यम से प्रतिरक्षा के लिए जाते हैं, तो यह अच्छा होगा और नुकसान कम से कम होगा। संक्रमण होना कभी भी अच्छा नहीं होता है, भले ही वह हल्का हो। आज, यह (ओमीक्रोन) हल्का लग सकता है, लेकिन क्या किसी ने मानव शरीर पर इसके दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में सोचा है।’’

यह पूछे जाने पर कि क्या मौजूदा स्थिति महामारी के अंत की शुरुआत है, गंगाखेडकर ने कहा कि यह डर तब तक बना रहेगा जब तक कि टीकाकरण का दायरा उल्लेखनीय रूप से नहीं बढ़ जाता। उन्होंने कहा कि शोध के अनुसार, ओमीक्रोन स्वरूप में तेजी से फैलने की क्षमता है और यहां तक कि यह टीके से प्रेरित प्रतिरक्षा से भी बचता है।

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थितियों में, यदि अधिक से अधिक लोगों को संक्रमण होता है, तो वायरस आगे बढ़ेगा। हम वायरस को जितना अधिक मौका देंगे, यह उतना ही फैलेगा।’’ 

टॅग्स :ओमीक्रोन (B.1.1.529)कोरोना वायरसकोविड-19 इंडियामेडिकल ट्रीटमेंट
Open in App

संबंधित खबरें

स्वास्थ्यमेरी नाक बंद है, मुझे कैसे पता चलेगा कि यह ‘फीवर’ का लक्षण है या सर्दी का?

स्वास्थ्यपुरुषों और महिलाओं के मस्तिष्क में सैकड़ों जीन अलग-अलग तरीके से काम करते हैं, अध्ययन

स्वास्थ्यJharkhand: अस्पताल की बड़ी लापरवाही, 5 बच्चों को चढ़ाया गया संक्रमित खून; सभी हुए HIV पॉजिटिव

स्वास्थ्यअमानक दवाइयां बाजार में कैसे पहुंच जाती हैं ?

स्वास्थ्यDelhi-NCR में दिल से जुड़ी बीमारियों की जांच में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि, अध्ययन

स्वास्थ्य अधिक खबरें

स्वास्थ्यपराली नहीं दिल्ली में जहरीली हवा के लिए जिम्मेदार कोई और?, दिल्ली-एनसीआर सर्दियों की हवा दमघोंटू, रिसर्च में खुलासा

स्वास्थ्यखांसी-जुकामः कफ सीरप की बिक्री पर लगाम कसने की कोशिश

स्वास्थ्यपुरुषों की शराबखोरी से टूटते घर, समाज के सबसे कमजोर पर सबसे ज्यादा मार

स्वास्थ्यकश्‍मीर की हवा, कोयला जलाने की आदत, आंखों में जलन, गले में चुभन और सांस लेने में दिक्कत?

स्वास्थ्यखतरनाक धुएं से कब मुक्त होगी जिंदगी?, वायु प्रदूषण से लाखों मौत